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भारत में व्यवसाय के लिए सरकार व बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन Different Types of Small Business loans through bank and Government in India

    भारत में व्यवसाय के लिए सरकार व बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन

    Different Types of Small Business loans through bank and Government in India

    भारत में लघु व्यवसाय के लिए शीर्ष 5 सरकारी लोन स्कीम

    2020 की पहली तिमाही की वर्ल्ड इकोनॉमी रिपोर्ट (World Economy Report) के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने संकेत दिया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा SME द्वारा योगदान दिया जा रहा है। इसलिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इसके लिए सरकार ने छोटे व्यवसायों के लिए ऋण की शुरुआत की है जिसके माध्यम से व्यवसाय के मालिक अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह सहायता सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में और आगामी व्यावसायिक उपक्रमों को प्रभावी ऋण प्रदान करने के लिए बैंकों के लिए योजनाएं तैयार करने के माध्यम से भी है।

    Bharat ke sabhi Loan Yojana

    यह वर्किंग कैपिटल, टर्म लोन, कच्चा माल की खरीद, बिल डिस्काउंटिंग, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम, मार्केटिंग में मदद के रूप में हो सकती है, जिन्हें सरकार समृद्ध बनाना चाहती है। ऐसी योजनाओं के संचालन की देखभाल के लिए सरकार विशेष ट्रस्ट फंड बना सकती है या संस्थान या विभाग स्थापित कर सकती है। यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि छोटे व्यवसायों को सरकार की इन योजनाओं के बारे में पता होना चाहिए, ताकि वे इसका लाभ उठा सकें और राष्ट्र के आर्थिक मूल्यवर्धन में योगदान कर सकें।


    हाल ही में भारत को विश्व का इकलौता सही मायनों में उभरता हुआ बाजार घोषित किया गया था। इस विकास को रफ़्तार देने में देश के माइक्रो, छोटे व मध्यम एंटरप्राइज़ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। एसएमई (SME) सेक्टर का जीडीपी में कुल योगदान 40% है और भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए ये रोज़गार का एक अहम ज़रिया हैं। नोटबंदी के बाद के दौर में सरकार ने एसएमई के विकास के महत्व को पहचान कर कुछ नई बिज़नेस लोन स्कीम शुरू करने के साथ पहले की स्कीम को भी बेहतर किया है। यहाँ हम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई 5 सबसे बेहतर लोन स्कीम के बारे में बताएँगे जिनका इस्तेमाल करके आप छोटे बिज़नेस को फाइनेंस करने का लाभ उठा सकते हैं।


    जब आप कोई व्यवसाय शुरू करते हैं, तो आपको कुछ चीजों की आवश्यकता होती हैं, जैसे कि स्थान, कच्चा माल, मशीनरी, वित्त आदि. लेकिन आपको बता दें कि इनमें से जिस चीज की सबसे पहले जरुरत पड़ती हैं वह है लोन, जी हां जब आपको कोई व्यवसाय शुरू करना होता हैं, तो आपको उसके लिए लोन बैंक या अन्य संसाधनों से लेना पड़ता है. अब बात आती है कि लोन होता क्या हैं, आखिर कौन – कौन से प्रकार के लोन लेकर एक व्यवसाय को शुरू किया जा सकता हैं. तो चलिए आपके सारे सवालों के जवाब हम आपको इस लेख के माध्यम से आप तक पहुँचाते हैं।


    अगर आप कोई नया बिज़नेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं और उसके लिए आपके पास पैसे नहीं हैं और साथ ही आप लोन लेने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है। नया व्यवसाय शुरु करने के लिए आप सरकारी बिज़नेस लोन (Business Loan) ले सकते हैं। सरकारी बिज़नेस लोन स्कीम में माइक्रो/ अति-छोटे, स्मॉल/ छोटे और मीडियम/ मध्यम व्यापरियों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं को प्राथमिक तौर पर लोन दिया जाता है।


    सरकारी बिज़नेस लोन स्कीम कई तरह की है और आधुनिक व्यापारी विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों के ज़रिए अपने लिए बेहतर लोन चुक सकते हैं। आइए आपको आगे बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा बिज़नेस लोन (Business Loan) के प्रकार, विशेषताएं और लोन लेने की योग्यता क्या है।


    लोन क्या है ? (What is Loan ?)

    जब किसी व्यक्ति या कम्पनी को अपने किसी काम के लिए वित्त की आवश्यकता होती है, तो वह बैंक्स, कमर्शियल लेंडर्स या व्यक्तिगत रूप से किसी से उधार में पैसे लेता हैं, जिसे उसे निर्धारित सीमा के अंदर एवं ब्याज के साथ चुकाना पड़ता हैं, तो उसे लोन कहा जाता हैं. लेकिन लोन कई तरह के होते हैं, जोकि इस बात पर निर्भर करते हैं, कि आपको किस उद्देश्य के लिए लोन लेना है. इसके साथ ही आप जिस भी संस्थान से लोन लेते हैं, उसका अपना एक मापदंड होता है, जिस पर आपको खरा उतरना होता हैं और तब आपको लोन प्राप्त होता है.


    लोन या ऋण कितने प्रकार के होते है (Type of Loans)

    लोन कई तरह के होते हैं, जिसे आप अपने किसी भी काम के लिए ले सकते हैं. जैसे यदि आप अपने किसी व्यक्तिगत काम के लिए लोन लेते हैं, तो उसे हम व्यक्तिगत लोन (personal loan) कहते हैं, घर बनवाने के लिए लिया गया लोन होम लोन (home loan) होता है, शिक्षा के लिए लिया गया लोन एजुकेशन लोन (education Loan) होता है. इसी तरह से जब आप अपने किसी भी प्रकार के व्यवसाय को शुरू करने के लिए लोन लेते हैं, तो उसे व्यवसाय लोन (Business Loan) कहा जाता है.


    व्यवसाय लोन क्या है ? (What is Business Loan ?)

    व्यवसाय लोन को बैंक या विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्राप्त किया जाता है. लेकिन आपको बता दें व्यवसाय लोन कई प्रकार के होते हैं, जिसे आप बैंक के अलावा सरकार से भी प्राप्त कर सकते हैं.   


    व्यवसाय लोन के प्रकार (Types of Business Loan)

    व्यवसाय छोटा या बड़ा किसी भी रूप में शुरू किया जाये, आपको कुछ ना कुछ वित्त की आवश्यकता होती ही है, फिर वित्त को आप कहां से प्राप्त कर सकते हैं, यह विचार आपके मन में आ जाता हैं, तो इसके लिए हम आपको बता दें, कि आप निम्न प्रकार के लोन में से किसी भी प्रकार का लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं –


    1. सरकारी लोन योजनाएँ

    2. सीधे बैंक से प्राप्त होने वाले लोन

    3. अन्य व्यवसाय लोन




    सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले लोन (Government Loan Schemes for Small Businesses India)

    सरकारी लोन योजनाएँ

    10 से अधिक लोकप्रिय बिज़नेस स्टार्टअप लोन योजनाएं हैं जो सरकार नए व्यवसायों को प्रदान करती है। व्यवसाय शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ सरकारी लोन योजनाओं की विशेषताएं और लाभ निम्नलिखित हैं:

    किसी भी नये बिज़नस या स्टार्टअप बिज़नस को शुरू करने के लिए सरकार लोगों की मदद करने के लिए कुछ योजनायें लेकर आती रहती हैं, जिससे उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने में वित्तीय रूप से सहायता प्राप्त हो सकें. यहाँ कुछ योजनाओं की जानकारी हम दें रहे हैं, जिसके तहत व्यवसायी लोन प्राप्त कर व्यवसाय कर सकते हैं. 




