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स्टार्टअप (Startup) क्या है- स्टार्टअप बिज़नेस (कंपनी) कैसे शुरू (Register) करें?

    स्टार्टअप (Startup) क्या है- स्टार्टअप बिज़नेस (कंपनी) कैसे शुरू (Register) करें?

    स्टार्टअप शुरू करने की पूरी जानकारी

    अगर आप भी शुरू करना चाहते हैं खुद का स्टार्टअप तो इन बातों का रखें ख्याल

    130 करोड़ की आबादी वाले हमारे भारत देश में आज के समय नौकरी मिलना सबसे बड़ा टास्क है. हालात ये हैं की कई युवाओं को नौकरी की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता है. लेकिन अब कोई लोग किसी के नीचे नौकरी करने से बेहतर खुद का छोटा मोटा बिजनेस करने में अधिक रूचि दिखा रहे हैं. अब किसी के लिए नौकरी करने से अच्छा है अगर आप खुद के लिए कुछ करें क्योंकि उस से आपको ज्यादा फायदा मिलता है. अब आज के समय में लोग नौकरी के बदले बिजनेस तो करना चाहते हैं. लेकिन अपना काम कैसे शुरु करना है. और उसके लिए क्या करना है जिससे आपके बिजनेस को सफलता मिले इसकी जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं होती है।

    Startup kya hota hai

    अपना खुद का कारोबार खोलना कोई बड़ी बात नहीं है. बड़ी बात है उस बिजनेस को सफल बनाना. कई बार देखा जाता है की लोग काम खोल देते हैं. लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो पाते और फिर उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनके पास अच्छे आईडिया होने के बाद भी वो ना तो सफल हो पाते हैं या ना ही खुद का स्टार्टअप शुरु कर पाते है. क्योंकि उन्हें समझ नहीं आता की अपने आईडिया को सफलता की राह पर कैसे ले कर जाएं. अगर आपके पास भी एक अच्छा बिजनेस आईडिया है और थोड़े बहुत पैसे हैं. जिससे आप खुद का स्टार्टअप शुरु करना चाहते हैं. लेकिन किसी चीज को लेकर आपके अंदर असमंजस की स्थिती है. तो फिर आज मैं आप को इस लेख के माध्यम से बताऊंगा की कैसे आप कम पैसों में अपना बिजनेस शुरु कर सकते हैं. और उसे सफल बना सकते हैं.


    आज के समय पूरे देश में Startup शब्द को सुनने को मिल रहा है। आए दिन टीवी और अखबार में भी Startup की खबरे ही छपी होती है। Startup के बारे में इतना सुनने के बाद बहुत से लोगो के मन में Startup को शुरू करने का भी विचार आता है लेकिन बहुत ही कम लोगो को यह पता होता है कि Startup कैसे शुरू करे या Startup कैसे शुरू किया जाता है। यदि आपको Startup शुरू करना है और आप Startup शुरू करने के प्रॉसेस को समझना चाहते है तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर है। इस पोस्ट में हम Startup को शुरू करने के बारे में ही बताने वाले है। तो चलिए बिना किसी देरी को इस पोस्ट को शुरू करते है।


    दोस्तों आज का हमारा विषय है कि Startup क्या है। अगर स्टार्टअप के नाम को देखा जाए तो इससे समझ में आता है कि यह किसी चीज की शुरुआत की बात हो रही है और जब आप इसे बिजनेस के संदर्भ से देखते हैं तो यह स्टार्टअप बिजनेस कहलाता है देखा जाए तो दुनिया नए नए प्रोडक्ट इनोवेशन में लगी है हर जगह कस्टमर को कुछ यूनिक देने का इनोवेशन हो रहा है अब बहुत सारी रिसर्च हो रही है।अगर सिंपल भाषा में कहा जाए तो मार्केट में किसी मौजूदा प्रॉब्लम को उठाना और उसके रिसर्च द्वारा सोल्यूशन लेकर आना जिससे कंस्यूमर की जिंदगी आसान हो जाए।कई लोगों द्वारा यह शुरू किया जाता है पर कोई इसमें सक्सेस पाते हैं तो कोई लोग इस में फेल हो जाते हैं तो अगर आप भी Startup के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ना होगा।



    स्टार्टअप क्या है ? (What is Startup?

    Startup क्या होता है

    सबसे पहला सवाल कि Startup क्या होता है? हम आपको बता दे कि किसी भी कंपनी या बिज़नेस के शुरूआती दिन जब इसको किसी एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति द्वारा शुरू किया जाता है। उस समय या तो बस बिज़नेस आईडिया होता है या फिर सिर्फ टेस्टिंग हुआ होता है, तो उसको Startup कहते है। Startup को शुरू करने वाले को लगता है कि वह जो प्रोडक्ट और सर्विस बना रहा है उसकी डिमांड मार्किट में काफी ज्यादा है। जिसको उसका Startup पूरा कर सकता है। कंपनी के Startup दौर में जितना कंपनी का रेवेनुए होता है उससे ज्यादा उस कंपनी में निवेश की जरूरत होती है। इसी लिए कंपनी के संस्थापक तरह से कंपनी में निवेश लेकर आते है। एक स्टार्टअप में सबसे ज्यादा निवेश venture capitalists से मिलता है।


    स्टार्टअप का मतलब होता हैं नए विचारों के साथ किसी कार्य की शुरूआत करना. जी हाँ जब आप किसी भी व्यवसाय को किसी नए तरीके एवं विचारों के साथ शुरू करते हैं तो उसे स्टार्टअप कहते हैं. इसके लिए यह बिलकुल भी जरूरी नहीं है कि आपके पास वित्त होना आवश्यक है. ये आप बिना पैसों के भी शुरू कर सकते हैं. स्टार्टअप एक ऐसा प्लेटफॉर्म हैं जहाँ आप अपनी क्रिएटिविटी दिखा कर एक कार्य को शुरू करते हैं एवं लोगों को इससे अपनी ओर आकर्षित करते हैं.


