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चालू खाता क्या हैं, Current Bank Account Meaning

    करंट अकाउंट किसे कहते हैं?

    चालू खाता क्या हैं,

    Current Bank Account Meaning

    चालू खाते का उपयोग व्यापारियों के द्वारा सबसे जायदा किया जाता है, जिन्हें अधिक लेनदेन की आवश्यकता होती है. बैंक द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा के माध्यम से द्वारा लेनदेन में आने वाली समस्यों में कमी आयी है, क्योंकि बैंकों द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा से व्यापारी लोगों पर लेनदेन के कारण आने वाला अतिरिक्त दबाव कम हो गया है और लेनदेन की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है. यह सुविधा लाभार्थी को कैसे मिलेगी एवं इसके लाभ और इसी तरह की कुछ अन्य विवरण के बारे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं। 

    Current account kya hota hai


    चालू खाता क्या है ? (What is Current Account ?)

    करंट अकाउंट किसे कहते हैं?

    चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है। चालू खातों का उपयोग आमतौर पर पेशेवर, छोटे व्यवसाय और उद्यमी करते हैं।


    चालू खाते में पैसे जमा करवाना, निकलवाना आदि काम शामिल होते हैं. चालू खाता किसी भी सहकारी और वाणिज्यिक बैंक में खोला जा सकता है. इस खाते का बचत खाते के ऊपर यह लाभ है कि हम चालू खाते में बिना कोई पूर्व सूचना दिए बैंक से पैसे निकाल सकते हैं या खाते में डाल भी सकते हैं. भारत में चालू खाता 5,000 रूपए से लेकर 25,000 रुपए तक खोला जा सकता है



    चालू खाता क्यों महत्वपूर्ण है ? (Current Account Importance)

    चालू खाता सार्वजनिक उद्यमों, कंपनी, फर्म्स इत्यादि में बहुत लोकप्रिय है. इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण है कि इन संस्थानों में नियमित रूप से लेनदेन होता है और ऐसे में बचत खाता इस तरह के कामों के लिए सरल रूप से काम नहीं कर पाता है इसलिए हमें चालू खाते की जरूरत होती है. चालू खाता एक तरह से शून्य खाते की तरह होता है, जिसमें कितना लेनदेन किया जाये इसकी कोई हद नहीं होती हैं और इसीलिए चालू खाते का महत्व इतना बढ़ जाता है. कोई दूसरा खाता इतना सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता है. इस खाते में लेनदेन की कीमतें जायदा होती हैं और यह भी पूर्व निर्धारित नहीं होता है कि एक माह में कितनी बार लेनदेन होगा. इसलिए चालू खाता व्यपारियों के लिए बहुत ही महत्व रखता है.





    चालू खाते की आवश्यकता किसे होती है ? (Who Need Current Account)


    चालू खाते की सबसे जायदा जरूरत बड़े व्यापारियों, निजी एवं सार्वजनिक व्यापारी, फर्म्स आदि को है, जिन्हें भारी मात्रा में एक साथ और नियमित रूप से बार बार लेनदेन करने की आवश्यकता होती है. ऐसे में अन्य कोई भी खाता इस तरह के लेनदेन को संभाल नहीं सकता है. इसलिए बैंकों ने व्यापारियों को चालू खाते की सुविधा दी है, जिससे की भारी मात्रा में होने वाले लेनदेन को आसान बनाया जा सके.




    चालू खाते की विशेषताएं (Current Account Features and Benefits)

    चालू खाते का मकसद है कि व्यापारी लोग बिना किसी परेशानी के लेनदेन आसानी से कर सकें. अगर आपको अपने किसी काम के लिए जायदा पैसों का भुगतान करना है, तो आप चालू खाते से आसानी से कर सकते हैं. 


    चालू खाते में बिना किसी रुकावट के कितना भी लेनदेन किया जा सकता है


    भारत में चालू खाता 5,000 रुपए से 25,000 रुपए में बैंकों में खुलवाया जाता है. इसकी कीमत बचत खाते से अधिक है अर्थात् चालू खाता बचत खाते से अधिक रुपए में खुलता है


    चालू खाते में न्यूनतम पैसे रखने का प्रावधान है. अगर आपके चालू खाते में न्यूनतम राशि से पैसे कम है तो आपको दंड देना पड़ेगा