    1. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PMMY)

    माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड री-फाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संस्था है जो माइक्रो बिज़नेस यूनिट को बिज़नेस फाइनेंस उपलब्ध करवाती है। इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले लोन “ज़रूरतमंद को आर्थिक मदद” की नीति के तहत दिए जाते हैं। कई बार छोटी कंपनियां व स्टार्ट-अप को फाइनेंस के लिए खुद ही रास्ते निकालने पड़ते हैं, इसलिए सरकार ने कम क्रेडिट वाली स्कीम निकाली हैं। मुद्रा लोन भी री-फाइनेंस बिज़नेस लोन होते हैं, जिनकी  मंज़ूरी व वितरण इस स्कीम के तहत आने वाले पब्लिक सेक्टर बैंक, प्राइवेट सेक्टर बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाईटी, छोटे बैंक, शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंक व ग्रामीण बैंक द्वारा किया जाता है। ये लोन आमतौर पर माइक्रो या छोटे बिज़नेस वालों को दिया जाता है, खासतौर पर उन्हें जो मैनुफैक्चरिंग, ट्रेडिंग या सर्विस सेक्टर से जुड़े होते हैं। मुद्रा लोन का वर्गीकरण कुछ इस तरह है:


    1. शिशु :- इस श्रेणी में 50 हजार रूपये तक का लोन लाभार्थी प्राप्त कर सकते हैं, जिसे उन्हें 1% ब्याज दर प्रति माह के आधार पर 5 साल के बाद इसका भुगतान करना होता है.

    • शिशु लोन –  ₹50,000/-तक



    1. किशोर :- इस श्रेणी में लाभार्थी 50 हजार से 5 लाख रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है

    • किशोर लोन –  ₹5,00,000/-तक



    1. तरुण :- अंतिम यानि तरुण श्रेणी में लाभार्थी को 5 लाख से 10 लाख रूपये तक का लोन मिलता है.

    • तरुण लोन –  ₹10,00,000/-तक



    मुद्रा लोन योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री मुद्रा यानी (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड) लोन योजना है, जिसे माइक्रो यूनिट्स और गैर कृषि क्षेत्र में छोटे व्यवसाय के लिए व्यवसाय लोन प्रदान करने के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है. इस योजना में आपको लोन लेने के लिए कोलैटरल की आवश्यकता नहीं पडती है. इस लोन को लाभार्थी कमर्शियल बैंक, आरआरबी, लघु वित्तीय बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा प्राप्त कर सकते हैं. इस योजना में शामिल होने वाले लोग 3 श्रेणी (शिशु, किशोर एवं तरुण) के आधार पर लोन की प्राप्ति कर सकते हैं, जोकि उद्यम के विकास और वित्त पोषण की जरूरतों के चरणों को दर्शाते हैं.


    प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) "फंड द अनफंडेड" के थीम पर काम करती है। भारत सरकार ने सूक्ष्म व्यवसायों को ऋण प्रदान करने के लिए एक सूक्ष्म-इकाई विकास और पुनर्वित्त एजेंसी (MUDRA) संगठन की स्थापना की है। कम लागत और ऋण की कीमत के साथ ये ऋण व्यवसायों के लिए बहुत मददगार साबित हुए हैं।


    MUDRA के तहत बिना किसी बंधक के लोन कृषि, विनिर्माण, रीटेल और सर्विस के क्षेत्रों में प्रदान किए जाते हैं।


    कौन योग्य है :

    • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय के मालिक।

    • गैर-कॉर्पोरेट लघु व्यवसाय (NCSB)। उदाहरण के लिए छोटे उद्योग, सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ।



    सरकार ने नॉन-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे और मध्यम व्यवसायों को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए इस योजना की स्थापना की है। मुद्रा लोन, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों, कॉमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), स्मॉल फाइनेंस बैंक और कॉर्पोरेट बैंक से लिया जा सकता है। इच्छुक आवेदक उपरोक्त संस्थानों में से किसी से संपर्क कर सकते हैं या MUDRA की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।


    योग्यता : ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रोप्राइटरशिप / एंटरप्राइज फर्मों जो गैर कॉर्पोरेट छोटे व्यवसाय हैं,  इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। NCSBs के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:


    • छोटी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स

    • सर्विस सेक्टर की यूनिट्स

    • दुकानदार

    • फल / सब्जी विक्रेता

    • ट्रक ऑपरेटर

    • खाद्य-सेवा इकाइयाँ

    • मरम्मत की दुकानें

    • मशीन ऑपरेटर

    • छोटे उद्योग

    • कारीगरों

    • फूड प्रोसेसर और अन्य


    सभी प्रकार के मैन्यूफैक्चरिंग, व्यापार और सर्विस सेक्टर की यूनिट्स MUDRA लोन प्राप्त कर सकती हैं।


    फिस्कल इनसेंटिव्स :


    MUDRA इन के माध्यम से इनसेंटिव्स प्रदान करता है:


    शिशु: लोन: 50,000 रु. तक

    किशोर: लोन:  50,000 रु. से 5 लाख रु. तक

    तरुण लोन:  5 लाख रु. से 10 लाख रु. तक



    2. स्टैंडअप इंडिया स्कीम (Standup India Scheme) :-

    स्टैंडअप इंडिया स्कीम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष योजना हैं, जिसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए लोन की सुविधा दी जाती हैं. अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना में वे अपना नया मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग या कोई सर्विस यूनिट शुरू करने के लिए सरकार से 10 लाख रूपये से 1 करोड़ रूपये तक की वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होते हैं. इस लोन के तौर पर ली हुई राशि को उन्हें लौटाने के लिए 7 साल की समयावधि दी जाती है. इस योजना के माध्यम से सरकार योजना के लाभार्थी लोगों को नया वेंचर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित एवं उनकी सहायता करती हैं.


    लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) द्वारा शासित, स्टैंड अप इंडिया, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिला उद्यमियों को धन मुहैया कराने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत प्रति बैंक शाखा कम से कम एक एससी / एसटी उद्यमी और एक महिला उद्यमी को 10 लाख रु. से 1 करोड़ रु. तक का लोन प्रदान करती है।


    कौन योग्य है:


    • उधार लेने वाला अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या 18 वर्ष और उससे अधिक की महिला होनी चाहिए।

    • ग्रीन-फील्ड परियोजना के लिए वित्त उधार दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि व्यापार, कृषि, संबद्ध गतिविधियों, विनिर्माण, या सेवाओं के किसी भी क्षेत्र में उधार लेने वाला लाभार्थी का पहली बार उद्यम होना चाहिए।

    • उधार लेने वाला किसी अन्य वित्तीय संस्थान के लिए डिफ़ॉल्ट नहीं होना चाहिए।


    नॉन इंडिविजुअल उद्यम के मामले में कम से कम 51% हिस्सेदारी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या महिला के पास होनी चाहिए।


    योग्यता : इस योजना के लिए व्यापार, मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस सेक्टर योग्य माने जाते हैं। जिन व्यवसायों में मालिकाना अधिकार एक से अधिक व्यक्तियों के पास होता हैं, उनमें न्यूनतन 51% हिस्सेदारी एक SC / ST या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।


    फिस्कल इनसेंटिव्स :


    • इसके तहत प्रोजेक्ट का 75% कवर टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल के तहत दिया जाता है, जिसके लिए 10 लाख रु. से 1 करोड़ रु. का लोन दिया जाता है।

    • ब्याज की सबसे कम लागू दर होगी – (बेस रेट (MCLR)) + 3% + टेन्योर प्रीमियम



    स्टैंड-अप इंडिया सरकार की एक योजना है, जिसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को वित्तीय सुविधा के लिए स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना SIDBI बैंक ने की है। इस योजना के अनुसार प्रत्येक बैंक या बैंक की प्रत्येक शाखा को कम से कम एक अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को विनिर्माण, सेवाओं, व्यापारिक गतिविधियों या कृषि और संबद्ध गतिविधियों के किसी भी क्षेत्र में पहली बार उद्यम स्थापित करने के लिए वित्त या उधार देना आवश्यक है। 

    यदि उधार लेने वाला एक नॉन इंडिविजुअल है तो ऐसे उधारकर्ता को फाइनैन्स करने के लिए उस उद्यम में कम से कम 51% हिस्सेदारी की आवश्यकता होती है। प्रदान किया गया ऋण 10 लाख रुपये से 100 लाख तक है जो कि टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल फाइनेंस दोनों के रूप में हो सकता है।