    स्टार्टअप कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जो अपने संचालन के इनिशियल स्टेज पर है कुछ लोग मिलकर इसकी नींव रखते हैं जिसे हम इंटरव्यू ना कहते हैं यहां पर लोग अपनी अपनी स्किल्स और स्पेशलाइजेशन लेकर आते हैं और कैसे स्टार्टअप आइडिया पर काम करते हैं और इसके माध्यम से कंज्यूमर्स को एक यूनिक प्रोडक्ट ओर सर्विस प्रदान की जाती है।स्टार्टअप ऐसे प्रोडक्ट या सर्विस डिवेलप करती है जिसमें उन्हें अच्छा मार्केट पोटेंशियल दिख रहा होता है तो चलिए आपको बताते हैं कि स्टार्टअप कैसे शुरू करा जाता है।



    स्टार्टअप कैसे शुरू करें ?

    How to Start Startup ?

    स्टार्टअप शुरू करने की प्रक्रिया?

    अगर आपको भी अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना है तो आपको नीचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ना होगा अगर आपको भी Startup शुरू करना है तो आपको बहुत ध्यान की जरूरत है और डेडीकेशन की जरूरत है अगर आपको अपना नाम हासिल करने का जज्बा है तो आप स्टार्टअप आसानी से शुरू कर सकते हैं इसको शुरू करने के लिए आपको अपनी पूरी ताकत डालनी होगी और पूरी मेहनत के साथ स्टार्ट अप करने का मन बनाना होगा


    स्टार्टअप शुरू करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना होगा –

    Startup आईडिया सोचे

    किसी भी काम को शुरु करने के लिए आपके पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया होना चाहिए. जितना अच्छा आपका आइडिया होगा उतना ही फायदा आपको अपने बिजनेस में मिलेगा. अपने बिजनेस आइडिया पर काम करते समय आपको दो चीजों का ध्यान रखना होता है. पहला ये की आपका बिजनेस आइडिया क्या है यानी आप किस चीज का बिजनेस करना चाहते हैं. या क्या काम शुरु करना चाहते हैं और उसे आप किस लेवल तक लेकर जाना चाहते हैं. और दूसरे ये कि आप जो भी काम शुरु करने की सोच रहे हैं उसे क्यों करना चाहते हैं. अगर आप इन दोनों ही चीजों को अच्छी तरह से समझ लेते हैं. तो फिर कोई भी काम हो उसे शुरु करने के लिए आपको कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही आपको इस बात का भी ख्याल रखना होगा की आपको इस दौरान अपनी जेब से कितना खर्च करना है. यानी आप कितने बजट के साथ इसे शुरु करना चाहते हैं. लेकिन अगर आपके पास कोई आइडिया नहीं है तो पहले इस पर काम करें. बिना किसी चीज पर सोच विचार किए उस को सफल नहीं बनाया जा सकता. उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें. जब आपको अपने बिजनेस के लिए एक अच्छा आइडिया मिल जाए तो इस से रिलेटेड पूरी जानकारी हासिल करें. इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए की इस आइडिया पर पहले काम तो नहीं हुआ है. और अगर अपके नजदीक या आसपास आप से रिलेटेड कोई पहले से ही दुकान डाल कर बैठा है. तो उससे अलग आप क्या कर सकते हैं. उस पर भी सोच विचार करें. जिस से आपको ज्यादा फायदा मिलें.


    Think New Idea :- एक स्टार्टअप को शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक Startup आईडिया सोचना होगा। यदि आपके पास पहले से ही कोई बिज़नेस आइडियाज है तो काफी सही है। यदि आपके पास कोई स्टार्टअप आईडिया नहीं है तो चलिए हम आपको बताते है कि आप कैसे एक बढ़िया Startup आईडिया सोच सकते है।


    स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे पहले एक नए विचार यानि आईडिया का होना आवश्यक है. अर्थात आपको क्या बनाना हैं यह आपको पहले सोचना होगा. इसे दुसरे शब्दों में कहें तो स्टार्टअप में किसी चीज का समाधान किसी नये तरीके से करना होता हैं तो उस समाधान का निर्माण करना ही स्टार्टअप की शुरूआत हैं. अपने स्टार्टअप का बाजार में आकार बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि किसी बड़ी समस्या का समाधान बड़ी ही आसानी एवं नए तरीके से किया जाये. अतः आपको इसके बारे में पहले से विचारधारा सेट करनी होगी. 


    • Startup आईडिया कैसे सोचे

    एक अच्छा Startup आईडिया सोचने के लिए सबसे पहले आपको अपने दिमाग को शांत करना होगा। आप दिमाग पर दबाव देकर एक अच्छा बिज़नेस आईडिया कभी नहीं सोचे सकते है। अपने दिमाग को बिलकुल आजाद कर दे। आपका दिमाग जो सोचना चाहता है उसे सोचने दे। बस आप अपने मन में ख्याल रखे की आपको एक अच्छा सा बिज़नेस आईडिया ढूढना है। कुछ देर के बाद आपके दिमाग में खुद ही एक से एक बड़ा Startup आईडिया आना शुरू हो जाएगा। आपके दिमाग में जो भी Startup आईडिया है उसको आप कही लिख ले। इसके बाद आप उस आईडिया पर विचार करे।


