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क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या अंतर है? What is the Difference Between Credit and Debit Card

    क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या अंतर है?

    What is the Difference Between Credit and Debit Card


    Debit Credit Card : एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड में बहुत अंतर होता है, जानते हैं कि नहीं Debit Credit Card आज हर किसी की जेब में एटीएम डेबिट व क्रेडिट कार्ड होते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन तीनों कार्डों में क्या अंतर है। तो आप भी जान लीजिए इन तीनों में क्या फर्क है...

    एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का प्रचलन काफी दिनों से है। यदि कहें कि तीनों एक साथ ही आ गए थे, तो गलत नहीं होगा। इसके बावजूद बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि इनमें क्या अंतर है। डिजिटल इंडिया में इन दोनों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। हालांकि, अब ज्यादातर लोग नेट या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसके पास डेबिट कार्ड नहीं हो। अब बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने का खूब आग्रह किया जा रहा है।

    Difference between Debit card and credit card

    Debit and Credit Card Feature: डेबिट और क्रेडिट कार्ड में बहुत मामूली सा अंतर है. दोनों ही कार्ड डिजिटल पेमेंट के काम आते हैं लेकिन दोनों कार्ड्स की पेमेंट की क्षमता और करने का तरीका अलग है. दोनों कार्ड के बीच अंतर को यहां समझिए.


    Debit and Credit Card Difference: आज के दौर में डिजिटल बैंकिंग ने शॉपिंग, ट्रेवलिंग, डायनिंग से लेकर हर वो चीज आसान कर दी, जिसमें वित्तीय लेन-देन शामिल होता है. बैंकों की तरफ से जारी डेबिट और क्रेडिट कार्ड की वजह से डिजिटल बैंकिंग बहुत आसान हो गई है. डिजिटल बैंकिंग ने सभी वित्तीय लेन-देनों को इतना आसान बना दिया है कि एटीएम से पैसा निकालने जाना भी बहुत भारी काम लगता है. लेकिन क्या आपके मन में ये सवाल आया है कि आखिर ये डेबिट और क्रेडिट कार्ड क्या होते हैं. अगर हां, तो आज जानिए कि बैंकों की ओर से जारी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में क्या अंतर होता है.



    क्या होता है डेबिट और क्रेडिट कार्ड में अंतर | Difference between Debit card and Credit Card


    डेबिट और क्रेडिट कार्ड भुगतान के सबसे लोकप्रिय तरीके हैं। क्योंकि, ये दोनों हर जगह नकदी ले जाने की ज़रूरत को ख़त्म करते हैं। अब आप कार्ड स्वाइप कर सकते हैं, और बस, भुगतान हो गया। हालांकि, जब बात इनकी सुविधाओं और संचालन के तरीके की आती है तो ये दोनों बहुत अलग हैं। ख़ास तौर पर, धन के स्रोत और भुगतान का तरीका। इससे पहले कि हम डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अंतर पर विचार करें, आइए हम इनकी मूल बातों पर एक नज़र डालें।


    सामान्यत: बैंक अपने ग्राहकों को दो तरह के कार्ड जारी करते हैं, जिनकी मदद से आप पैसे खर्च कर पाते हैं-डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड। वैसे तो आप डेबिट और क्रेडिट कार्ड दोनों से शॉपिंग या कोई भी पेमेंट कर सकते हो लेकिन डेबिट कार्ड क्योंकि आपके सेविंग या सैलरी अकाउंट से लिंक होता है, इसलिए डेबिट कार्ड से शॉपिंग करने से आपके खाते से पैसे कटते हैं. जबकि क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर पैसे क्रेडिट कार्ड से कटते हैं लेकिन आपको इसे चुकाने के लिए समय मिल जाता है और ये राशि बाद में आपके डेबिट कार्ड से ही कटती है.


    एक लाइन में इनका अंतर बताएं तो इस प्रकार होगा-


    • Debit card आपको उससे लिंक बैंक अकाउंट से पैसे निकालने, खर्च करने या ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। 

    • Credit card आपको line of credit (स्वीकृत लोन की तरह) को खर्च करने और बाद में चुकाने की सुविधा देता है।


    अब हम इन दोनों तरह के कार्डों के काम और विशेषताएं थोड़ा विस्तार से समझाते हैं-


    नीचे दी गई तालिका में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के कुछ ध्यान देने योग्य अंतरों का उल्लेख किया गया है-

     

    क्रेडिट कार्ड

    डेबिट कार्ड

    क्रेडिट लिमिट

    मासिक क्रेडिट लिमिट

    कोई मासिक क्रेडिट लिमिट नहीं

    धन के स्रोत

    क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से फंड उधार लिया जाता है

    सेविंग बैंक अकाउंट या करेंट अकाउंट

    ATM निकासी

    चार्जेबल

    चार्जेबल नहीं

    ब्याज

    50 दिनों तक का ब्याज मुक्त क्रेडिट

    कोई ब्याज नहीं

    वार्षिक फीस

    वार्षिक फीस ली जा सकती है या नहीं भी ली जा सकती है

    कोई वार्षिक फीस नहीं

    प्रयोग

    सभी मर्चेंट आउटलेट्स पर और ऑनलाइन उपयोग किया जा सकता है

    हो सकता है कुछ वेबसाइट्स पर लागू न हो

    पात्रता मानदंड

    क्रेडिट कार्ड की पात्रता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें वेतन, क्रेडिट इतिहास, रहने का स्थान आदि शामिल हैं।

    पात्रता मानदंड के लिए आपका एक बैंक अकाउंट होना आवश्यक है।

    सुरक्षा विशेषताएं

    ज़ीरो लायबिलिटी इंश्योरेंस (कुछ कार्ड)

    कोई ज़ीरो लायबिलिटी इंश्योरेंस नहीं

    बिल

    बिलिंग साइकिल में सभी लेन-देन की प्रक्रिया होती है और एक अंतिम बिल बनता है जिसका भुगतान एक निर्धारित समय के भीतर करना होता है।

    कोई बिल नहीं होता क्योंकि पैसा सीधा आपके अकाउंट से डेबिट किया जाता है।




    डेबिट और क्रेडिट कार्ड में अंतर


    1. क्रेडिट लिमिट

    क्रेडिट कार्ड में आपके कार्ड के मुताबिक लिमिट होगी, ये 1-2 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकती है. इससे आप एक तय लिमिट तक ही शॉपिंग कर सकते हैं लेकिन बाद में आपको वो राशि चुकानी होती है लेकिन डेबिट कार्ड में आपके पास जितनी सेविंग्स हैं आप उतनी लिमिट तक का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. 