    चालू खाते में लेनदेन के लिए कोई भी न्यूनतम सीमा नहीं है. बैंकों द्वारा दिए जाने वाले इस सेवा ने इस खाते की लोकप्रियता में बढ़ावा दिया है. आप अपने चालू खाते में कितनी बार भी लेनदेन कर सकते हैं


    अगर आपको एक दिन में निश्चित से अधिक रकम निकलवानी हो तो आप कुछ अतिरिक्त शुल्क देकर कितनी बार भी अपनी मनचाही रकम निकलवा सकते हैं


    पहले सिर्फ बचत खाते में ओवरड्राफ्ट की सुविधा थी परन्तु अब आप चालू खाते में भी ओवरड्राफ्ट सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके अनुसार आप अपने खाते में जमा राशि से अधिक पैसे निकलवा सकते हैं.


    अब कुछ बैंकों के द्वारा चालू खाते में जमा राशि पर ब्याज की सुविधा देनी शुरू की गई है.


    इस खाते से व्यापारी सीधा ही चेक, ड्राफ्ट आदि से लेनदेन कर सकते हैं. इस सेवा से व्यापार में लेनदेन से आने वाली बाधाएं कम हो गई हैं.



    आप अपने चालू खाते को हमेशा के लिए भी चालू रख सकते हैं. चालू खाते को रखने के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है.


    इस खाते के माध्यम से व्यक्ति अपने बैंक की किसी दूसरी शाखा से भी अपने खाते में कुछ मामूली शुल्क देकर पैसे जमा करवा सकता है.


    चालू खाते में लेनदेन हम अपने मोबाईल फोन से भी कर सकते हैं. अगर आपको कोई ज़रूरी लेनदेन करना है या कोई ऐसी स्तिथि आ गई है जैसी कि रात को लेनदेन करना है, तो उस समय बैंक बंद रहते हैं ऐसी स्थिति में आप घर बैठे ही अपने मोबाईल फोन से लेनदेन कर सकते हैं.







    चालू खाते और बचत खाते में अंतर (Difference Between Current Account and Savings Account)



    बचत खाता चालू खाते दोनों ही एक दूसरे से मेल नहीं खाते हैं इनमें बहुत अंतर होता है. दोनों खातों में हमारी अलग तरीके से वित्तीय ज़रूरतों का ध्यान रखा जाता है. दोनों खातों में अलग अलग तरीके से धन का प्रबंधन किया जाता है.


    उपयोग :

    बचत खाते का उपयोग पैसों को बचाने के लिए किया जाता है जिसके कि व्यक्ति अपनी आय का कुछ हिस्सा बचा सके, जबकि चालू खाते का उपयोग नियमित रूप से अधिक मात्रा में किए जाने वाले लेनदेन के लिए किया जाता है.


    किसके लिए लाभदायक :

    बचत खाते का लाभ उन लोगों को होता है जिनकी आय नियमित होती है और जो कि किसी विशेष काम के लिए पैसे जमा करते हैं जैसे कि शादी के लिए, कहीं अवकाश पर जाने के लिए या किसी कार या मोटरसाइकिल खरीदने के लिए, जबकि चालू खाते का लाभ सीधा सीधा व्यापारी लोगों, फर्म्स आदि के लिए है जिन्हें अधिक लेनदेन की जरूरत होती है.


    मासिक लेनदेन :

    बचत खाते में एक सीमा रहती है कि एक माह में हम सिर्फ इतनी बार ही लेनदेन कर सकते हैं. आपको बचत खाते में 3 से 5 लेनदेन की इजाज़त होती है और अगर आप इससे जायदा बार लेनदेन करते हैं तो आपको शुल्क देना पड़ता है, जबकि चालू खाते में ऐसी कोई सीमा तय नहीं होती की आप महीने में कितनी भी बार लेनदेन कर सकते हैं क्योंकि चालू खाते का मकसद अधिक लेनदेन को बढ़ावा देना ही है.



    ब्याज :

    बचत खाते में आपको 4 से 6 प्रतिशत ब्याज मिलता है और यह पहले से ही निर्धारित होता है. यह इसलिए संभव है क्योंकि बचत खाते में लेनदेन कि सीमा निर्धारित होती है, जबकि चालू खाते में लेनदेन कि कोई सीमा निर्धारित नहीं होती है तो इसके लिए बैंक कोई भी ब्याज नहीं देते हैं परन्तु अभी कुछ बैंकों ने चालू खाते पर भी ब्याज देना शुरू किया है.