    Startup आईडिया ढूंढने का एक बहुत ही अच्छा तरीका है। इसमें आपको यह सोचना है कि आपको कब और किस काम से प्रॉब्लम होता है। यदि अभी आपके काम से जुड़ा कोई प्रॉब्लम नहीं है तो बीते हुए समय के बारे में सोचे। अगर आपको तब भी कोई प्रॉब्लम न मिले तो कुछ समय इतजार करे। आपके जीवन में कोई न कोई प्रॉब्लम जरूर आएगा। जिसको आपको हल करना होगा। जब कोई ऐसा प्रॉब्लम आपके सामने आए तो आप विचार करे कि इस तरह का प्रॉब्लम कितने लोगो को आती होगी। अब आप यह भी सोचे कि वह अपना प्रॉब्लम हल कर पाते होंगे या नहीं। यदि बहुत कम लोग ही अपने प्रॉब्लम को हल कर पाते होंगे तो यह प्रॉब्लम आपके लिए फायदे मंद साबित हो सकता है। इस प्रॉब्लम को ख़त्म करने के लिए आप Startup शुरू कर सकते है।



    हम नये आईडिया के साथ शुरू किये गए कुछ स्टार्टअप बिज़नस कंपनीज के उदहारण आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं, आपकी इससे कुछ मदद हो सकती है –


    1. ऑनलाइन शौपिंग कंपनी फ्लिप्कार्ट :- यह कंपनी एक स्टार्टअप ऑनलाइन शौपिंग कंपनी हैं. जिसने शौपिंग को एक अलग तरीके से करने की पहचान दी. और आज यह कंपनी हर दिन लाखों – करोड़ों की कमाई करती है. इसमें आप फ्लिप्कार्ट एफिलिएट अकाउंट बनाकर पैसे कम सकते हैं.


    1. पेटीएम कैश पेमेंट कंपनी :- लोगों के कैश पेमेंट की सुविधा को आसान बनाने के लिए इस कंपनी को स्टार्ट किया गया और आज यह कंपनी पूरे देश में बहुत अधिक लोकप्रिय हो गई. इसे भी नए आईडिया के साथ शुरू किया गया था इसलिए यह भी एक स्टार्टअप कंपनी हैं.


    1. ओला एवं उबर कैब कंपनी :- लोगों के परिवहन की परेशानी को कम करने के लिए ओला एवं उबर जैसी कंपनी स्टार्टआप के साथ बाजार में आई. और आज लाखों करोड़ों लोग इस कंपनी द्वारा दी जाने वाली सर्विस का उपयोग कर फायदा उठा रहे हैं. ओला के साथ व्यवसाय शुरू कर आप भी लाखों रूपये का फायदा उठा सकते हैं.



    अपने स्टार्टअप आईडिया मॉडल को टीम मेंबर एवं कुछ अन्य लोगों के साथ सांझा करें (Share Model with Team Members) :-

    जब आपने अपने स्टार्टअप बिज़नस की रूपरेखा पूरी तरह से तैयार कर ली, तो उसके बाद आप अपने टीम मेम्बेर्स के साथ मिलकर इसके बारे में पूरी जानकारी सांझा करें. ताकि यदि उसमें कोई कमी रह जाती हैं तो वे उस कमी को भरने में आपकी मदद कर सकेंगे. अतः जब उन्हें आपके स्टार्टअप से संबंधित सभी तरह की जानकारी प्राप्त होगी, तभी वे आपकी मदद कर पाएंगे इसलिए उन्हें आप अपने स्टार्टअप की जानकारी अच्छे से दें.


    हमारा आपसे एक सवाल है क्या आप जो कुछ भी सोचते है वह हमेशा सही होता है? ऐसा हम सभी के साथ होता है। हम जो सोचते है वह हमें 100% सही लगता है, पर वास्तव में वह गलत होता है। वही कभी ऐसा भी होता है जो हम सोचते है वह सही होता है। अब आप एक स्टार्टअप को शुरू करने वाले है तो यदि आपका स्टार्टअप आईडिया असफल साबित हुआ तो आपको काफी बुरा लगेगा। इसके साथ ही आपको धन और समय का हानि भी हो सकता है। इस हानि से बचने के लिए आप जब एक स्टार्टअप आईडिया सोच ले तो उसे अपने माता-पिता, भाई बहन, पति या पत्नी, दोस्त आदि के साथ शेयर करे। आपको जिस व्यक्ति पर विश्वास हो उसके साथ शेयर करे। यदि कोई ऐसा है जिसने अपना स्टार्टअप किया हुआ है या उसको स्टार्टअप की जानकारी है तो ऐसे व्यक्ति के साथ जरूर से शेयर करे। अब आपको सामने वाले से जो भी सुझाव मिले उसे दिल से न ले बल्कि उसके बारे में दिमाग से विचार करे। यदि सभी बोले की आपका स्टार्टअप आईडिया काफी अच्छा है तो भी आप ज्यादा खुश न हो। वही सभी बोले की आपका बिज़नेस आईडिया बेकार है तो भी दुखी न हो।



    टीम बनाएं (Make a Team) :-

    आपके साथ स्टार्टअप में कौन-कौन होगा?

    आपको एक अच्छी टीम की होगी जरूरत एक अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता. ये कहावत किसी भी काम को शुरु करने के लिए बिल्कुल ठीक बैठती है. आप चाहे कितने भी टेलेंटेड हों आपको एक दो हेलपिंग हेंड तो चाहिए ही होंगे. अगर आप बिजनेस करना चाहते हैं तो एक अच्छी टीम आपकी सफलता में काफी मदद करेगी. आप अकेले ही कोई काम नहीं कर सकते. इस लिए आप एक अच्छी टीम बनाएं. और देखें की कौन सा आदमी आपके बिजनेस में कैसी मदद कर सकता है. आपको अपने साथ कितने लोग चाहिए. और उन में क्या क्या खूबियां होनी चाहिए. इस पर भी ध्यान दें. इस में आप एक आद ऐसे लोगों को रखें जिन पर आप आंख बंद कर के भरोसा कर सकें. और आपको किसी चीज पर धोखा ना मिले.