    2. एटीएम निकासी

    क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर निकासी फीस और ब्याज लगता है. जबकि डेबिट कार्ड से पैसे निकालने पर कोई फीस नहीं लगती है. हालांकि दोनों ही कार्ड की दैनिक निकासी सीमा होती है. हालांकि क्रेडिट कार्ड की मासिक पैसा निकासी सीमा होती है. 


    3. ब्याज

    अगर 50 दिन के बाद आपने क्रेडिट कार्ड की पेमेंट नहीं की तो आप पर पेनाल्टी या ब्याज लग सकता है. जबकि डेबिट कार्ड पर आपको कोई इंटरेस्ट नहीं देना पड़ता है. 


    4. वार्षिक फीस

    डेबिट कार्ड के लिए कोई वार्षिक फीस नहीं वसूल की जाती है लेकिन कुछ क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक वार्षिक फीस जरूर वसूल करता है. 


    5. बेनेफिट्स

    डेबिट कार्ड आपको ऑनलाइन शॉपिंग पर डिस्काउंट से लेकर कैशबैक तक के बेनेफिट्स देता है लेकिन क्रेडिट कार्ड में आपको कई तरह के बेनेफिट्स मिलते हैं, इसमें कैशबैक, डिस्काउंट, रिवार्ड्स शामिल होते हैं, जिन्हें कंवर्ट कर आप फ्लाइट टिकट या दूसरे गिफ्ट्स का लुफ्त उठा सकती हैं.


    6. सिक्योरिटी फीचर्स

    डेबिट और क्रेडिट कार्ड दोनों में ही सिक्योरिटी  फीचर्स एक समान हैं. दोनों ही कार्ड्स से ऑनलाइन शॉपिंग करने या कुछ पेमेंट करने पर ओटीपी (OTP), एसएमएस नोटिफिकेशन (SMS) या PIN नंबर पूछा जाता है.



    क्या है डेबिट और क्रेडिट कार्ड में समानताएं?

    • दोनों ही समान आकार और समान रंग रूप वाले प्लास्टिक कार्ड्स होते हैं जिन पर ढेर सारे नंबर दर्ज होते हैं.

    • दोनों की सभी भुगतान वाले स्थानों पर स्वीकार किए जाते हैं और दोनों को ही इस्तेमाल करने का तरीका लगभग एक जैसा ही है.

    • दोनों की सेवाएं आपको किसी न किसी बैंकिंग माध्यम से ही मिलती है और इन कार्ड्स को बनाने वाली कंपनीज दोनों तरह के कार्डों का निर्माण करती है, इसलिए इन पर दर्ज सिंबल्स भी कमोबेश एक जैसे ही होते हैं.

    • सबसे बड़ी बात की यह दोनों ही हमारे वित्तिय लेन—देन को आसान बनाती हैं.

    • समानताएं जान लेने के बाद अब हम बारी—बारी से दोनों को समझने की कोशिश करते हैं ताकि हम अंतर को समझने में आसानी हो.



    डेबिट कार्ड क्या होता है ? (What is Debit Card ?)

    डेबिट कार्ड | Debit Card

    डेबिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जोकि आपको अपने बैंक अकाउंट से पैसा निकालने (Debit) या खर्च करने में काम आता है। पहले से निर्धारित PIN नंबर या पासवर्ड की मदद से आप ये काम कर पाते हैं। डेबिट कार्ड आपके जिस Bank Account से लिंक  होता है, सिर्फ उसी अकाउंट का पैसा आप निकाल सकते हैं या खर्च कर सकते हैं।


    सामान्यत: आपके बैंक अकाउंट में जितना बैलेंस होता है, डेबिट अकाउंट से सिर्फ उतनी सीमा तक ही आप पैसा खर्च कर सकते हैं। लेकिन कुछ खास कैटेगरी के सैलरी अकाउंट या बिजनेस अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की भी सुविधा मिल सकती है। 


    ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा होने पर आप अपने खाते में बैलेंस नहीं होने पर भी एक सीमा के अंदर पैसे खर्च कर सकते हैं या पेमेंट कर सकते हैं। उसे एक निश्चित अवधि के भीतर आपको लौटाना या जमा भी करना पड़ता है।

    डेबिट कार्ड से अब बहुत सी कंपनियां Debit Card EMI की सुविधा भी देने लगी हैं। इसमें आपको पहले खर्च करके बाद में उसका पैसा किस्तों में चुकाने की सुविधा मिल जाती है।


    डेबिट कार्ड एक प्लास्टिक कार्ड है जो बैंक द्वारा आपके करेंट या सेविंग अकाउंट पर जारी किया जाता है। इससे आप अपने अकाउंट में सेव की गई राशि को बिना कैश के खर्च कर सकते हैं। जब आप POS मशीन पर कार्ड स्वाइप करते हैं, ATM से पैसे निकालते हैं, या ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए इसका उपयोग करते हैं, तो राशि आपके अकाउंट से डिजिटल रूप से डेबिट हो जाती है और आपका बैलेंस अपडेट हो जाता है। यह याद रखना ज़रूरी है कि आप केवल अपनी सेव की गई राशि खर्च कर रहे हैं, आप अपने अकाउंट में उपलब्ध राशि से अधिक खर्च नहीं कर सकते हैं।


    डेबिट कार्ड कैसे काम करता है ? (How Debit Card Works?)