    वर्किंग कैपिटल सहित परियोजना का 85% लागत लोन कवर करेगा। हालांकि अगर मालिक के योगदान को अन्य उधारों के साथ शामिल किया जाता है, तो स्टैंड-अप इंडिया योजना परियोजना लागत के 15% से अधिक है। ऐसा होने पर अनुमानित ऋण लागू नहीं होगा। इस मामले में उधारकर्ता को परियोजना लागत का न्यूनतम 10% स्वयं के योगदान के रूप में लाना होगा।


    ब्याज की दर संबंधित बैंक के लिए सबसे कम लागू दर है, जो MCLR से अधिक नहीं है (Marginal Cost of Fund-based Lending Rates यानी न्यूनतम दरें जिसके नीचे बैंकों को उधार देने की अनुमति नहीं है) प्लस 3% प्लस टेनर प्रीमियम और 18 महीने की अधिकतम मोरेटोरीयम पीरीअड के साथ 7 वर्षों में चुकाने योग्य है। ऋण के लिए बैंकों द्वारा तय की गई सिक्युरिटी या कॉलेटरल या गारंटी की आवश्यकता होती है। 




    3. 59 मिनट में PSB लोन

    सिर्फ 59 मिनटों में MSME बिज़नेस लोन 

    59 मिनट में MSME लोन 

    शायद, इस वक़्त की सबसे ज़्यादा प्रचलित लोन स्कीम ‘सिर्फ 59 मिनटों में MSME बिज़नेस लोन’ है, जिसकी घोषणा सबसे पहले सितम्बर 2018 में की गई थी। इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले लोन आर्थिक मदद देने और MSME विकास को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते हैं। नए या मौजूदा, दोनों ही तरह के बिज़नेस ₹1 करोड़ तक की आर्थिक मदद लेकर इस तरह के लोन का फ़ायदा उठा सकते हैं। इस लोन की प्रक्रिया पूरा होने में 8-12 दिनों तक का वक़्त लगता है, लेकिन लोन को मंज़ूरी मिलेगी या नहीं, इसका फ़ैसला लोन के लिए अप्लाई करने के 59 मिनटों के अंदर ही हो जाता है। यह एक तरह की री-फाइनेंसिंग स्कीम है, जिसमें 5 अधिकृत पब्लिक सेक्टर बैंक लोन के लिए फंड प्रदान करेंगे। ब्याज की दर आपके बिज़नेस और क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर करती है। मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) या ब्याज पर सब्सिडी देने पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।

    इस स्कीम के तहत बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आपको जीएसटी वेरिफिकेशन, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन, बैंक अकॉउंट के पिछले 6 महीनों के स्टेटमेंट, बिज़नेस के मालिकाना हक़ से जुड़े डॉक्यूमेंट व केवाईसी विवरण की ज़रूरत पड़ेगी। इस बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करने व उसकी मंज़ूरी से जुड़ी अन्य जानकारी आपको SIDBI पोर्टल पर मिल सकती है।


    भारत में क्विक बिजनेस लोन भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए एक पोर्टल के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिसमें 1 लाख से 5 करोड़ तक की राशि का ऋण केवल 59 मिनट में स्वीकृत होता है और प्रोसेसिंग में 8-10 दिन लगते हैं। इस ऋण पर 8.5% का ब्याज दर है। यह नए और मौजूदा व्यवसायों के लिए ऋण सुविधा देता है।


    कौन योग्य है:


    • सैलरी पाने वाला व्यक्ति

    • सभी व्यवसाय जैसे 

    -प्रोपराइटरी कंसर्न

    -पार्टनरशिप फर्म

    -प्राइवेट लिमिटेड 

    -पब्लिक लिमिटेड 

    -अन्य कानूनी संस्थाएं


    आवश्यक दस्तावेज़:


    • उधारकर्ता की आय

    • मौजूदा क्रेडिट फेसीलिटी 

    • बॉरोवर की रिपेमेंट कैपेसिटी

    • GST वेरिफिकेशन

    • इनकम टेक्स वेरिफिकेशन

    • पिछले 6 महीनों का बैंक खाता विवरण।

    • KYC विवरण

    • वित्तीय ऋणदाता द्वारा निर्धारित अन्य डीटेल।


    प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्टार्टअप बिज़नेस और एमएसएमई के लिए सिर्फ 59 मिनट में 5 करोड़ रु. तक के लोन प्रदान करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म psbloansin59minutes नाम के वेब पोर्टल को लॉन्च किया था। सरकार ने पूरे भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए इस बिज़नेस लोन योजना की शुरुआत की थी। इस सुविधा की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:


    • आर्थिक सहायता तेज़ी से प्राप्त: आमतौर पर ऐसी लोन प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगभग 7-10 दिन लगते हैं। हालांकि, लोन अप्रूव करने की प्रक्रिया में सिर्फ 59 मिनट लगते हैं

    • लोन राशि:  इस लोन के तहत दी जाने वाली लोन राशि  1 लाख रुपए से 5 करोड़ रुपए तक होती है

    • ब्याज दर:  इस योजना के तहत लागू ब्याज दर 8.50% है

    • क्विक डिसबर्सल:  एक घंटे में लोन स्वीकृत हो जाने के बाद, आप 7-8 कार्य दिवसों में अपने बैंक खाते में धन पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं


    गारंटी-फ्री लोन:  लोन प्राप्त करने के लिए, कोई गारंटी अनिवार्य नहीं है क्योंकि ऑनलाइन पोर्टल सीधे माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है।



    4, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) की सब्सिडी

    नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन सब्सिडी

    राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम सब्सिडी (NSIC)

    छोटे बिज़नेस के लिए NSIC सब्सिडी दो तरह के आर्थिक फ़ायदे देती है – कच्चा माल ख़रीदने में मदद और मार्केटिंग में मदद। NSIC की कच्चा माल ख़रीदने में मदद स्कीम के तहत देशी और विदेशी दोनों तरह का कच्चा माल आता है। मार्केटिंग में मदद के तहत SMEs को फंड दिया जाता है जिससे बिज़नेस अपने प्रॉडक्ट व सर्विस की मार्केट वैल्यू और मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ाते हैं। NSIC ख़ास तौर पर उन छोटे और मध्यम एंटरप्राइज़ को फंड करने की ओर ध्यान देती है जो अपनी मैनुफैक्चरिंग की क्वालिटी व क्वांटिटी को सुधारना/बढ़ाना चाहते हैं।


    NSIC एमएसएमई के तहत एक सरकारी उद्यम है, जो ISO द्वारा प्रमाणित है। इसका उद्देश्य देश भर में वित्त, मार्केट, तकनीकी उन्नति और अन्य व्यवसाय संबंधी सेवाओं सहित सेवाएं प्रदान करके MSMEs के विकास का समर्थन करना है। NSIC ने MSME के विकास को बढ़ावा देने के लिए दो योजनाएं शुरू की हैं, जो यह हैं:


    मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम -

    यह योजना कंसोर्टिया ओर टेंडर मार्केटिंग, सिंगल प्वाइंट रजिस्ट्रेशन, इंफोमेडियरी सर्विस, मार्केटिंग इंटीलोजेंस, स्पेस मार्केटिंग, मशीनों और उपकरणों की बिक्री, और अन्य डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों के लिए योजनाएं तैयार करके किसी भी व्यवसाय के विकास का समर्थन करती है। इस तरह की योजना महत्वपूर्ण है, क्योंकि MSMEs को मौजूदा प्रतिस्पर्धी बाजार में बढ़ने के लिए उनकी सहायता करनी चाहिए।


    क्रेडिट सपोर्ट स्कीम -

    NSIC का उद्देश्य कच्चे माल की खरीद के लिए सहायता के माध्यम से MSMEs को समर्थन देना है, जो MSME को उनकी मुख्य निर्माण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। समर्थित क्रेडिट 180 दिनों तक है और स्वीकृत बैंकों से बैंक गारंटी के रूप में सुरक्षा आवश्यक है।