    एक बार आपने अपने लिए एक अच्छे एवं नये विचार के साथ आपको क्या स्टार्टअप शुरू करना चाह रहे हैं इसके बारे में सोच लिया, तो उसके बाद आपके लिये आवश्यक है टीम का होना. क्योकि किसी भी इस तरह के कार्य को अकेले करना संभव नहीं है. अतः आप भी इस कार्य को करने के लिए टीम बनाना ना भूलें. किसी भी कंपनी का एक संस्थापक एवं एक सह- संस्थापक होता है, जो बिज़नस में होने वाले किसी भी उतार – चढ़ाव में बराबर का हिस्सेदार होता है. और इससे परेशानी को भी साझा किया जा सकता है. इसलिए आप टीम अवश्य बनाएं.


    अब एक कदम आगे बढ़ा करके अब आप यह सोचे की आपके स्टार्टअप में कौन-कौन शामिल होगा। इसको पहले से ही सोच लेना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। आप जितने भी लोगो को अपने स्टार्टअप में शामिल करना चाहते है उसके नाम लिख ले। उसके बाद यह भी लेखे की वह आपके कंपनी में क्या काम करेंगे और उनकी इस स्टार्टअप में किया जरूरत है। इसके अलावा आप यह भी विचार कर ले की क्या उनका आपके कंपनी में कोई हिस्सा होगा। यदि हाँ तो कितना प्रतिशत होगा। हम आपको ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि ऐसा बहुत से लोगो के साथ होता है जो अपनी कंपनी में ऐसे लोगो को रख लेते है जो उनके कंपनी के लायक ही नहीं होते है। बाद में उन्हें कंपनी से निकालना भी काफी ज्यादा मुश्किल होता है। इसके अलावा हम कुछ पहचान वाले लोगो को कंपनी का शेयर ऐसे ही दे देते है, लेकिन कुछ समय बाद वही हमारी कंपनी को बंद करने की स्थित पर लेकर आ जाते है।


    अगर आपको अपने आइडिया को स्टार्ट अप करने के लिए सोच लिया है तो आपको अपनी ड्रीम टीम की तलाश करनी होगी।सबसे पहले आपको अपनी स्किल्स को देखना है इसके बाद आपको इस Startup में किन-किन लोगों की जरूरत पड़ेगी उस पर काम करना है। तो चलिए बताते हैं कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए ड्रीम टीम में कौन कौन होता है


    • चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO): सीईओ पूरे स्टार्टअप को लीड करता है और सबको कंपनी के विजन मिशन की तरफ काम करने के लिए उत्साहित करता है।

    • चीफ ग्रोथ ऑफिसर (CGO): यह कंपनी से ही बिजनेस प्लान ग्रोथ की दिशा में काम करते हैं।

    • चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO): कंपनी मैं मार्केटिंग से जुड़ा सारा कामकाज इनके अंदर होता है।

    • चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर (CTO): इनके अंदर सारे टेक्नोलॉजी का काम होता है।

    • चीफ डिजाइनर ऑफिसर (CDO): डिजाइनर से जुड़े सभी काम की जिम्मेदारी इनके अंदर होती है।

    • चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO): स्टार्टअप में फाइनेंस से जुड़ी सभी जिम्मेदारी इनके अंदर होती है।


    Startup शुरू करने के लिए आपके पास एक अच्छी टीम होना बेहद जरूरी है उन लोगों की तलाश करें जिनके साथ आप अपने काम करने में आनंद ले सकें और खासकर शुरुआती स्टेज पर।



    सह-संस्थापक खोजें

    छोटा हो या बड़ा कोई भी बिजनेस आप अकेले शुरू नहीं कर सकते. इसलिए स्टार्टअप से पहले सह-संस्थापक खोजें. ताकि आपको बिजनेस में मदद मिलती रहे.



    स्टार्टअप के नाम का चयन करें (Choose Name of Startup) :-

    स्टार्टअप की पूरी रूपरेखा तैयार करने के साथ ही यह भी आवश्यक है कि आप अपने स्टार्टअप के लिए बहुत ही अच्छा नाम का चयन करें. जोकि आकर्षक एवं यूनिक दोनों हो. और यदि आप इसे आगे जाकर एक ब्रांड का रूप देना चाहते हैं तो फिर इसका नाम ऐसा होना चाहिए जोकि अर्थपूर्ण भी हो और लोगों को पसंद भी आयें. 


    अपने बिजनेस, कंपनी या दुकान का नाम देने या रखने में लोगों को काफी दिक्कते आती है. कोशिश करें की आपके स्टार्टअप का नाम छोटा होने के साथ ही यूनीक होना चाहिए. आपने देखा होगा जीतनी भी बड़ी कंपनिया है उनके नाम अक्सर छोटे और यूनीक ही होते हैं. जैसे KFC, Mcd, जीयो, टाटा, या कोई भी. इनके नाम भी छोटे हैं. और यूनीक भी. अक्सर लोगों को बड़े नाम याद नहीं रहते. कोशिश करें की बिजनेस का नाम ऐसा हो जो लोगों की जुबान पर चढ़ जाए.