    खाते में जमा न्यूनतम धनराशि :

    न्यूनतम राशि वह राशि होती है जो कि आपके खाते में होनी चाहिए, ताकि आपका खाता बिना किसी रुकावट के सही रूप से चलता रहे. अतः बचत खाते के मुकाबले चालू खाते में यह राशि अधिक रखनी होती है.




    चालू खाता और पूंजी खाते में अंतर (Difference Between Current Account and CapitalAccount)

    चालू खाते के द्वारा व्यापार में वस्तुओं और सेवाओं की निगरानी रखी जाती है जबकि पूंजी खाते के द्वारा अर्थव्यवस्था में पूंजी का लेनदेन देखा जाता है.


    पूंजी खाते की सीमा चालू खाते से जायदा होती है क्योंकि पूंजी खाते में पूंजी का निवेश, खर्च और साथ ही साथ सार्वजनिक लोगों और कंपनी के द्वारा किए गए निवेश की जानकारी भी रखनी होती है.


    चालू खाता एक देश के आयात और निर्यात को देखता है जबकि पूंजी खाता देश के निवेश को देखता है.




    चालू खाते के नुकसान (Current Account Disadvantages)

    आपको खाते के लिए आवश्यक बैलेंस अधिक रखना होता है. और ऐसे में  अधिक राशि बैंक खाते में रखकर भी धारक को कोई ब्याज नहीं मिलता है तो यह उसकी पूंजी के लिए सबसे बड़ा नुकसान है.


    चालू खाता खुलवाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल और लंबी है. चालू खाते में व्यक्ति पर ज्यादा भार होता है क्योंकि आपको अनेक शुल्कों को चुकाना पड़ता है.


    चालू खाते में एक दिन में पैसे के लेनदेन की सीमा निश्चित होती है. अगर आपको इससे जायदा का लेनदेन करना है तो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा.




    चालू खाता कैसे खुलवाएं ? (How to Open a Current Account ?)

    जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चालू खाते का उपयोग व्यापारियों के द्वारा किया जाता है ताकि व्यापारी के लिए लेनदेन आसानी से किया जा सके. इसलिए बैंक चालू खाते के लिए धारकों को कई तरह की सुविधाएं देते हैं जैसे की लेनदेन की कोई अधिकतम सीमा नहीं और बैंक की दूसरी शाखा से आसानी से लेनदेन. चालू खाते को हम अपने व्यापार की जरूरत के हिसाब से नियमित रख सकते हैं. इसके लिए हमें सिर्फ अपनी न्यूनतम राशि को बैंक में जमा रखना पड़ता है. नीचे आपको चालू खाता खुलवाने के लिए तरीके दिए गए हैं :


    चालू खाता खुलवाने से पहले अपनी योग्यता को जांच लें, क्योंकि कई बैंक चालू खाता खुलवाने के लिए जांचते हैं कि आपको चालू खाता क्यों खुलवाना है? जैसे कि आपको चालू खाता सार्वजनिक या निजी व्यापार के लिए खुलवाना है या किसी फर्म के लिए खुलवाना है?


    इसके बाद आप बैंक कि वेबसाइट से चालू खाता खुलवाने के लिए फॉर्म डाउनलोड करें या फिर अपने किसी नजदीकी बैंक से फॉर्म लेकर भर दें. उस फॉर्म में आप पूछी गई सभी जानकारी बिल्कुल सही तरीके से भर दें.


    और अंत में सभी पेपर्स फॉर्म के साथ पिन करें, और बैंक में जमा कर दें.





    चालू खाते के लिए ज़रूरी दस्तावेज (Current Account Required Documents)

    चालू खाता बैंक में ओपन करने के लिए जरूरी हैं कि आप अपने साथ कुछ दस्तावेजों रखें.


    आपके पास सबसे पहले अपने व्यवसाय का सबूत होना चाहिए कि आपका व्यवसाय किस तरह का है? जैसे कोई निजी व्यवसाय है या सार्वजनिक? आप कोई बड़ा व्यापार करते हैं या फर्म में हैं?


    अगर आप बैंक में चालू खाता खुलवाना चाहते हैं तो आपको अपने व्यवसाय का स्थाई पता देना अनिवार्य है. यह कोई बड़ा काम नहीं है क्योंकि अगर आपका खुद का व्यवसाय है तो उसका पता जमा करवाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.


    आजकल kyc को अनिवार्य कर दिया गया है. इसलिए चालू खाता खुलवाने के लिए आपको kyc करवानी होगी. यह एक आसान सी प्रक्रिया है और कुछ ही समय में पूरी हो जाएगी.