    किसी भी बैंक में यदि आपका खाता मौजूद है, तो उस बैंक के द्वारा ही आपका डेबिट कार्ड जारी किया जाता है. यह आपको किसी भी तरह का भुगतान करने की पूरी अनुमति देता है, जिसके लिए बैंक द्वारा एक पिन कोड सेट करने की अनुमति भी दी जाती है, जो आपके लिए बेहद अनिवार्य है इस पिन कोड की सहायता से डेबिट कार्ड का कोई भी गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है. इस कार्ड के जरिए आप सिर्फ उसी राशि का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपके खाते में पहले से मौजूद है. यदि आप उससे अधिक राशि का इस्तेमाल करते हो या करना चाहते हो, तो वह ओवरड्राफ्ट राशि होती है, जिसके लिए कुछ अतिरिक्त राशि के तौर पर आपको बैंक में भुगतान करना होता है.



    डेबिट कार्ड के लिए कैसे अप्लाई करें ? (How to Apply for Debit Card ?)

    आप डेबिट कार्ड अपने बैंक द्वारा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको एक प्रक्रिया से गुजरना होता है जो निम्नलिखित है:-

    • डेबिट कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले बैंक में जाकर खाता खोलने की आवश्यकता होती है. यदि आप पहले से ही किसी बैंक में खाता चला रहे हैं तो आपको डेबिट कार्ड के लिए एक अन्य खाता खोलने की आवश्यकता नहीं है.

    • डेबिट कार्ड के लिए आवेदन भरने के लिए आपको स्वयं से जुड़ी सभी जानकारियाँ एकत्र करनी होंगी जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड नंबर और आपके वर्तमान नौकरी की जानकारी साथ ही आपको अपनी ईमेल आईडी या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बैंक में जमा कराना होता है.

    • डेबिट कार्ड आवेदन के लिए आप ऑनलाइन भी आवेदन पत्र भर सकते हैं उसमें भी आपको अपनी सभी निजी जानकारियां सम्मिलित करनी होती हैं.

    • इसके बाद आपके सभी दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने के बाद आपको बैंक द्वारा डेबिट कार्ड जारी कर दिया जाता है.

    • आमतौर पर किसी भी उपभोक्ता को डेबिट कार्ड 7 दिन या फिर 15 दिन के अंदर जारी कर दिया जाता है. कार्ड जारी होने के बाद यह लगभग 1-2 दिन या 24 घंटे के अंदर एक्टिवेट भी हो जाता है.



    डेबिट कार्ड के फायदे (Benefits and advantages of Debit Card)

    डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आप शॉपिंग तो कर सकते हो और साथ ही इसके और भी कई सारे फायदे उठा सकते हो आइए जानते हैं विस्तार से….


    फीस और सर्विस चार्ज से बचना –

    डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यही है, कि इसके इस्तेमाल से हम बैंक द्वारा किसी भी अतिरिक्त शुल्क या सर्विस चार्ज से बच सकते हैं. परंतु फ़ीस और सर्विस चार्ज से बचने के लिए आपको अपना डेबिट कार्ड सावधानी से इस्तेमाल करना होता है.


    खर्च का रखें पूरा ब्यौरा –

    डेबिट कार्ड द्वारा आप किसी भी राशि का भुगतान करते हैं, तो उसका पूरा ब्योरा आपके रजिस्टर्ड नंबर या ईमेल आईडी पर सीधा भेजा जाता है. इसकी पूरी जानकारी बैंक द्वारा जारी की गई पासबुक में भी आप समय-समय पर प्रिंट करा सकते हैं.


    शीघ्र भुगतान –

    डेबिट कार्ड द्वारा आप कहीं पर भी आसानी व शीघ्रता से किसी भी राशि का भुगतान अपने बैंक अकाउंट से ही कर सकते हैं. इसमें आपको कोई भी विलंब का सामना नहीं करना पड़ता है और ना ही किसी चार्ज का भुगतान करना पड़ता है.


    संपूर्ण सुरक्षा –

    जेब में पर्स रखने से पर्स चोरी होने की संभावना अधिक रहती है, परंतु यदि आप डेबिट कार्ड रखकर शॉपिंग करने जाते हैं या फिर घूमने फिरने जाते हैं, तो आप आसानी से निश्फिक्र होकर अपने सभी काम पूरे कर सकते हैं. वहीं दूसरी ओर यदि आपका डेबिट कार्ड चोरी भी हो जाता है, तो उसका आपके बैंक अकाउंट में मौजूद राशि पर कोई असर नहीं होगा. उस कार्ड का कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता, क्योंकि उसमें एक पिन नंबर होता है, जो सिर्फ उस कार्ड का मालिक ही जानता है.


    ऑफर्स –

    कुछ मॉल, शॉपिंग सेंटर और ऑनलाइन पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड पर ऑफर्स भी रखे जाते हैं, जिनसे शॉपिंग करने या बिल पेमेंट करने से वहां पर आपको कुछ ना कुछ इनाम राशि भी प्राप्त होती है या फिर छूट मिलती है. एक यह भी सबसे बड़ा लाभ है, जिसकी वजह से उपभोक्ता डेबिट कार्ड का अधिक इस्तेमाल करते है.



    डेबिट कार्ड रखने के नुकसान (Debit Card Limitations and disadvantages)

    डेबिट कार्ड रखने के जितने फायदे हैं, तो उतने नुकसान भी मौजूद हैं आइए जानते हैं डेबिट कार्ड से जुड़े नुकसान के बारे में…


    क्रेडिट की अनुमति नहीँ –

    डेबिट कार्ड के जरिए आप किसी भी राशि का भुगतान तो कर सकते हैं, परंतु उस कार्ड से आप किसी भी अतिरिक्त राशि को बैंक से नहीं निकाल सकते हैं, अर्थात उधार नहीं ले सकते है.