    बिजनेस प्लान बनाएं

    स्टार्टअप बिज़नस की प्लानिंग करें (Planning for Startup Business) :-


    बिजनेस को लेकर प्लानिंग है काफी जरूरी एक अच्छे बिजनेस आइडिया को सोचने के बाद आप उसके लिए प्लानिंग करें. ताकि काम के बीच आपको कोई परेशानी ना झेलनी पड़े. अगर आप बिना प्लानिंग के कोई भी बिजनेस शुरु करेंगे तो आपके पास सफल होने के बहुत ही कम चांस होंगे. इस लिए किसी भी आइडिया पर काम करने से पहले उसके बार में अच्छी तरह से रिसर्च करें और प्लान बनाएं. सफलता पाने के लिए छोटी छोटी चीजें काफी मायने रखती हैं. इस लिए इन सब बातों पर ध्यान दें. काम शुरु करने के लिए बजट सबसे ज्यादा जरूरी होता है. और उससे भी ज्यादा आपकी बिजनेस लोकेशन. फिर चाहे आप कोई भी आइडिया लेकर मार्केट में उतर जाएं. अगर पैसा और लोकेशन ठीक नहीं रही तो आइडिया काम नहीं आएगा. हो सके तो इन सब को एक पेपर पर लिखते जाएं. या फिर एक छोटी सी डायरी बना लें. जिस पर आप अपने सभी प्लान और आइडिया लिख सकें. जिस से आप अपने आईडिया पर बारीकी से काम कर सकें.


    इस तरह से जब आपने भी अपने स्टार्टअप के लिए एक विचार या आईडिया सोच लिया हैं, तो अब बारी आती है इसकी प्लानिंग करने की. जी हां अब आपने जो सोचा हैं उसकी प्लानिंग कर लें, कि किस तरह से कार्य को किया जायेगा, किन – किन चीजों की आवश्यकता हो सकती है, किस क्षेत्र में कार्य करना है, किस तरह के ग्राहक इसके साथ जुड़ सकते हैं, क्या – क्या रिसोर्सेज होंगे एवं इससे ग्राहकों को कितना फायदा होगा, आदि इसी तरह की बहुत सी बातों को पॉइंट के आधार पर कहीं नोट कर लें और एक छोटा का मॉडल भी तैयार कर लें, ताकि आपको आगे इसे शुरू करने में आसानी हो.


    अब तक आपके दिमाग में जो भी बिज़नेस प्लान चल रहा है उसको कही लिखना शुरू कर दे। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे दिमाग में बिज़नेस प्लान काफी कम समय के लिए होता है। इसके अलावा जो बिज़नेस प्लान हमारे दिमाग में होता है, वह आधा-अधूरा होता है। भले ही वह हमें पूरा लगता है। आपने बिज़नेस प्लान को जितना अच्छे से लिख सकते है उतने अच्छे से लिखे।



    अपना बिजनेस का मॉडल तैयार करें

    अपने आइडिया को सफता में बदलने के लिए सबसे जरूरी है बिजने मॉडल तैयार करना. बिजनेस मॉडल मतलब आपका कारोबार कैसे चलेगा और आप उसे किस तरह से चलाएंगे. आप किस चीज का काम शुरु करेंगे. कौन कौन सी चीजें सर्व करें. या किस चीज की सर्विस आप अपने कस्टमर को देंगे. कैसे लोगों को आपके बिजनेस से फायदा मिलेगा जिस से वो आपके पास बार बार आएं. इन सब बातों पर सोच विचार जरूर करें. इसके साथ ही आपको ये भी जानना चाहिए की आप शुरु में अपने बिजनेस में कितना पैसा लगाना चाहते हैं. क्या आपको इसके लिए लोन या फिर उधार लेने की जरूरत पड़ेगी. ये भी क्लियर कर लें. साथ ही आपको अपने स्टार्टअप के लिए सभी सामान खरीदना है या फिर रेंट पर लेना है. अगर आपके पास पैसे कम हैं. तो आप जरूरी समान लीज पर भी ले सकते हैं. इसके अलावा आपके साथ कितने लोगों का स्टाफ काम करेगा. और उसनी सैलरी कितनी होगी. इस को भी अपनी डायरी पर नोट करना ना भूलें.



    कंपनी को रेवेनुए कैसे होगा ( Business and Revenue Model ) :-

    दोस्तों आपको बता दूं कि कोई भी कंपनी बिना रेवेन्यू नहीं चल सकती है रेवेन्यू होगा तो ही आप बिजनेस स्टार्ट अप में आगे बढ़ पाएंगे। किसी भी Startupमें रेवेन्यू सबसे अहम और मुश्किल हिस्सा होता है।बिजनेस मॉडल बताता है कि आपकी कंपनी ग्राहकों के लिए क्या वैल्यू प्रदान कर रही है और रविन्यू मॉडल बताता है कि कंपनी वास्तव में एक ही समय में कई बिजनेस मॉडल संचालित कर रही है।रिवेन्यू मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी अपना रेवेन्यू कैसे बनाएगी।इस स्टेज पर आप अपने स्टार्टअप की कमाई से जुड़े प्लांस पर दिमाग लगाते हैं यहां आपको पता लगता है कि आपके प्रोडक्ट के साथ-साथ लॉजिस्टिक और ऑपरेशन की प्रति यूनिट लागत क्या है.


    एक स्टार्टअप को शुरू करने से पहले ही यह भी सोच लेना चाहिए कि कंपनी कैसे पैसा कमाने वाली है। जब तक कोई कंपनी पैसा नहीं कमा सकती है तब तक वह कंपनी सफल ही नहीं सकती है। आपने जिस भी स्टार्टअप आईडिया को सोचा है वह सफल तभी साबित हो सकती है जब उसमे पैसा कमाने का दम हो। वैसे तो हर एक कंपनी रेवेनुए बना ही लेती है लेकिन कुछ ऐसी भी कंपनी भी होती है जो कभी प्रॉफिट में नहीं होती है। साल दर साल वह कंपनी घाटे में ही चल रही होती है। आम इंसान को देखने में लगता है कि वह कंपनी काफी सफल है और काफी प्रॉफिट भी कमा रही है लेकिन ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर PayTm, PhonePay, आदि।