    क्रेडिट सपोर्ट स्कीम के लिए ब्याज दरें नीचे दी गई हैं:


    सरकार दो फाइनेंशियल मदद –

    मार्केटिंग सहायता और कच्चा माल सहायता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम सब्सिडी (NSICS) के तहत छोटे व्यवसायों को सहायता प्रदान करती है:  इसके लाभ निम्नलिखित हैं:


    कॉस्ट फ्री टेंडर्स: 

    मार्केटिंग असिस्टेंट कार्यक्रम के तहत, छोटे व्यवसायों (SSI) को बिना किसी लागत के टेंडर्स तक पहुँच प्राप्त होगी


    किसी भी सिक्योरिटी डिपॉज़िट की आवश्यकता नहीं है:  SSI (छोटे व्यवसायों) को लोन प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार की गारंटी या कुछ गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं है।


    भूमि और भवन फाइनेंस: SSI (छोटे व्यवसाय) के प्रोजेक्ट की लागत 25 लाख रु. से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह योजना भूमि और भवन विभाग के लिए आर्थिक सुविधा प्रदान करती है।




    5. MSME के लिए सिडबी मेक इन इंडिया सॉफ्ट लोन फंड (SMILE)

    एमएसएमई (MSME Loan) :-

    एमएसएमई का पूरा नाम माइक्रो स्माल एवं मीडियम इंटरप्रेनुएर्स है, जिसके तहत उद्यमों को सरकार द्वारा लोन की सुविधा दी जाती हैं. इसके लिए लाभार्थी केवल लघु उद्योग ही शुरू कर सकते हैं. साथ ही इसमें पात्र होने वाले सभी उद्यमी 10 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं. और आपको बता दें, कि इसके लिए आवेदन भी ऑनलाइन किया जाता हैं, जिसकी प्रक्रिया केवल 59 मिनिट की है. जी हां 59 मिनिट के अंदर आप एमएसएमई लोन योजना के साथ जुड़कर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस योजना में लोन की वापसी के लिए ब्याज दर 8 प्रतिशत से शुरू की गई हैं. इस योजना में कोलैटरल कवरेज अनिवार्य नहीं है, क्योकि ये लोन माइक्रो, स्माल एवं मीडियम उद्यम योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट से जुड़े हैं.

    वर्ष 2015 में शुरू की गई, SMILE का संचालन लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) द्वारा किया जाता है । इस योजना का उद्देश्य नए MSME की स्थापना के लिए आवश्यक लोन-इक्विटी रेश्यो को पूरा करने के लिए और मौजूदा लोगों के लिए विकास के लिए सॉफ्ट लोन प्रदान करना है। इस योजना के तहत लागू ब्याज दर 8.36% है।


    योग्यता :

    मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के मौजूदा और नए व्यवसाय इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। अपने व्यवसाय के विस्तार, अपग्रेड या अन्य परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ये लोन मिल सकता है। लोन की अधिकतम अवधि 10 वर्ष है जिसमें 36 महीने की मोराटोरियम अवधि भी शामिल है।


    फिस्कल इनसेंटिव्स :

    • SMILE योजना के तहत दी जाने वाली न्यूनतम लोन राशि 25 लाख रु. है।




    6. क्रेडिट गारंटी योजना (CGS)

    क्रेडिट गारंटी योजना (CGS)

    MSME सेक्टर को लोन वितरण प्रणाली को मजबूत और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा सूक्ष्म और लघु उद्यमों ( CGTMSE ) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट शुरू किया गया था। सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों के साथ-साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और एसबीआई अपने सहयोगी बैंकों के साथ इस योजना के तहत लोन देने वाले संस्थानों में शामिल हैं।


    कौन योग्य है:


    • विनिर्माण उद्योग


    शैक्षिक संस्थानों, सेल्फ हेल्प ग्रुप और प्रशिक्षण संस्थानों को छोड़कर सभी सर्विस देने वाली संस्था।

    योग्यता : खुदरा व्यापार, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि, स्वयं सहायता समूहों (SHG) को छोड़कर, मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस सेक्टर और मौजूदा MSME , प्रशिक्षण संस्थान इस योजना के लिए योग्य हैं।


    फिस्कल इनसेंटिव्स : 


    इस योजना की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:


    • उद्यमियों के लिए MSME की इस योजना में 2 करोड़ रु. तक के टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल लोन की सुविधा है।

    • प्रदान किया गया गारंटी कवर 75% तक है जो कि अधिकतम 1.5 करोड़ रु. तक है

    • छोटे व्यवसायों को 85% तक का कवर प्रदान किया जाता है जो कि 5 लाख रु. तक है

    • MSME रिटेल ट्रेड के लिए, गारंटी कवर डिफ़ॉल्ट 50% है जो कि अधिकतम 50 लाख रु. है


    क्रेडिट गारंटी योजना (CGS) बैंक को गारंटी शुल्क के भुगतान पर MSME को कोलेटरल फ़्री (collateral-free) वित्त प्रदान करती है। यह योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) द्वारा कार्यान्वित की जाती है, जो बदले में MSMEs मंत्रालय और भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (SIDBI) द्वारा स्थापित की जाती है। ऋण की अधिकतम राशि 200 लाख है और महिलाओं को विशेष तरजीह दी जाती है।


    लोन गारंटी कवर की अधिकतम राशि नीचे दिए गए सैंक्शन राशि जितनी होती है,


    1. 500 लाख रुपये तक के क्रेडिट के लिए 75%।

    2. 100 लाख तक के क्रेडिट के लिए 85%।


    सैंक्शन राशि का 1% प्रतिवर्ष तक शुल्क के रूप में लिया जाता है।


    क्रेडिट गारंटी फण्ड स्कीम (Credit Guaranty Fund Scheme) :- क्रेडिट गारंटी स्कीम या क्रेडिट गारंटी फण्ड स्कीम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्कीम हैं, जिसके तहत सूक्ष्म एवं लघु उद्योग शुरू करने वाले लोगों को किसी भी कोलैटरल के बिना लोन की सुविधा प्रदान की जाती है. इस योजना में यदि आपका बिज़नस नया है या पुराना है, दोनों को शामिल किया जाता है. इस योजना के माध्यम से सूक्ष्म एवं पहले जनरेशन के उद्यमों को लघु व्यवसाय लोन सस्ते दामों में प्राप्त होगा. इस योजना में लोन के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की पात्रता एवं उनके व्यवसाय की सफलता को देखते हुए लोन राशि प्रदान की जाती है. इस योजना में भी आवेदक अधिकतम 1 करोड़ रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना सरकार ने स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर शुरू की है


    टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी योजना

    यह स्कीम तकनीकी अपग्रेडेशन को फाइनेंस करके छोटे व्यवसायों को अपनी प्रक्रिया अपग्रेड करने का मौका देती है। यह तकनीकी अपग्रेडेशन संगठन के अंदर कई प्रक्रियाओं जैसे की मैन्युफेक्चर, मार्केटिंग, सप्लाई चैन आदि से जुड़ा हो सकता है। सरकार CLCSS स्कीम के ज़रिए छोटे व मध्यम उद्यमों के माल व सर्विस के उत्पादन का ख़र्च कम करना चाहती है, जिससे वे कीमतों के मामले में घरेलू व अंतराष्ट्रीय मार्केट के साथ मुक़ाबले में रह सकें। यह स्कीम मिनिस्ट्री ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़ द्वारा चलाई जाती है। CLCSS योग्य बिज़नेस के लिए सीधे-सीधे 15% कैपिटल सब्सिडी देती है। हालाँकि, इस स्कीम के तहत सब्सिडी के तौर पर अधिकतम ₹15 लाख की राशि का लाभ उठाया जा सकता है। इस बिज़नेस लोन स्कीम के दायरे में एकमात्र स्वामित्व, पार्टनरशिप वाली फर्म, सहकारी, प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियां आती हैं।