    धोखाधड़ी के उपयोग पर विवाद मुश्किल –

    यदि आपका डेबिट कार्ड कहीं चोरी हो जाता है या फिर उसका कोई गलत इस्तेमाल कर लिया जाता है, तो इस विवाद को सुलझा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.


    अतिरिक्त शुल्क –

    यदि आप डेबिट कार्ड के जरिए कुछ अतिरिक्त राशि बैंक से निकाल लेते हैं, जो आपके बैंक में मौजूद भी नहीं है, तब डेबिट कार्ड की लेनदेन पर एक अतिरिक्त शुल्क का भुगतान आपको बैंक में करना होता है.



    क्रेडिट कार्ड क्या है ? (What is Credit Card ?)

    क्रेडिट कार्ड क्या होता है?

    क्रेडिट कार्ड | Debit Card

    क्रेडिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जिसकी मदद से आपको पहले पैसा खर्च करने और बाद में चुकता करने की सुविधा मिलती है। इसमें आपको एक निश्चित लिमिट की line of Credit मिल जाती है। line of Credit में पहले से कुछ रकम डाल दी जाती है। उसमें से जितना हिस्सा आप इस्तेमाल करेंगे, उसे एक निश्चित समय-सीमा के भीतर (अधिकतम 50 दिन के भीतर) लौटाना पड़ता है। उस समय-सीमा के भीतर पैसे न लौटाने पर पेनाल्टी और बकाया पर ब्याज चुकानी पड़ती है। ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड की पेनाल्टी और ब्याज काफी ज्यादा होती है। इसकी ब्याज लगभग 40 % सालाना के हिसाब से पड़ती है। जो पैसा आपने इस्तेमाल नहीं किया है वह आपके कार्ड में  line of Credit के रूप में पड़ा रहेगा और उस पर कोई ब्याज या शुल्क नहीं देना पड़ता। हालांकि कुछ क्रेडिट कार्डों को रखने के लिए आपको सालाना 500 रुपए या 1000 रुपए शु्ल्क चुकाना पड़ता है। वहीं कुछ क्रेडिट कार्ड के लिए ये शुल्क नहीं भी लगते। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड की लिमिट का कुछ प्रतिशत (सामान्यत: 30%) नकदी (Cash) निकालने की भी सुविधा होती है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ शुल्क चुकाना पड़ता है। उदाहरण के लिए आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो उसमें से 30 हजार रुपए तक नकदी (Cash) प्राप्त करने की सुविधा मिल सकती है। ज्यादातर कंपनियां Credit Card EMI की सुविधा देती हैं, जिसमें आप पहले खरीदारी करके, उसका बराबर-बराबर किस्तों (Installments) में भुगतान कर सकते हैं।


    क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है ? (How Credit Card Works ?)

    क्रेडिट कार्ड धारक को किसी भी वित्तीय संस्थान या बैंक से जरूरत पड़ने पर एक सीमित राशि उधार लेने की अनुमति प्रदान करता है. परंतु उस राशि को बैंक या वित्तीय संस्थानों में वापस लौटाने के लिए उन्हें 1 सीमित अवधि का समय भी दिया जाता है, जो आमतौर पर 25 से 30 दिन या उससे ज्यादा का हो सकता है. यदि एक उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड द्वारा किए गए भुगतान की राशि को समय अवधि से पहले वित्तीय संस्थान में लौटा देता है, तो उसे कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है, परंतु यदि वह उस सीमा अवधि के दौरान वह राशि का भुगतान नहीं कर पाता है, तो उस व्यक्ति को अतिरिक्त राशि के तौर पर ब्याज का पेमेंट करना पड़ता है.



    क्रेडिट कार्ड कैसे प्राप्त करें (How to Get and apply for Credit Card ?)

    • क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जिसमें आपका पैन कार्ड, आधार कार्ड, और आपकी पासपोर्ट साइज फोटो शामिल है.

    • इन सभी दस्तावेजों के साथ-साथ इसमें आपके बैंक स्टेटमेंट की फोटो कॉपी और आपके आयकर रिटर्न की रसीद भी लगाई जाती है.

    • सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करके आप किसी वित्तीय संस्थान या बैंक में जाकर एजेंट से मिल सकते हैं वह क्रेडिट कार्ड प्रक्रिया में आपकी पूरी सहायता करते हैं.

    • जब आपके सभी दस्तावेजों की पूरी तरह जांच पड़ताल कर ली जाती है तो आपके क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

    • यदि आपके दस्तावेज पूरी तरह से ठीक है तो उसके बाद आपको 7 या 15 दिन के अंतराल में क्रेडिट कार्ड प्रदान कर दिया जाता है.



    क्रेडिट कार्ड के क्या फायदे हैं ? (Benefits of Credit Card)

    जिस तरह से डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने के बहुत से फायदे हैं, इसी तरह से क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने से भी आप बहुत सारे फायदे प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:-


    रिवार्ड्स –

    क्रेडिट कार्ड के जरिए आप किसी भी प्रकार का भुगतान कर सकते हैं, जैसे फ़्लाइट बुक करना कार के किराया या फिर पेट्रोल भरना और किराने की खरीदारी जैसी सभी सुविधाओं को प्राप्त करने के बदले आपको क्रेडिट कार्ड रीवार्ड प्वाइंट प्राप्त होते हैं. जिनसे आप सभी सुविधाओं के बदले कुछ पुरस्कार भी प्राप्त करते हैं.


    साइनअप बोनस –

    क्रेडिट कार्ड में कई और आकर्षक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे क्रेडिट कार्ड में साइन अप करने के लिए आपको कुछ राशि का कैशबैक मिलता है और साथ ही बड़ी मात्रा में बोनस अंक भी प्राप्त होता है. इसमें ब्याज के रूप में किसी भी क्रिया को करने के लिए जैसे किसी चीज का भुगतान करना या फिर कोई लंबे समय के लिए लोन लेना, उस पर कम ब्याज की दर लागू की जाती है.