    मार्किट का रिसर्च करें (Market Analysis) :-

    ]आप क्या काम शुरु करना चाहते हैं उसके बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए मार्केट में रिसर्च करना ना भूलेंग. क्योंकि ये बहुत जरूरी है. मार्केट रिसर्च में सबसे जरूरी है की आप जो भी काम करने की सोच रहे हैं उसे लेकर लोकेशन भी उसी तरह की होनी चाहिए. अब कपड़ों की मार्केट में अगर आप फर्नीचर की शॉप खोल कर बैठ चाएंगे तो आपको ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. इस लिए ये जानना भी जरूरी है की जिस भी चीज की दुकान आप खोलना चाहते हैं या जो भी काम आप शुरु करना चाहते हैं तो वो काम उस लोकेशन में फिट बैठता भी है की नहीं. या ऐसा तो नहीं की कोई और आपकी ही तरह दुकान खोल कर बैठा है. इससे आपके ग्राहक कम हो जाएंगे और आपका बिजनेस उस लेवल तक नहीं पहुंच पाएगा जिसकी आप उम्मीद लगाए बैठे हो. इसके साथ ही ये भी जाने की अगर किसी ने आपके ही तरह बिजनेस खोल रखा है तो उस लोकेशन में उसका काम ठीक से चलता भी है की नहीं उसकी खामियां और खूबियों को अच्छी तरह से पहचानना ही असली मार्केट रिसर्च है. खास कर तब जब आपकी ही तरह कोई और भी वही काम खोल कर बैठा हो.


    बहुत से लोग जब मार्किट रिसर्च शब्द को सुनते है तो उन्हें लगता है की बाजार में जाकर पूछना है की यह प्रोडक्ट या सर्विस बाजार में बिकेगा की नहीं। लेकिन मार्किट रिसर्च में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। चलिए अब हम आपको कम शब्दों में बताते है की आप कैसे मार्किट रिसर्च कर सकते है।


    अपने स्टार्टअप बिज़नस को शुरू करने से पहले आपके लिए यह बहुत आवश्यक है कि आप पहले उसे खुद बहुत अच्छी तरीके से समझें, क्योंकि यह एक नया आईडिया हैं जिसे मार्किट में लाना एवं उसे सफल बनाना आवश्यक है. इसके लिए आप अपने स्टार्टअप व्यवसाय के लिए मार्किट का एनालिसिस कर रिसर्च करें कि इसके लिए आपको क्या – क्या आवश्यकताएं हो सकती हैं.


    • मार्किट रिसर्च कैसे करे?

    मार्किट रिसर्च करने की शुरुआत आपके प्रोडक्ट और सर्विस से होती है। आप अपने प्रोडक्ट को जान लिजी। उसके बाद आप यह जानने की आपका प्रोडक्ट की क्षेत्र में आता है। उसके बाद आप उस क्षेत्र से जुडी जानकारी को हासिल करे। उस क्षेत्र से जुडी जानकारी जीतनी हो सके उतनी हासिल करे। मार्किट रिसर्च करने के दूसरे स्टेज में आप वैसे लोगो से मिले जो उस क्षेत्र में काम कर रहे है जिससे जुड़ा आपका प्रोडक्ट है। तीसरे स्टेज में आप उस क्षेत्र को लाइफ को देखे। हर एक प्रोडक्ट, सर्विस या क्षेत्र का एक जीवन काल होता है। एक समय पर उसकी शुरुआत होती है तो एक समय पर वह अपने सबसे ज्यादा सफल स्टेज पर होता है। उसके बाद वह धीरे-धीरे निचे ही आने लगता है। आप जिस भी प्रोडक्ट को लेकर आने वाले यह क्या उसकी अभी शुरुआत है या वह अपने सबसे सफल स्टेज तक पहले से ही पहुंच चूका है। उदाहरण के तौर पर, पेट्रोल और डीज़ल की वाहन का समय अब ख़त्म होने वाला है। पेट्रोल और डीज़ल की वाहन अपने सबसे सफल स्टेज पर जा चूका है। अब वह धीरे-धीरे असफल \और बंद होने के कागार पर आ चूका है। कुछ साल बाद कई देशो की सड़को पर कोई भी पेट्रोल और डीज़ल की वाहन देखने को नहीं मिलेगी।



    बाजार में क्या मिसिंग है इसके बारे में सोचें (What’s Missing in the Market) :-

    आप अपने स्टार्टअप के लिए इसके बारे में सोच सकते हैं कि बाजार में क्या मिसिंग है. क्योकि यदि आप बाजार में मिसिंग चीजों को लेकर आप आएंगे, तो यह आपके स्टार्टअप के लिए बहुत ही लाभकारी होगा. यह एक तरह से लोगों की किसी समस्या का समाधान भी हो सकता है. अतः जब आप मार्किट में रिसर्च करेंगे तो आपको इस बात का पता लगेगा कि बाजार में क्या चीजें मिसिंग हैं, तो आप अपने स्टार्टअप में उस पर काम कर सकते हैं. फिर आपका बिज़नस खुद ब खुद ही सफल होने लगेगा.