    इस योजना का उद्देश्य MSEs में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन प्रदान करना है। इसका मतलब है कि स्वीकृत 51 उप-क्षेत्रों में 15% की अग्रिम सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह व्यवसायों को उचित तकनीक के साथ तकनीकी संचालित सिस्टम और प्लांट और मशीनरी स्थापित करने में मदद करता है। 


    कौन योग्य है:

    • सूक्ष्म और लघु उद्यम (MSEs) जिनके पास वैलिड UAM संख्या है।




    PMEGP (प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम)

    यह योजना दो स्तरों पर काम करती है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदन प्राप्त होता है जहां खादी और ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करते है। यह स्वीकृत ऋण खाताधारक को राज्य स्तरीय एजेंसी, राज्य KVIC निदेशालय, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (KVIBs), जिला उद्योग केंद्र (DICs) और बैंक के माध्यम से वितरित किया जाता हैं।


    स्वीकार्य क्षेत्र में अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये है और व्यापार क्षेत्र में यह 10 लाख रुपये है। परियोजना लागत के निम्नलिखित प्रतिशत की राशि पर सब्सिडी के रूप में ऋण प्रदान किया जाता है जबकि शेष ऋण बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है।


    श्रेणियाँ

    शहरी 

    ग्रामीण 

    जेनरल 

    15%

    25%

    स्पेशल 

    25%

    35%



    कौन योग्य है:


    • 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति।

    • विनिर्माण के लिए 10 लाख रुपये से अधिक और व्यवसाय या सेवा क्षेत्र के लिए 5 लाख रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए न्यूनतम योग्यता 8वीं कक्षा पास।

    • सब्सिडी केवल नई परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है।

    • पहले से ही किसी अन्य सरकारी योजना से सब्सिडी प्राप्त करने वाली यूनिट योग्य नहीं हैं।




    माइक्रो व छोटे उद्यमों (एंटरप्राइज़) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम

    CGMSE को पहली बार साल 2000 में माइक्रो व छोटे उद्यमों (एंटरप्राइज़) की आर्थिक मदद के लिए लॉन्च किया गया था। ये उन सभी नए व मौजूदा बिज़नेस को कोलेटरल (गिरवी) के बिना क्रेडिट देता है जो इसके पैमाने पर खरे उतरते हैं। इस स्कीम के ज़रिए बिना किसी कोलेटरल(गिरवी) के ₹10 लाख तक के वर्किंग कैपिटल लोन लोन दिए जा सकते हैं। हालांकि, 10 लाख से ज़्यादा व एक करोड़ से कम राशि वाले लोन के लिए आपको ज़मीन या बिल्डिंग को मॉर्गेज या प्राथमिक सिक्योरिटी के तौर पर रखनी होगी और ऐसे योग्य अकॉउंट क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फ़ॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज़ेस (CGTMSE) के तहत कवर किये जाते हैं। लोन की राशि ₹10 लाख से ज़्यादा होने पर लोन सुविधा से बनाई गई बिज़नेस यूनिट से जुड़ी संपत्ति को भी सिक्योरिटी के तौर पर माना जाता है।


    इन बिज़नेस लोन को उन पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों द्वारा फाइनेंस किया जाता है जो इस स्कीम के तहत कवर किये जाते हैं।




    नाबार्ड (NABARD) :-

    नाबार्ड यानि नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) एक ऐसा विकास बैंक हैं, जोकि मुख्य रूप से कृषि, किसान और कॉटेज को सरकार की ओर से लोन प्रदान करता है. इसे छोटी इंडस्ट्रीज एवं गांव में मौजूद इंडस्ट्री के विकास के उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया है. इसमें लाभार्थी मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र के होते हैं और उन्हें केवल 4.5 % की ब्याज दर के साथ इसे चुकाना होता है.





    सीधे बैंक से प्राप्त होने वाले लोन (Banks offering easy loans to business entrepreneurs)

    सीधे बैंक द्वारा जो व्यवसाय के लिए लोन प्रदान किया जाता हैं वह मुख्य रूप से छोटे, मध्यम एवं बड़ी इंडस्ट्रीज जैसे व्यवसायों के लिए दिया जाता हैं, जोकि इस प्रकार हैं –


    मशीनरी या उपकरण लोन (Machinery or Equipment Laon) :-

    इस प्रकार के लोन मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग व्यवसायों के लिए होते हैं, जिसमें आपको उपकरण एवं मशीनरी खरीदने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है. क्योंकि यह बाजार में अधिक कीमत में उपलब्ध होते हैं. इन उपकरणों या मशीनों की खरीद के लिए एवं इसकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए अधिकांश बैंकों के पास विशेष लोन उत्पाद हैं, और यह 25 करोड़ रूपये की ऊपरी सीमा पर होते हैं. हालांकि कुछ बैंकों को 100 करोड़ रूपये से अधिक के लिए उपकरण एवं मशीनरी वित्तपोषण उत्पादों के लिए जाना जाता है. इस लोन के लिए एक निश्चित कार्यकाल भी निर्धारित किया जाता है, और यह 4 से 5 वर्षों की अवधि का हो सकता है. इसमें टर्म डिपाजिट की तुलना में ब्याज की दरें कम हो सकती है. एवं उपकरण या मशीनरी आमतौर पर कुछ अतिरिक्त सुरक्षा के साथ कोलैटरल के रूप में लिया जा सकता है.   



    बिज़नस टर्म लोन (Term Loan) :-

    यदि आपको भवन, भूमि, मशीनरी इत्यादि जैसे दीर्घकालिक संपत्ति के लिए पैसे की आवश्यकता हैं, तो आप टर्म लोन के साथ जा सकते हैं. एक टर्म लोन व्यापार वित्तपोषण का एक सामान्य रूप है. इसमें आपको एक नकद राशि प्राप्त होती है, जोकि उधारकर्ता की आवश्यकता और उसकी पात्रता के अनुसार अलग – अलग होती है. इसे आपको पूर्व निर्धारित अवधि में ब्याज के साथ चुकाना होता हैं. टर्म लोन 2 प्रकार के होते हैं, एक सुरक्षित एवं एक असुरक्षित. सुरक्षित टर्म लोन में आपको कोलैटरल देना होता है. जबकि असुरक्षित टर्म लोन में आपको कोई भी कोलैटरल नहीं देना होता है. आमतौर पर टर्म लोन के लिए अधिकतम कार्यकाल 3 साल असुरक्षित टर्म लोन के मामले में और 15 साल सुरक्षित टर्म लोन के मामले में होता है. सुरक्षित टर्म लोन पर ब्याज दर कम होती हैं, जबकि असुरक्षित टर्म लोन में ज्यादा ब्याज दर होती है. इसमें उधार लेने की मात्रा उच्च है, एवं इसमें फ़ास्ट फंडिंग है. इसे आप बिज़नस के विस्तार के लिए देख सकते हैं. यह उन उधारकर्ताओं के लिए सबसे अच्छा है, जिनके पास अच्छा क्रेडिट और एक मजबूत व्यवसाय है और जो फंडिंग के लिए लंबा इन्तजार नहीं करना चाहते हैं.


    इनवॉइस फाइनेंसिंग (Invoice Financing) :-

    कैपिटल को बढ़ाने के लिए इनवॉइस यानि चालान की छूट एवं वित्तपोषण एक शक्तिशाली उपकरण है. यह छोटे व्यवसायों के लिए वर्किंग कैपिटल खोजने का एक शानदान तरीका प्रदान कर सकता है. जब कोई व्यवसाय चालान उठाता है और जब अंत में भुगतान किया जाता है, तो इसके बीच में अक्सर एक समय अंतराल आता है. ऐसी स्थिति में आप चालान के खिलाफ लोन प्रदान करने के लिए किसी एक बैंक या किसी एक वित्तीय संस्थान से संपर्क कर सकते हैं. चालान राशि का लगभग 80 % लोन के रूप में दिया जाता है, और शेष प्रतिशत तब मिलता है, जब ग्राहक द्वारा पूर्ण रूप से चालान का भुगतान किया जाता है. लोन देने वाला इस राशि से प्रोसेसिंग फीस और ब्याज में कटौती करता है, जोकि आमतौर पर बहुत कम होती है.



    वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan) :-

    वर्किंग कैपिटल वह धन होता हैं जो आपको अपने मासिक बिजली बिलों की तरह दिन – प्रतिदिन के व्यवसायिक खर्चों को पूरा करने के लिए चाहिए होता है. आपकी सभी ऑपरेशनल लागतें वर्किंग कैपिटल के अंतर्गत आती हैं और कुछ लोन आपकी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के तहत तैयार किये जाते हैं. आप 30 लाख रूपये तक का वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त कर सकते हैं. इसमें लोन आमतौर पर 6 से 12 महीने के कार्यकाल के लिए पेश किया जाता है, और इसमें ब्याज की दर 12 % से 16 % तक होती हैं. ये सुरक्षित या असुरक्षित दोनों हो सकते हैं. इसमें निर्माता, सेवा प्रदाता, खुदरा विक्रेता या थोक व्यापारी या आयत  निर्यात में लगे व्यापारी वर्किंग कैपिटल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं.



    अन्य व्यवसाय लोन (Some Other Business Loan through Bnak)

    बैंक द्वारा कुछ अलग तरह के लोन की सुविधा भी दी जाती हैं, जोकि अलग तरह के व्यवसाय के लिए आवश्यक हो सकती हैं, जिसके बारे में जानकारी निम्न प्रकार से हैं –



    एसएमई लोन (SME Loan) :

     जैसा कि नाम से पता चलता है, एसएमई लोन को लघु और मध्यम उद्यम को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने और व्यापार के विस्तार के उद्देश्यों के लिए पेश किया जाता है. एसएमई लोन को मुख्य रूप से स्टार्टअप उद्यमों, लघु और मध्यम उद्यम एवं व्यापार मालिकों द्वारा लाभ उठाया जाता है. इसमें प्रत्येक बैंक या एनबीएफसी एसएमई को लोन प्रदान करने के लिए अलग – अलग ब्याज दरें लगा सकते हैं. प्रदान की गई सबसे कम ब्याज दर 8.50 % है और प्रतिवर्ष 24 % तक जा सकती है. एसएमई लोन के लिए ली जाने वाली ब्याज दर विभिन्न शर्तें जैसे कि कोलैटरल, लोन राशि और लोन की अवधि के प्रावधान पर निर्भर करेगी. हालांकि भारत में लघु उद्योग के लिए सरकार द्वारा कुछ सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. 


    ओवरड्राफ्ट (Overdraft) :-

    ओवरड्राफ्ट बैंक द्वारा दी जाने वाली वह सुविधा हैं, जब आपके चालू खाते या बचत खाते में पैसे नहीं होते हैं, यानि ख़त्म हो जाते हैं लेकिन आपको पैसों की आवश्यकता होती हैं, तो बैंक आपको आपकी जमा राशि से अधिक पैसे निकालने की अनुमति देता है. हालाँकि इसके लिए आपको कोलैटरल देने की आवश्यकता होगी. इसलिए इसे एक तरह का अल्प अवधि लोन भी कहा जाता है. क्योकि इसमें ग्राहकों को पैसे निश्चित सीमा एवं निश्चित ब्याज दर के साथ बैंक को लौटने भी होते हैं. इसमें ब्याज केवल उस राशि पर लगता हैं, जितना आपने बैंक से अपने जमा पैसों से अतिरिक्त पैसा लिया हैं.    

    कोलैटरल फ्री लोन (Collateral Free Loan) :-

    कोलैटरल फ्री लोन या असुरक्षित व्यापार लोन विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए उपयोगी होता है, क्योकि उनके मालिक को किसी व्यवसाय या व्यक्तिगत संपत्ति को लोन की खरीद के खिलाफ कोलैटरल के रूप में आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें आमतौर पर छोटे व्यवसायी स्टार्टअप एवं छोटे व्यवसाय में वित्तीय सहायता के लिए एवं इसे पर्याप्त रूप से स्थापित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं.



    लाइन ऑफ़ क्रेडिट (Line of Credit) :-

    लाइन ऑफ़ क्रेडिट सबसे लोकप्रिय वर्किंग कैपिटल लोन में से एक है, जिसे क्रेडिट इंस्ट्रूमेंट भी कहा जाता है. यह बैंक, वित्तीय संस्थान एवं एनबीएफसी द्वारा व्यक्तियों, व्यवसायों, उद्यमों एवं सरकार को दिया जाता है. क्रेडिट लाइन उधारकर्ताओं को दी जाने वाली एक लोन क्रेडिट है, जिसमें वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कुल स्वीकृत लाइन से भी छोटी राशि का उपयोग कर सकते हैं. लोन राशि को पूर्ण रूप से लेना अनिवार्य नहीं होता है, जैसे कि अन्य लोन लेने पर होता है. उद्यमों एवं उपभोक्ताओं को केवल उधार ली हुई राशि का ही भुगतान करना होता हैं. यह एक स्थायी लोन व्यवस्था की तरह है जो एक व्यवसाय के मालिक के पास अपने बैंक या उधार देने वाली कंपनी के पास होती है.


    लैटर ऑफ़ क्रेडिट (Letter of Credit) :-

    लैटर ऑफ़ क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय में प्रमुख रूप से उपयोग किया जाने वाला एक भुगतान का साधन है, जिसमें एक बैंक उन उद्यमों को मोनेटरी गारंटी प्रदान करता है जो माल के आयात और निर्यात की डील करते हैं. अर्थात एक बैंक विक्रेता को एक पत्र प्रदान करता है, जो उसे यह गारंटी देता है कि खरीददार को भुगतान सही समय पर विक्रेता द्वारा प्राप्त होगा. यह आयात और निर्यात दोनों ही उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है. विदेशों में कारोबार करने वाले उद्यमों को अज्ञात सप्लायरों से डील करना पड़ता है, और उन्हें किसी भी लेनदेन को करने से पहले भुगतान के आश्वासन की आवश्यकता होती हैं. इसलिए सप्लायर्स या निर्यातकों को भुगतान आश्वासन प्रदान करने के लिए लैटर ऑफ़ क्रेडिट महत्वपूर्ण होता हैं. हालांकि इसमें आपको उधार देने वाले व्यक्ति के पास इन्वेंटरी और कैपिटल एसेट्स को गिरवी रखने की आवश्यकता होती हैं, एवं प्रत्येक 12 महीनों में यानि हर साल यह लैटर ऑफ़ क्रेडिट का नवीनीकरण किया जाता है.


    पेशेवर लोन (Professional Loan) :-

    पेशेवर लोन मुख्य रूप से स्व – नियोजित पेशेवरों जैसे कि डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं वकीलों के व्यक्तिगत क्रेडिट हिस्ट्री पर आधारित होता हैं. यह हर बैंक के लिए अलग – अलग हो सकता है, कि वे उस व्यक्ति को कितना लोन दे सकते हैं, जोकि इस बात पर निर्भर करता हैं, कि उस व्यक्ति के बैंक के साथ कैसे संबंध हैं. यह आमतौर पर व्यक्तिगत तालमेल के आधार पर बढ़ता है, और कई उदहारणों में बैंक या वित्तीय संस्थानें गैर – कृषि भूमि, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, सरकारी बांड, बैंक के टर्म डिपाजिट एवं जीवन बीमा पालिसी के असाइनमेंट आदि के लिए कोलैटरल लेकर उन्हें लोन प्रदान करती हैं. हालाँकि यह कोलैटरल उन्हें लोन की बड़ी राशि लगभग 15 से 20 लाख रूपये देने पर लिया जाता है.  