    कैशबैक ऑफर्स –

    कई सारी शॉपिंग वेबसाइट और कई सारी दुकानें भी क्रेडिट कार्ड से स्वाइप करके भुगतान करने पर कैशबैक ऑफर्स देती हैं, जिसकी सहायता से मासिक खर्च से ऊपर तक राशि की बचत हो जाती है.


    बीमा सुविधा –

    क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी करते समय कई प्रकार के बीमा की सुविधा भी प्रदान की जाती है. जिसमें यात्रा कार बीमा, यात्रा बीमा, खरीदे गए सामान पर सुरक्षा का बीमा आदि शामिल हैं.


    धोखाधड़ी से सुरक्षा –

    क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत ही सरल होता है और इसे पूरी तरह से वित्तीय संस्थानों को बैंक द्वारा धोखा रहित बनाया जाता है. इस कार्ड के जरिए किसी भी प्रकार की शॉपिंग या पेमेंट का भुगतान करते समय धोखाधड़ी का कोई अवसर नहीं रहता है.


    सुविधाजनक और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग –

    ऑनलाइन शॉपिंग का दौर है और यह कार्ड आपको इतनी सुविधाएं प्रदान करता है, जो बेहद सुरक्षित होती है, जिसके जरिए आप मन चाहे जितनी ऑनलाइन शॉपिंग करके अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. जिसके लिए आपको कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता है, बल्कि इसके बदले आपको दैनिक खरीदारी के उपयोग के लिए क्रेडिट पॉइंट प्रदान किए जाते हैं.


    कम नकदी में बनता है सहारा –

    मान लीजिये आपको घर में किसी फंक्शन या फिर किसी जरूरत के अनुसार बहुत सारी शॉपिंग करनी है, और आपके पास धन के रूप में कुछ भी मौजूद नहीं है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड आप का सबसे गहरा मित्र बनकर सामने आता है. क्योंकि वित्तीय संस्थान द्वारा आपकी सभी शॉपिंग का भुगतान किया जाता है, जिसके लिए आप बाद में उन्हें वापस राशि दे सकते हैं.


    किसी भी मुद्रा में करता है काम –

    क्रेडिट कार्ड विभिन्न प्रकार की मुद्रा में काम करता है, जिसकी वजह से हमें विदेशों में भी शॉपिंग करना होता है, जैसे यदि आप विदेशों में घूमने जाते हैं, तो ऐसे में आप आराम से क्रेडिट कार्ड के जरिए किसी भी प्रकार की मुद्रा को अपनी मुद्रा में बदल सकते हैं, यानि उस देश की करेंसी में बदल कर आराम से शॉपिंग या बिलों का भुगतान कर सकते हैं.



    क्रेडिट कार्ड के नुकसान (Credit Card Limitations)

    चीज चाहे कोई भी हो उसके फायदे होते हैं, तो नुकसान भी होते हैं, इसी प्रकार क्रेडिट कार्ड के भी कुछ नुकसान होते हैं, जो निम्नलिखित है:-


    ऋण की संभावना –

    क्रेडिट कार्ड एक ऐसा कार्ड है, जिससे शॉपिंग करते समय आपको भुगतान की गई राशि का अनुमान नहीं रहता है, अर्थात आप आनंद लेते हुए लगातार शॉपिंग करते जाते हैं और ऐसे में यदि आप उस राशि का भुगतान बैंक के वित्तीय संस्थान में वापस नहीं करते हैं, तो आपके ऊपर एक बहुत बड़ी राशि का ऋण चढ़ जाता है और आपको इस बात का अंदाजा तक नहीं लग पाता है.


    क्रेडिट स्कोर –

    क्रेडिट कार्ड के सभी काम इसका पूरा खेल क्रेडिट कार्ड से जुड़े क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है. इसलिए यदि आपके क्रेडिट स्कोर में कहीं ना कहीं भुगतान ना करने की वजह से कमी आ जाती है, तो ऐसे में भविष्य में आप क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने के लायक भी नहीं रहते हैं.


    अतिरिक्त शुल्क का डर –

    मान लीजिए आप वित्तीय संस्थानों द्वारा क्रेडिट कार्ड के जरिए भरे बिलों का पूरा भुगतान नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है. और यदि आप समयावधि के अंदर उस राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो उस ब्याज की राशि पर दुगना ब्याज लगा दिया जाता है जिससे आपके द्वारा भुगतान करने वाली राशि धीरे-धीरे दोगुनी से चौगुनी होती जाती है.


    सीमित उपयोग –

    किसी भी चीज का इस्तेमाल यदि सीमित व निर्धारित सीमा के अंदर किया जाए, तो वह आपको नुकसानदेह नहीं होता है, परंतु यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एक निर्धारित की गई सीमाओं से ज्यादा करने लगते हैं, तो ऐसे में वह आपको कई सारे नुकसान की भरपाई करवा सकता है.



    क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कब और कैसे करना उचित है ? (When and How to Use Credit and Debit Card ?)

    क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड दोनों ही अलग-अलग परिस्थितियों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं.


    व्यवसाय के लिए कार्ड का इस्तेमाल ( Credit and Debit Card use for Business)-

    व्यवसाय आरंभ करने में अधिक प्रकार की जरूरतें होती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए वित्त की आवश्यकता होती है ऐसे में यदि आपके पास वित्त मौजूद नहीं है तो आप अपने व्यवसाय से जुड़े सभी शॉपिंग व खरीदारी क्रेडिट कार्ड के जरिए कर सकते हैं. जिसके लिए आपको असीमित राशि का लोन क्रेडिट लेने की अनुमति होती है. उसके बदले में आपको एक मासिक राशि का भुगतान वित्तीय संस्थानों को करना होता है. वही उसके विपरीत यदि आप डेबिट कार्ड से अपने व्यवसाय से जुड़ी सभी सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए भुगतान करते हैं, तो आपके बैंक खाते में मौजूद राशि से वे सभी भुगतान आसानी से कर दिए जाते हैं और इसके बदले आपके ऊपर कोई भी कर्ज नहीं चढ़ता है.