    ग्राहक को पहचाने

    किस भी स्टार्टअप को सफल बनाने में सबसे ज्यादा योगदान कंपनी के मालिक का नहीं बल्कि ग्राहकों का होता है। ग्राहक ही तय करते है की बिज़नेस सफल होगा या नहीं। अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि तो एक स्टार्टअप के मालिक के तौर पर आप कैसे ग्राहक से अपने बिज़नेस को सफल करवा सकते है। चलिए हम यही बताते है कि एक स्टार्टअप के मालिक के तौर पर बिज़नेस को ग्राहक से कैसे सवाल करवाए। इसके लिए आपको ग्राहक को पहचानना होगा। अब फिर से आपके मन में सवाल आ सकता है कि ग्राहक को पहचान के बिज़नेस को कैसे सफल कर सकते है। चलिए हम आपको इसका भी कारण देते है। इस धरती पर अनगिनत लोग है, जो किसी न किसी कंपनी के ग्राहक है। अगर आप अपने प्रोडक्ट और सर्विस को सभी के पास ले जाएंगे तो आपको काफी पैसा खर्च करना होगा। लेकिन आपकीकमाई उतनी नहीं हो पाएगी जितना आप खर्च करेंगे। वही जब आपको अपने ग्राहक के बारे में पता होगा कि आपका ग्राहक कैसे होगा तो आप कम खर्च करके अपने ग्राहक तक पंहुच सकते है और काफी पैसा कमा सकते है।


    अगर आपको अपना आइडिया कस्टमर तक पहुंचाना है तो आपको सबसे पहले कस्टमर पर सोना डिजाइन करना होगा यह मार्केट रिसर्च द्वारा बनाया गया है आपको सही कंस्यूमर वर्क का पहचान करवाने के लिए। इसके द्वारा आप कंस्यूमर की जानकारी जैसे के एज ग्रुप एजुकेशनल बैकग्राउंड लैंग्वेज आती पहले सुनिश्चित करते हैं।अपने कंस्यूमर की सही जानकारी और उनकी जरूरतों को समझने के लिए सबसे पहले आपको उनका इंटरव्यू लेना होगा।



    Problem

    स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे पहला स्टेप है कि आपको किसी प्रॉब्लम को पहचानना है और इस प्रॉब्लम के बारे में आपको अपना पर्सनल एक्सपीरियंस भी देखना है। स्टार्टअप शुरू करने से पहले आपको देखना पड़ता है कि कौन सी प्रॉब्लम आ रही है और इसका सामना किस किसको करना पड़ रहा है और इस प्रॉब्लम का सलूशन लाने में कितने लोगों की जिंदगी आसान होगी ऐसी प्रॉब्लम क्यों हो रही है वह कब और कितनी बार हो रही है। और किस वर्ग के लोगों को यह प्रॉब्लम हो रही है।



    टेक्नोलॉजी (Technology) :-

    आज का समय टेक्नोलॉजी का समय है. आपके स्टार्टअप के लिए आवश्यक है कि आप एवं आपकी टीम अच्छी टेक्नोलॉजी का भी विशेष ध्यान रखे. और अच्छी से अच्छी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएँ तो बेहतर होगा. क्योकि यदि गलत टेक्नोलॉजी का चयन किया गया तो आपका स्टार्टअप विफल भी हो सकता है. इसके लिए आप औरों से अच्छे विकल्प की सलाह ले सकते हैं. पर यह भी ध्यान रखें यदि आवश्यकता हो तभी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें. जबरदस्ती इसे घुसाने की कोशिश बिलकुल भी ना करें.



    फंडिंग (Funding) :-

    वैसे तो स्टार्टअप के लिए फंडिंग का होना आवश्यक नहीं है. क्योकि स्टार्टअप के लिए पैसे जुटाने पर प्राथमिकता नहीं दी जाती है बल्कि आपके इस व्यवसाय को किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है इस पर प्राथमिकता दी जाती है. इसमें आपको ज्यादा फंडिंग की भी आवश्यकता नहीं होती है. फिर भी बाजार में बहुत से ऐसे निवेशक हैं जो इसके लिए आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी आवश्यक है कि आपका स्टार्टअप एकदम यूनिक, गुणवत्तापूर्ण एवं नया होना चाहिए. हालाँकि एक स्टार्टअप में निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य कुछ बातें होती हैं. जिसका आपको हमेशा ध्यान रखना होगा.



    अपने स्टार्टअप बिज़नस को रजिस्टर कराएँ (Register a Startup Business) :-

    कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना है बेहद जरूरी आप कोई भी काम खोले. कैसा भी बिजनेस करें. या फिर किसी भी लेवल में करें. आपको आपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन करना ही पड़ेगा. ये आपके लिए और आपकी कंपनी के लिए बेहद जरूरी है. एक अच्छा और सफल बिजनेसमैन बनने के लिए आपको सारे काम लीगल तरीके से करने होंगे फिर वो चाहे कोई शॉपिंग मॉल हो या फिर कोई दुकान. रेस्टोरेंट हो या फिर कोई ठेला जिस पर भी आप पैसा लगा रहे हैं उसका रजिस्ट्रेशन करवाना ना भुलिएगा. आप अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए किसी जानकार या फिर लीगर एडवाइजर के साथ सलाह कर सकते हैं. इससे आपको काफी मदद मिलेगी. किसी भी काम को शुरु करने से पहले इन सब बातों का ख्याल रखें. इनसे आपके कारोबार को शुरु करने और उसे सफल बनाने में आपको काफी मदद मिलेगी. लेकिन सच सही है की लास्ट में वो आप और आपकी मेहनत ही होगी जिससे आप को सफलता हासिल होगी. अपने काम को जिम्मेदारी से निभाएं. और जिम्मेदारी से काम करें. फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा.


    आपका स्टार्टअप पूरी तरह से शुरू होने के लिए तैयार हो जाएँ तो उसके बाद आपको अपने स्टार्टअप बिज़नस को रजिस्टर करना है. इसके लिए आपको सारे कानूनी कार्य करने होंगे. कानूनी कार्य करने के लिए आप अगर किसी लीगल एडवाइजर की सलाह लें, तो आपके लिए अच्छा होगा.



    अपने स्टार्टअप की लॉन्चिंग करें (Launch Startup) :-

    अब जब सारी तैयारी हो गई तो फिर बारी आती है अपने स्टार्टअप को लॉन्च करने की. जी हां अब आप अपने स्टार्टअप को लांच करें.