       

    महिला उद्यमों के लिए स्त्री शक्ति पैकेज (Shree Shakti Package for Women Employee) :-

    ऐसी महिलाएं उद्यम जिनका एक छोटे व्यवसाय में 50 % तक का मालिकाना हक होता है, यह योजना उन्ही के लिए हैं. इसके लिए राज्य एजेंसी के द्वारा एक इंटरप्रेंयूर्शिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जाता हैं जिसमें महिला उद्यमों को हिस्सा लेने के लिए कहा जाता है. इसमें महिला उद्यमों को लोन की सुविधा की जाती हैं. यह ऐसी योजना है जिसमें महिला उद्यमों को 2 लाख रूपये से अधिक का लोन लेने पर ब्याज दर में 0.05 % की छूट प्रदान की जाती है



    लोन योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करने का तरीका

    आवेदन कैसे करें?

    छोटे पैमाने के व्यवसायों के लिए सरकारी लोन प्राप्त करने से आपको अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। चूंकि अधिकांश सरकारी लोन बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जाते हैं इसलिए आप लोन लेने के लिए सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। आप बैंक या वित्तीय संस्थान की निकटतम शाखा में जा सकते हैं जो आपको लोन आवेदन प्रक्रिया के बारे मे बताएंगे।


    कुछ ऋणदाता आपको अपनी संबंधित वेबसाइटों पर व्यवसाय लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अनुमति भी देंगे। आप उनकी वेबसाइट पर जा सकते हैं, मौजूद आवेदन पत्र भर सकते हैं, संबंधित दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और जमा कर सकते हैं। एक बार जब आप प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं और बैंक की ओर से वेरीफीकेशन हो जाता है, तो लोन की राशि सीधे आपके द्वारा आवेदन प्रक्रिया के दौरान प्रदान किए गए बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।


    स्टेप 1:  योजना से जुड़े बैंक के ऑफिशियल ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं

    स्टेप 2:  पोर्टल पर रजिस्टर करें और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) वैरिफिकेशन के माध्यम से लॉग-इन करें

    स्टेप 3:  सरकारी लोन योजना के नियमों और शर्तों से सहमत हो कर चेक इन करें

    स्टेप 4:  अपनी फाइनेंशियल और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करें

    स्टेप 5:  फॉर्म को भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें व प्रक्रिया जारी रखें




    सरकारी बिज़नेस लोन (Business Loan) के लिए योग्यता

    इस योजना के लिए योग्य आवेदक के पास नीचे दी गई सभी जानकारी और दस्तावेज होने चाहिए:


    • आवेदक की आयु

    • लोन की राशि

    • व्यापार का प्रकार

    • क्रेडिट स्कोर

    • वार्षिक कारोबार का टर्नओवर

    • मूल निवेश


    सरकारी लोन व्यापारी, स्टार्ट-अप उद्योगों, पार्टनरशिप फर्मों, SMEs, MSMEs, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, बड़े उद्यमों, आदि को दिए जाते हैं। सरकारी बिज़नस लोन के  लिए आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। लोन के लिए आवेदक के पास न्यूनतम व्यावसायिक अनुभव 2 वर्ष का होना चाहिए। लोन स्वीकार के लिए 650 से ऊपर का न्यूनतम क्रेडिट स्कोर आवश्यक है। बैंकों से किसी भी सरकारी ऋण का लाभ उठाने के लिए 


    कुछ बुनियादी योग्यता का मानदंड eligiblity creteria

    योजनाओं के लिए विशिष्ट योग्यता मानदंड के अलावा बैंक आमतौर पर निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर ऋण प्रदान करते हैं जिन्हें पूरा करने की आवश्यकता होती है चाहे यह उल्लेख किया गया हो या नहीं। ये भिन्न हो सकते हैं लेकिन सबसे आम नीचे उल्लिखित हैं। आइए एक नजर डालते हैं उन पर:

    व्यापार के प्रकार

    आर्किटेक्ट, डॉक्टर, CAs आदि जैसे पेशेवरों सहित व्यापार, निर्माण और सेवा क्षेत्र में लगे सभी सूक्ष्म उद्यम।

    आवेदक/लाभार्थी की आवासीय स्थिति

    भारत के निवासी

    आयु सीमा

    आम तौर पर 18 साल से ऊपर।

    25 साल से 66 साल के बीच

    व्यवसाय की स्थिति

    नए या मौजूदा उद्यम





    सरकारी बिज़नेस लोन के लिए जरुरी दस्तावेज

    इन सरकारी योजनाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज एक योजना से दूसरी योजना में अलग हो सकते हैं। हालाँकि, हमने नीचे बिज़नस लोन के लिए ज़रुरी दस्तावेज की लिस्ट दी हुई है:


    • पासपोर्ट साइट फोटो

    • बिज़नस प्लान

    • पहचान, आयु, पता और आय प्रमाणपत्र

    • GST पहचान नंबर

    • पिछले 3 से 5 वर्षों में दिए गए इनकम टैक्स की जानकारी

    • पिछले 6 महीनों के बैंक स्टेटमेंट

    • व्यवसायका पता प्रमाण

    • पिछले 2 वर्षों का ITR

    • आपकी पंसद के लोन की जानकारी

    • कंपनी डायरेक्टर्स या कंपनी/ साझेदारी फर्म के पार्टनर की लिस्ट

    • KYC: इसके लिए उपयोग किए जाने वाले सभी दस्तावेज आवेदक को देने होंगें




    निष्कर्ष (Conclusion)

    इस तरह से इन विभिन्न तरह के लोन सरकार, बैंक एवं विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा छोटे, मध्यम एवं बड़े सभी व्यवसायों और साथ ही स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमों के लिए प्रदान किये जाते हैं. इससे लोगों को अपना व्यवसाय करने में वित्तीय रूप से मदद मिलती हैं. और वे अपने व्यवसाय के मध्यम से खुद की आजीविका भी चला सकते हैं. यदि आप भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और आपको वित्त की आवश्यकता हैं तो आप भी विभिन्न व्यवसाय लोन में से एक व्यवसाय लोन प्राप्त कर सकते हैं. और लाभ उठा सकते हैं.




    अक्सर पूछे जाने वाले संबंधित प्रश्न

    प्रश्न: भारत सरकार द्वारा शुरू की गई लोन स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

    उत्तर: लोन स्कीम के आवेदन के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:

    1. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं

    2. लॉगिन के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया को पूरा करें

    3. नियम और शर्तों से सहमत हों

    4. पोर्टल में आवश्यक अन्य जानकारी दर्ज करें

    5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।


    प्रश्न: सरकारी सब्सिडी और सरकारी लोन में क्या अंतर है?

    उत्तर: सब्सिडी एक प्रकार की सहायता है जो उधारकर्ता पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए दी जाती है। यह फंड देना या ब्याज दरों में कमी आदि के रूप में हो सकता है। इसमें सरकारी लोन भी शामिल हैं। हालांकि सरकारी लोन सरकार द्वारा लोन के रूप में स्वीकृत राशि है जिसे लोन लेने वाले द्वारा लोन की शर्तों के अनुसार चुकाया जाता है।


    प्रश्न: योजनाओं के तहत उपलब्ध न्यूनतम और अधिकतम लोन क्या हैं?

    उत्तर: कोई न्यूनतम सीमा नहीं है।  हालांकि विभिन्न अन्य कारकों के आधार पर संबंधित योजनाओं के अनुसार अधिकतम सीमा निर्धारित की जाती है।


    प्रश्न: बैंक द्वारा लोन स्वीकृत करने के लिए किन बिंदुओं पर विचार किया जाता है?

    उत्तर:

    • लोन लेने वाले की आयु

    • परियोजना में निवेश की गई पूंजी

    • प्रोजेक्ट नया है या मौजूदा

    • व्यवसाय का प्रकार

    • अनुमानित वार्षिक टर्नोवर 

    • व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर

    • मांगे गए लोन की राशि और परियोजना की लागत।


    प्रश्न: बिजनेस लोन कितने प्रकार का होता है?

    उत्तर: बिज़नेस लोन दो प्रकार के होते हैं, सिक्योर्ड और अन-सिक्योर्ड लोन।


    प्रश्न: व्यापार के लिए कौन कौन सी बैंक लोन देती है?