    व्यवसाय के लिए लाभ –

    यदि आप अपने व्यवसाय के लिए बार-बार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इसके बदले आपको कुछ रिवॉर्डज भी प्राप्त होते हैं व आपका क्रेडिट स्कोर भी बढ़ता है. परंतु सीमित समय अवधि में राशि को ना चुकाने से आपको इसके लिए एक अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है. यदि आप अपने डेबिट कार्ड से सभी भुगतानो को संपूर्ण करते हैं तो ऐसे में आपको किसी भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना होता और साथ ही आप पर कोई उधार नहीं आता है.


    व्यवसाय के लिए नुकसान –

    क्रेडिट कार्ड से आप अपनी सभी सुविधाएं तो आसानी से प्राप्त कर सकते हैं परंतु एक व्यवसाय के लिए इतना अधिक वित्तीय ऋण अच्छा नहीं होता है. कर्ज में डूबा हुआ व्यवसाय कभी भी उन्नति की ओर नहीं बढ़ता है यह एक ऐसा मुख्य कारण है जिससे आप अपने व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं इसके विपरीत यदि आप डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से अपने व्यवसाय की सभी जरूरतों को पूरा करते हैं तो आपको अतिरिक्त ऑफर भी प्रदान किए जाते हैं और आप अपने व्यवसाय को सुविधा पूर्वक बिना किसी ऋण के चला सकते हैं.



    क्रेडिट और डेबिट कार्ड के उपयोग के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां

    आजकल आॅनलाइन फ्रॉड और कार्ड क्लोनिंग की घटनाएं आम हो गई है, जिसकी वजह से क्रेडिट और डेबिट कार्ड का उपयोग करने वाले लोगों के मन में हमेशा डर बना रहता है. अगर आप अपने कार्ड के इस्तेमाल के दौरान नीचे दी गई सावधानियां रखेंगे तो इस तरह के धोखाधड़ी से बचे रहने की पूरी संभावना है—


    • अपना कार्ड पर अंकित नम्बर्स की सीरिज किसी न बताएं और कोशिश करें कि उपयोग के दौरान वह आपके आंखों से ओझल न हो.

    • भूल कर भी अपने कार्ड का पासवर्ड नम्बर किसी को न बताएं, यह पूरी तरह कॉन्फिडेंशियल होता है और कोई भी बैंक अपने ग्राहक से किसी भी तरह उसका पासवर्ड नहीं पूछता.

    • ऐसी साईटस का उपयोग न करें ​जो एचटीटीपीएस से शुरू न होकर एचटीटीपी से शुरू होती हो.

    • आॅनलाइन अपने कार्ड को किसी भी साइट पर कभी भी स्टोर न करें क्योंकि अगर आपका लॉगिन हैकर के हाथ लग गया तो आपके कार्ड के क्रिडेंशियल्स भी उसके हाथ लग जाएंगे.

    • अपने कार्ड्स के पासवर्ड को थोड़े—थोड़े समय पर बदलते रहें ऐसे में आॅनलाइन फ्रॉड की संभावना कम हो जाती है.

    • किसी भी स्टोर में अपना कार्ड स्वैप करने और पासवर्ड डालने के बाद ट्रांजेक्शन कम्पलीट हो जाने के बाद रसीद लेना न भूलें.

    • बिना चौकीदार वाले एटीएम मशीन्स या ऐसी एटीएम मशीन्स जो सुनसान स्थान पर स्थित हो उन जगहों पर कार्ड के उपयोग से बचें. हैकर कार्ड का क्लोन बनाने के लिए ऐसे ही एटीएम मशीन का उपयोग करते हैं.

    • अगर आप यह सावधानियां रखेंगे तो आप अपने कैशलेस ट्राजेंक्शन का बिना किसी नुकसान के लंबे समय तक आनंद उठा सकेंगे.



    मुझे क्या चुनना चाहिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड?

    अब जब आप दोनों कार्ड्स के बीच का अंतर जानते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या आपको अपने लिए डेबिट कार्ड चुनना चाहिए या क्रेडिट कार्ड। सूचना के आधार पर सही निर्णय लेने के लिए, हमने डेबिट और क्रेडिट कार्ड की विशेषताओं की एक लिस्ट बनाई है, ताकि आप यह चेक कर पाएं कि कौन-सा आपकी आवश्यकताओं के अनुसार सही है।



    क्रेडिट और डेबिट का मतलब क्या होता है? | Credit and Debit Meaning in Hindi

    जब भी आपके बैंक अकाउंट से कोई लेन-देन (Transaction) होता है तो इसकी सूचना बैंक आपको SMS के माध्यम से देता है। इन SMS में अक्सर Credited या Debited शब्दों का इस्तेमाल होता है। इसी तरह बैंक भी आपको पैसा खर्च करने के लिए दो तरह के कार्ड Debit Card और  Credit Card के रूप में जारी करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि बैंक अकाउंट के मामले में Debit और Credit शब्दों का मतलब क्या होता है? What are the meaning of Credit and Debit in Bank Account’ s SMS, statements, and Cards?