    अगर आप व्यापार करते हैं तो आप आयकर भी भरते ही होंगे. बैंक चालू खाता खुलवाने के लिए अपने सभी आयकर के दस्तावेजों को जमा करना पड़ेगा.


    साथ ही साथ चालू खाता खुलवाने के लिए व्यक्ति को कुछ विशेष संस्थानों से प्राधिकरण लेना होगा.


    चालू खाता खुलवाने के लिए फॉर्म के साथ आप इन सभी दस्तावेजों को लगा दें और बैंक में जमा करवा दें. पूरी प्रक्रिया के बाद बैंक आपको खुद सूचित करेगी कि आपका उस बैंक में चालू खाता खुल गया है और आप उसका लाभ ले सकते हैं.



    एकल करंट खाता कौन खोल सकता है?

    करंट खाता सुविधा आमतौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हैं। इस तरह का खाता खोलने के लिए आपके पास निगमन प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन), फर्म या कंपनी के पते का साक्ष्य और आपका पैन कार्ड जैसे दस्तावेज होने चाहिए। कई बैंक जीएसटी पंजीकरण संख्या पर भी जोर देते हैं। नए नियमों के बाद, वे ग्राहक भी चालू खाता खोल सकते हैं जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से कोई लोन सुविधा नहीं ले रखी है और जिनका बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से कम है। हालांकि, ऐसा करते समय बैंक ऐसे ग्राहकों को यह वचनपत्र देने के लिए कह सकते हैं कि यदि उधारकर्ता द्वारा बैंकिंग प्रणाली से लिया जाने वाला क्रेडिट 5 करोड़ रुपए को पार कर जाता है तो वे इस बारे में बैंकों को सूचित करेंगे।


    ये नए मानदंड क्यों?

    यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।


    इससे कौन से चालू खाते होंगे?

    इसका असर उन उधारकर्ताओं के चालू खातों पर पड़ेगा, जिन्होंने दूसरे बैंकों से सीसी/ओडी की सुविधा ले रखी है। बैंक इस बारे में आपको सूचित करने के लिए नोटिस भेजेगा। इसके अलावा, यदि आपने सीसी/ओडी सुविधाओं का लाभ उठाया है और उन फंड को अपने चालू खाते में ट्रांसफर कर दिया है तो आपका खाता प्रभावित होगा। यदि आपके पास पहले से एक चालू खाता है और आपने कोई सीसी/ओडी सुविधा नहीं ली है तो आपका खाता बंद नहीं होगा।




    यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?

    अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।

    यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।



    नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?

    इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।


    यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।



    निष्कर्ष

    31 जुलाई तक ऐसे ज्यादातर चालू खाते फ्रीज कर दिए गए थे लेकिन बंद नहीं किए गए थे। समय सीमा बढ़ाने के बाद, बैंक अब नई व्यवस्था के लिए अपने ग्राहकों से माइग्रेशन पथ के बारे में बात करेंगे। अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों के साथ बात कर इन मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने का प्रयास करेंगे। जिन खातों को फ्रीज कर दिया गया है, उन्हें अब फिर से खोला और चालू किया जा सकता है क्योंकि आरबीआई ने (इन नियमों को) लागू करने की तिथि बढ़ा दी है।


    चालू खाते से अनेक लोगों को लाभ मिला है. जो व्यापारी पहले बैंकों के लेनदेन की प्रक्रिया से परेशान रहते थे, अब उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. पहले व्यापारी लोग अधिक धनराशि का लेनदेन एक ही समय पर एक साथ नहीं कर पाते थे और एक माह में कुछ निश्चित बार ही लेनदेन कर पाते थे, परन्तु अभी बैंकों के चालू खाते की मदद से व्यापारी अपनी जरूरत के हिसाब से धनराशि का भुगतान अनगिनत बार कर सकते हैं. चालू खाता खुलवाने की प्रक्रिया थोड़ी सी मुश्किल ज़रूर है, परन्तु एक बार चालू खाता खुलने के बाद उसके लाभों का आनंद लिया जा सकता है.




    FAQ People also ask

    Q : यदि हम चालू खाता व्यक्तिगत खोलना चाहते हैं तो क्या हम खोल सकते हैं ?

    Ans : जी हाँ, चालू खाता को आप व्यक्तिगत, फर्म के साथ पार्टनरशिप में, प्राइवेट या पब्लिक किसी कंपनी के लिए, किसी विशेष एसोसिएशन, समाजिक या ट्रस्ट आदि किसी के लिए भी खोला जा सकता हैं.