    उत्तर: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अलावा दूसरी कई स्कीम भी हैं, जिनमें आप छोटी रकम से लेकर बड़े लोन तक ले सकते हैं. इस समय केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के हिसाब से आप अपने कारोबार के लिए 50,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं


    प्रश्न: बिजनेस करने के लिए पैसा कैसे मिलेगा?

    उत्तर: बिजनेस बढ़ाने के लिए कहाँ से मिलेगा पैसा? जानिए 5 तरीके


    • कारोबार के लिए बैंक से बिजनेस लोन

    • नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (एनबीएफसी) से बिजनेस लोन

    • क्राउडफंडिंग से धन का इंतजाम

    • सरकारी योजनाओं से धन का इंतजाम

    • बिजनेस बढ़ाने के लिए है एंजेल निवेशक से धन मिलना

    • बिजनेस बढ़ाने के लिए ZipLoan से मिलता है 3 दिन में बिजनेस लोन


    प्रश्न: बिना ब्याज का लोन कौन सा है?

    उत्तर: केंद्र सरकार द्वारा एक योजना चलाई जा रही है जिसका नाम प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना है इसके अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर्स को बिना ब्याज़ के लोन उपलब्ध कराया जाता है। जिससे वे अपना काम नए सिरे से शुरू कर सके और अपना खुद का कोई व्यवसाय शुरू कर सके।


    प्रश्न: नया बिजनेस शुरू करने के लिए लोन कैसे प्राप्त करें?

    उत्तर: प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना 2022

    इस योजना के द्वारा भारत सरकार हर एक माइक्रो बिजनेसमैन को उनकी कंपनी की कैपिटल के ऊपर बिचार करके new business loan प्रदान करता है. यह माइक्रो एवं छोटे बिजनेस योजना का ब्याज अन्ना बिजनेस लोन से बहुत कम होता है. 50,000 से 5,00,000 तक का लोन मिलता है. 50,000 का लोन मिल सकता है.


    प्रश्न: बिज़नेस लोन नहीं भरा तो क्या होगा?

    उत्तर: आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा


    सभी बैंकों और एनबीएफसी से उम्मीद रहती है कि वह भुगतान न होने पर उसकी रिपोर्ट सिबिल (CIBIL) और इक्विफैक्स जैसे क्रेडिट ब्यूरो को दें। रिपोर्ट होने के बाद, यह आपके सिबिल स्कोर को गंभीर रूप से कम कर देगा और इससे आपके लिए भविष्य में किसी भी प्रकार का क्रेडिट/लोन प्राप्त करना कठिन हो जाएगा।


    प्रश्न: क्या आधार कार्ड पर लोन मिल सकता है?

    उत्तर: अगर आप अपने आधार कार्ड के माध्यम से लोन लेना चाहते हैं तो आप घर बैठे ऑनलाइन अपने मोबाइल से ही लोन ले सकते हैं। इसके लिए आपको अपने स्मार्ट फोन में एक एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा उसी के माध्यम से आप 1000 से लेकर 10000 तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप बैंक में लोन लेने जायेंगे तो आपको 50 हजार तक का लोन लेना पड़ेगा।


    प्रश्न: आधार कार्ड पर कितना लोन मिल सकता है?

    उत्तर: आप आधार कार्ड से 1 लाख रूपये तक लोन बडी ही आसानी से प्राप्‍त कर सकते हो वो भी घर बैठे। हालांकि इसके ल‍िए आपको लोन चुकाने में समर्थ भी होना चाहिए अगर आप लोन चुकाने में समर्थ नहीं है तो आपको लोन म‍िलना बहुत ही कठिन हो जायेगा। अगर आप लोन चुकाने में सक्षम ना हो तो आप लोन के ल‍िए अप्‍लाई मत ही करना।







    प्रश्न: धंधे के लिए लोन कैसे लें?

    उत्तर: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत तीन चरणों में लोन दिए जाते हैं. सरकार ने इसे शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन योजना में बांटा है. शिशु लोन योजना- इस योजना के तहत कोई दुकान आदि खोलने के लिए 50,000 रुपये तक का लोन लिया जा सकता है. किशोर लोन योजना- इस योजना में लोन की राशि 50,000 रुपए से 5 लाख रुपये तय की गई है.


    प्रश्न: सरकारी बिज़नस लोन योजनाओं के तहत मिलने वाली न्यूनतम लोन राशि क्या है?

    उत्तर: आवेदक 50,000 रुपए तक की लोन राशि का लाभ ले सकता है।


    प्रश्न: छोटे व्यवसायों के लिए कितनी सरकारी लोन योजनाएं हैं?

    उत्तर: दस से अधिक सरकारी बिज़नस योजनाएँ मौजूद हैं। उनमें से कुछ मुद्रा योजना, 59 मिनट के तहत MSME लोन,  क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना , राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम सब्सिडी, स्टैंड अप इंडिया योजना, कॉयर उद्योग योजना, क्रेडिट गारंटी फंड योजना आदि है।


    प्रश्न: मुझे सरकारी स्मॉल बिज़नस लोन कैसे मिल सकता है?

    उत्तर: आप सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इससे जुड़़े बैंकों से सरकारी स्मॉल बिज़नस लोन प्राप्त कर सकते हैं।


    प्रश्न: मुझे बिज़नेस शुरू करने के लिए लोन कैसे मिलेगा?

    उत्तर:  एक बिज़नेस शुरू करने के लिए अगर आपको 10 लाख रु. की लोन राशि की आवश्यकता है, तो आप आप मुद्रा लोन योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्टार्ट-अप के लिए बिज़नेस लोन (Business Loan) की पेशकश करने वाली कोई भी सरकारी योजना आसान भुगतान विकल्पों के साथ प्रतिस्पर्धी ब्याज दर की पेशकश करेगी।अगर आपको 10 लाख रु. से अधिक की लोन राशि चाहिए तो आप बिज़नेस लोन प्राप्त करने के लिए सीधे बैंक या NBFC से संपर्क कर सकते हैं।NBFC द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरें पब्लिक या प्राइवेट लिमिटेड बैंक बैंकों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक हैं।


    प्रश्न: MSME क्या है?

    उत्तर: MSME एक सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर का मंत्रालय है, जिसे उनके वार्षिक टर्नोवर और व्यावसायिक उद्यमों में किए गए निवेश के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय  (MSME)  मूल रूप से छोटे पैमाने के व्यवसाय हैं जिन्हें उनके निवेश और टर्नओवर के आधार पर बांटा गया है। MSME एक उद्यम है जिसमें प्लांट और मशीनरी में न्यूनतम उपकरण 1 करोड़ रु. और अधिकतम 20 करोड़ रु. के होते हैं


    प्रश्न: योजनाओं के पीछे कर्मियों से कैसे संपर्क करें?

    उत्तर: योजनाओं के पीछे के व्यक्ति से उनकी आधिकारिक वेबसाइटों और उनके ‘Contact Us’ पेज के माध्यम से ब्राउज़ किया जा सकता है।


    प्रश्न: व्यवसाय के लिए कौन सा व्यवसाय लोन सबसे अच्छा है ?

    उत्तर:: व्यवसाय के लिए लोन कौन सा सबसे अच्छा हैं यह कहना मुश्किल है. वैसे सरकार द्वारा दिया जाने वाला लोन किसी भी छोटे व्यवसाय के लिए लेना सबसे अच्छा हो सकता है.


    प्रश्न:  व्यवसाय लोन पर बैंक कितना ब्याज देते हैं ?

    उत्तर: हर बैंक द्वारा व्यवसाय लोन के लिए अलग – अलग ब्याज दरें निर्धारित की जाती हैं. आप जिस भी बैंक में व्यवसाय लोन के लिए आवेदन देंगे वहां जो ब्याज दर निर्धारित रहेगी आपको उसके अनुसार भुगतान करना होगा.


    प्रश्न: भारत में कितनी तरह के लोन दिए जाते हैं ?

    उत्तर: भारत में 20 अलग – अलग प्रकार के लोन प्रदान किये जाते हैं, जोकि अलग – अलग उद्देश्य के लिए होते हैं.

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