    क्रेडिट और डेबिट का मतलब | Meanig of Debit and Credit

    बैंकिंग की भाषा में, Debit का मतलब होता है, खर्च के मद में लिखना या उधार लिखना। जबकि Credit शब्द का मतलब होता है जमापक्ष में धनराशि जोड़ना या खाते में जमा करना। किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के संबंध में इनका मतलब इस प्रकार होता है-


    • Debited for : इसका मतलब है कि आपके उस अकाउंट नंबर से उतना पैसा कट गया है या निकल गया है।


    • Credited to: इसका मतलब है कि आपके उस अकाउंट नंबर में उतना पैसा जुड़ गया है या जमा हो गया है।



    Debited की जगह पर Transfered और Withdrawn शब्दों का इस्तेमाल

    कभी कभी आपके अकाउंट से पैसे कटने पर मैसेज में Debited की बजाय Transfered या Withdrawn शब्दों का भी इस्तेमाल होता है। सामान्यतया, डायरेक्ट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर या एटीएम मशीन से पैसा निकालने पर आए मैसेज में इन शब्दों का इस्तेमाल होता है। लेकिन, व्यावहारिक रूप में देखें तो Debited, Transfered और Withdrawn) का मतलब एक ही होता है कि आपके उस अकाउंट से पैसा कट गया है या निकल गया है।



    डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड में अंतर | Difference between Debit Card and ATM Card

    अक्सर लोग, ATM Card और Debit Card को एक ही चीज समझ लेते हैं। क्योंकि अक्सर दोनों के इस्तेमाल एक जैसे समझ में आते हैं। लेकिन, वास्तव में, ATM Card और Debit Card अलग-अलग खासियतों वाले होते हैं। इनके बीच मुख्य अंतर यह होता है-


    ATM Card: एटीएम कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जिसका इस्तेमाल, सिर्फ ATM मशीन पर लेन-देन (Transaction) के लिए हो सकता है। पहले से तय 4अंकों के पिन नंबर की मदद से आप ये ट्रांजेक्शन कर पाते हैं। शुरू-शुरू में जब ATM मशीनों से कार्ड की मदद से पैसे निकालने की सुविधा चालू हुई थी, तो ग्राहकों को ATM कार्ड ही दिए जाते थे।


    Debit Card: डेबिट कार्ड का इस्तेमाल आप ATM मशीन पर लेन-देन (Transaction)  के लिए तो कर ही सकते हैं। इनकी मदद से आप दूसरे प्रकार के पेमेंट सिस्टम्स पर भी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। जैसे कि बिजनेस स्टोरों पर, शॉपिंग सेंटरों पर, रेस्टोरेंट्स पर, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर पेमेंट्स के लिए भी इनकी इस्तेमाल किया जा सकता है। आजकल, ज्यादातर बैंक अकाउंट धारको को ATM Card की बजाय Debit Card ही जारी किए जाते हैं। इनसे पेमेंट या ट्रांसफर के लिए पिन नंबर की जरूरत पड़ती है।






    डबल एंट्री बुक कीपिंग सिस्टम में Debit और Credit का मतलब 

    बिजनेस अकाउंट के मामलों में डबल एंट्री सिस्टम वाले जो बुककीपिंग सिस्टम में, Debit और Credit का मतलब और भूमिका बैंक अकाउंट वाले Debit और Credit से काफी अलग होता है। इसमें आपके बिजनेस संबंधी सभी लेन-देन (transactions) की आपके अकाउंट लेजर में debits and credits दोनों कॉलमों में एंट्री की जाती है। Source account यानी कि जिस अकाउंट से पैसा निकलकर आता है, उसे दाहिने साइड में Credit वाले कॉलम में, दर्ज किया जाता है।  Destination account यानी कि, जिसमें पैसा जमा  होकर पहुंचता है, उसे बाएं साइड में Debit कॉलम में दर्ज किया जाता है। 


    • वास्तव में इसमें बाय़ीं तरफ Debits कॉलम के तहत, वे एंट्री दर्ज की जाती हैं, जोकि आपके  asset अकाउंट को या expense account में बढ़ोतरी (increases) करती हैं। या फिर liability account या equity account में कमी (decrease) करती हैं। 


    • इसके उलट, दाहिने तरफ Credits वाले कॉलम में, वे  एंट्री दर्ज की जाती हैं जोकि, आपके liability account या equity account में increases करती हैं, जबकि asset account या expense account में decreases करती हैं। 


    उदाहरण के लिए, आप किसी बिजनेस के मालिक हैं। आपने अपने बिजनेस में $ 500 डॉलर निवेश करने का निर्णय लिया। यहां पर source account, आपका Owner Equity account होगा। Owner Equity account में इसे दाहिने साइड के  (Credits) वाले कॉलम की तरफ दर्ज करना होगा। यहां पर destination account आपका Bank Account होगा, इसलिए Bank Account के नीचे बाईं ओर के (Debits) कॉलम में भी $500 की एंट्री की जाएगी।


    चूंकि, इसमें हर सौदा दोनों कॉलमों में दर्ज किया जाता है, इसीलिए इसे double-entry bookkeeping कहते हैं। इसी तरह, चूंकि हर सौदा दोनों कॉलमों में दर्ज किया जाता है, इसलिए  total debits और  total credits हमेशा बराबर (equal) होते हैं। इसे खाता संतुलन (balancing the books) के नाम से जाना जाता है।







    People also ask

    Q : क्रेडिट को हिंदी में क्या कहते हैं?

    Ans : इसका मतलब होता है खाते में जमा करना, पैसे जमा करना। जब भी किसी के बैंक अकाउंट में पैसे जमा की जाती है तो इस चीज़ को banking के क्षेत्र में में credit कहते हैं।


    Q : क्रेडिट कार्ड का मतलब क्या होता है?

    Ans : क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा जारी किया गया फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है, जिसकी प्री-सेट क्रेडिट लिमिट है, जिससे आपको कैशलेस ट्रांज़ैक्शन करने में मदद मिलती है. कार्ड जारीकर्ता आपके क्रेडिट स्कोर, क्रेडिट हिस्ट्री और आपकी आय के आधार पर क्रेडिट लिमिट निर्धारित करता है


    Q :क्रेडिट और डेबिट कार्ड में क्या अंतर है?