    Q : क्या हम बचत खाते को चालू खाते में बदली कर सकते हैं ?

    Ans : नहीं, ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं कि आप बैंक में किसी भी खाते को बदली करें. यदि आप बचत खाता नहीं चाहते हैं तो आप उसे बंद करा कर दूसरा चालू खाता खुलवा सकते हैं.


    Q : चालू खाते में सबसे कम कितनी राशि होनी जरुरी है ?

    Ans : जब बैंक में चालू खाते को बनवाने के लिए जाया जाता हैं तो आपको उस खाते में जमा करने के लिए कम से कम 10 हजार रूपये बैंक में लेकर जाना होता हैं.


    Q : क्या चालू खाता आयकर के दायरे में आता हैं ?

    Ans : जी नहीं, एक व्यापारी अपने चालू खाते से बिना किसी सीमा के और साथ ही बिना किसी टैक्स के भुगतान के नगद लेनदेन कर सकता हैं.


    Q : क्या वेतन खाता ही चालू खाता हैं ?

    Ans : नहीं, वेतन खाता चालू खाता नहीं हैं, लेकिन इसे बचत खाता के रूप में माना जा सकता हैं, क्योंकि इसमें आपका वेतन क्रेडिट होता हैं और इसमें हमें मिनिमम बैलेंस बनाये रखने की आवश्यकता नहीं होती हैं


    Q : व्यवसाय के लिए सबसे उपयुक्त खाता कौन सा होता है?

    Ans : चालू खाते की आवश्यकता किसे होती है (Who Need Current Account) चालू खाते की सबसे जायदा जरूरत बड़े व्यापारियों, निजी एवं सार्वजनिक व्यापारी, फर्म्स आदि को है, जिन्हें भारी मात्रा में एक साथ और नियमित रूप से बार बार लेनदेन करने की आवश्यकता होती है. ऐसे में अन्य कोई भी खाता इस तरह के लेनदेन को संभाल नहीं सकता है


    Q : एनआरआई अकाउंट कैसे खोलें?

    Ans : एनआरई अकाउंट खुलवाना भी आसान है. बैंक इसके लिए ऑनलाइन की सुविधा देते हैं. बैंक के पोर्टल पर फॉर्म भरना होता है. उसका प्रिंट लेकर जरूरी दस्तावेज को सेल्फ अटेस्ट करने के बाद भारत के बैंक के पते पर कुरियर कर देने से खाता खुल जाता है


    Q : करंट अकाउंट में कितना पैसा रख सकते हैं?

    Ans : करंट अकाउंट में 5,000 रुपये बैलेंस रखना होता है. एसबीआई में हर वह व्यक्ति करेंट अकाउंट ओपन कर सकता है जिसके पास वैलिड केवाईसी है. -इसमें पहला 50 चेक की बुक फ्री में मिलती है. -मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, पहले साल फ्री एटीएम कार्ड भी दिए जाते हैं.


    Q : बैंक में खाता खोलने के लिए क्या चाहिए?

    Ans : बैंक में खाता खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट | (Documents Required to Open An Account With a Bank)


    • तीन पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)

    • आधार कार्ड (Aadhaar Card)

    • ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License)

    • वोटर आई-डी कार्ड (Voter ID Card)

    • बिजली बिल (Electricity Bill)

    • टेलीफोन बिल (Telephone Bill)


    Q : करंट अकाउंट के लिए सबसे अच्छा बैंक कौन सा है?

    Ans : आईसीआईसीआई बैंक व्यापार बैंकिंग में आपके अपने नियमित व्यापार लेनदेनों के लिए चालू खाता उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। ये उत्पाद छोटे खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों, स्वरोजगार पेशेवरों और 2 करोड़ से कम के वार्षिक कारोबार वाले ऐसे अन्य व्यवसायों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।


    Q : व्यापार खाते से आप क्या समझते हैं?

    Ans : एक निश्चित अवधि के अंतगर्त व्यापार से होने वाले सकल लाभ या सकल हानि की जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यापारी जो खाता तैयार करता है, उसे व्यापार खाता या व्यापारिक खाता कहते हैं। तो इस तरह व्यापारिक खाते का आशय एक ऐसे खाते से है जिससे माल के क्रय-विक्रय के द्वारा सकल लाभ या हानि का ज्ञान होता है।

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