    Ans : हालांकि क्रेडिट कार्ड आपको एक निश्चित सीमा तक कार्ड जारीकर्ता से पैसे उधार लेने की अनुमति देते हैं, लेकिन डेबिट कार्ड आपको आपके बैंक अकाउंट में पहले से जमा किए गए फंड को ड्रॉ करके कैशलेस ट्रांज़ैक्शन करने की अनुमति देते हैं.


    Q :क्रेडिट और डेबिट हिंदी में क्या कहते हैं?

    Ans : एक नाम (डेबिट) लेन-देन एक परिसंपत्ति (ऐसेट) या किसी खर्च के लेन-देन, कोइ जमा (क्रेडिट) एक ऐसे लेन-देन की ओर संकेत करता है जो देयता या लाभ का कारण होगा। एक डेबिट लेन-देन का किसी जमा शेष राशि को कम करने अथवा किसी डेबिट शेष राशि को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


    Q :बैंक अकाउंट में क्रेडिट का मतलब क्या होता है?

    Ans :बैंक खाते में क्रेडिट का मतलब जमा (deposit)होता है। इसका मतलबयह है कि किसी भी प्रकार से आपके खाते में राशि जमा की गई। दूसरे शब्दों में कहें तो credit होने का अर्थ है कि आपने अपने बैंक खाते में राशि जमा की है,कही से पैसे आपके बैंक अकाउंट में पैसे आए हैं अथवा किसी और व्यक्ति ने आपको पैसे भेजे है।


    Q :डेबिट का हिंदी में क्या मतलब होता है?

    Ans : Definition And Hindi Meaning Of Debit

    बैंक अकाउंट में डेबिट का मतलब होता है खाते से पैसा निकलना। यानि जब भी आपके खाते से पैसे निकाला जाता है तो इस चीज़ को बैंकिंग के क्षेत्र में debit कहते हैं। debit का ही verb form debited होता है।


    Q :क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है?

    Ans : यदि किसी के पास एसबीआई का क्रेडिट कार्ड है और क्रेडिट कार्ड लिमिट 10,000 रुपये प्रति माह है। तो आप प्रति माह 10,000 रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकते। आमतौर पर क्रेडिट कार्ड सीमा जारीकर्ता (बैंक) की तरफ से जारी किए जाने वाले अलग-अलग कार्ड पर अलग होती है।


    Q :क्रेडिट कार्ड से क्या लाभ होता है?

    Ans : आसानी से मिल सकता है लोन

    वैसे तो आप क्रेडिट कार्ड में दिए गए लिमिट के आधार पर खर्च कर सकते हैं, लेकिन कार्ड पास होने का ये सबसे बड़ा फायदा होता है कि इमरजेंसी जरूरत पड़ने पर बैंक आपको प्री-अप्रूव्ड लोन आसानी से दे देता है। आप इसका जरूरत में इस्तेमाल करके तय समय पर लौटा सकते हैं।


    Q : आपके व्यवसाय के लिए कौन सा कार्ड सबसे अच्छा है?

    Ans : यदि वैकल्पिक रूप में देखा जाए तो आपके व्यवसाय के लिए दोनों ही कार्ड अच्छे हैं यदि आप उनका ठीक से इस्तेमाल करें. यदि आप डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अपनी एक सीमित राशि का इस्तेमाल करना होगा जो भविष्य में आपके व्यवसाय के लिए फायदेमंद साबित होता है. वही क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की कोई सीमा नहीं होती इसलिए यदि आप अपने व्यवसाय के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो वह और सीमित राशि तक चला जाता है जिसकी वजह से भविष्य में आपके व्यवसाय को कई सारे नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है.


    Q : बिजनेस डेबिट कार्ड या बिजनेस क्रेडिट कार्ड क्या होता है?

    Ans : बिजनेस डेबिट कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है जिससे आप अपने व्यवसाय की जरूरतें पूरा करने के लिए सीधे ही अपने बैंक में मौजूद राशि का इस्तेमाल कर पाते हैं. वहीं दूसरी ओर बिजनेस क्रेडिट कार्ड एक ऐसा कार्ड होता है जिसकी मदद से आप अपने व्यवसाय की जरूरतें पूरा करने के लिए बैंक से लोन या फिर उधार राशि प्राप्त कर सकते हैं जिसके बदले आप प्रतिमाह एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वायदा वित्तीय संस्थान व बैंक को करते हैं.


    Q : क्या बिना क्रेडिट स्कोर के क्रेडिट कार्ड प्राप्त हो सकता है?

    Ans : हां,बाजार में ऐसी बहुत सी वित्तीय कंपनियां मौजूद है जो बिना क्रेडिट स्कोर के भी उपभोक्ताओं को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराती हैं.


    Q : ऑनलाइन शॉपिंग के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड में से कौन सा कार्ड सही विकल्पों में आता है?

    Ans : यदि समझदारी की बात की जाए तो डेबिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करना बेहद फायदेमंद है क्योंकि इससे अधिक वारंटी के साथ साथ पुरस्कार भी मिलता है और डेबिट कार्ड से शॉपिंग करने में सुरक्षा भी शामिल होती है. यदि इसके लाभों को गिना जाए तो सबसे पहला लाभ यही है कि आपका धोखाधड़ी से बचाव होगा. क्योंकि इससे किसी भी राशि का भुगतान सीधे आपके बैंक द्वारा हो जाता है. यदि आप किसी वस्तु को वापस भी भेजना चाहते हैं तो भी भुगतान की गई राशि वापस आपके बैंक खाते में आ जाती है.


    Q : कैशबैक क्या है?

    Ans : कैशबैक वह राशि होती है जो आपको कोई भी ट्रांजैक्शन करने पर राशि के भुगतान के बदले कुछ प्रतिशत राशि वापस मिलती है. उस राशि को कैशबैक राशि कहते हैं.




    CONCLUSION

    तो दोस्तों ये थी, Debit और क्रेडिट शब्दों का मतलब और बैंकिंग में उनके इस्तेमाल की जानकारी।

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