    मार्केटिंग करें (Marketing) :-

    ये किसी भी व्यवसाय के विकास का एक अभिन्न अंग है. अतः आप भी अगर यह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके स्टार्टअप के साथ जुड़ें, तो उन तक आपके स्टार्टअप की विशेषताएं एवं लाभ पहुँचाने के लिए आवश्यक है कि आप अपने स्टार्टअप व्यवसाय की मार्केटिंग करें. लोगों को इसके बारे में बताएं कि आपके स्टार्टअप बिज़नस अन्य छोटे व्यवसाय से किस तरह अलग है, इसमें क्या नया है, क्या विशेष हैं एवं इससे क्या फायदा है आदि.  



    अपने ग्राहकों को फॉलोअप करें (Follow up Your Customer) :-

    जब आपके स्टार्टअप बिज़नस के लिए ग्राहक आने लगेंगे तो आप उनकी पूरी तरह से मदद करें. उन्हें यदि आपकी सर्विस या प्रोडक्ट को खरीदने या इससे संबंधित किसी भी प्रकार की कोई परेशानी होती है, तो आप उनकी मदद करें. उन्हें फॉलोअप करें उनसे बात करें. एवं और लोगों को इससे जुड़ने के लिए कहें.



    यूजर संख्या में वृद्धि (Increase User) :-

    आपका बिज़नस शुरू होने के बाद आप टारगेट सेट करें कि आप यूजर संख्या को किस तरह से बढ़ाएंगे. इसके लिए आप शुरुआत में यह कर सकते हैं कि पहले आप 1000 यूजर को अपने साथ जोड़ें, और यह तभी होगा जब आपका स्टार्टअप बिज़नस उनकी जरुरतों को पूरा करेगा, साथ की उनका समय भी बचाएगा. जब आपका यह टारगेट पूरा हो जायेगा तब आप धीरे – धीरे अपने टारगेट को बढ़ाते जाइये. आप देखेंगे कि यह खुद ब खुद ही होने लगेगा.



    सफलता (Success) :-

    अंत में बारी आती है सफलता की. यह किसी भी बिज़नस के लिए बहुत ही अहम होती हैं. यदि ये नहीं तो आपके बिज़नस को कोई लाभ नहीं होगा. और कुछ समय बाद आप वापस उसी जगह में पहुँच जायेंगे जहाँ से आपने शुरुआत की थी. इसलिए आप अपने स्टार्टअप बिज़नस को सफल बनाने की पूरी कोशिश करें. आपका बिज़नस जब पूरी तरह से सेट हो जायेगा और लोगों को यह पसंद आने लगेगा, तो आपसे आपकी कामयाबी कोई भी कभी भी नहीं छीन सकेगा. इसलिए यह आवश्यक है.



    स्टार्टअप के फायदे

    • स्टार्टअप कंपनी अपने कर्मचारियों को ऐसे लगते हैं जैसे कि वह सफल हो सके नए स्केल सीख सकें और अपने काम कर सके जो उन्हें कहीं और करने का अवसर ना मिले

    • Startup में अपने इंप्रेस को सभी तरह की फैक्स फ्लैक्सिबिलिटी देने में विश्वास रखते हैं जिससे एंपलाई जहां और जैसा काम करना चाहे वह कंफर्टेबल काम कर सकता है।

    • स्टार्टअप में एम्पलॉइस को सैलरी नहीं देते बल्कि उन्हें कंपनी में स्टाफ के जरिए हिस्सेदार भी बनाते हैं इससे एंप्लॉय कंपनी को अपना समझकर डेडीकेशन के साथ काम करता है।

    • स्टेटस में आप आम तौर पर फास्टेस्ट इंवॉल्वमेंट पाएंगे यहां सीईओ से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट का परमिशन की जरूरत नहीं होती जब चाहे आप उनसे मिल सकते हैं इससे डिसीजन मेकिंग प्रोसेस तेजी से होता है और इन फॉरेन है प्रोडक्ट बिना किसी रूकावट से बनाते हैं।

    • अगर आपका स्पेक्टर मार्केट में सफल हो रहा है तो आपकी यहां इनवर्टर की लाइन लग जाती है और इस तरह आपके सेटअप की वैल्यूएशन बढ़ती है और कम समय में आप बहुत अच्छा पैसा कमा सकते है |



    भारत में बिज़नेस स्टार्टअप करना

    भारत में अपना स्टार्टअप व्यवसाय स्थापित करने के लिए आप पांच प्रकार के प्रारूपों का उपयोग कर सकते हैं। जो इस प्रकार है-


    • एक व्यक्ति कंपनी (ओपीसी)

    • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी



    1. एक व्यक्ति कंपनी (ओपीसी) पंजिकृत करने की प्रक्रिया


    • डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) के लिए आवेदन करें।

    • आईएनसी -1 में कंपनी के नाम के लिए आवेदन करें।

    • मेमोरैंडम एंड आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एमओए और एओ ए) तैयार करें।

    • आईएनसी फॉर्म 32 एमओए और एओए के साथ दर्ज़ करें।

    • आईएनसी -1 आवेदन के तहत अनुमोदित कंपनी के नाम का आवंटन

    • डी आई एन आवंटन

    • नई कंपनी का निवेश

    • कंपनी पैन

    • कंपनी टेन

    • शायर धारक के लिए एफिडेविट को दर्ज करें एवं गवाह की सहमति एवं पहचान और पते के प्रमाण को भी दर्ज करें।

    • एक बार पैन और टीएएन के साथ समावेश दे दिया जाता है, तो उसके बाद आप एक चालू खाता खोल सकते हैं।



    2. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी


    • अपने निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) और अपने डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) के लिए आवेदन करें।

    • एमसीए साइट पर जाकर नाम की उपलब्धता देखें और क्रम में 2-3 विकल्पों के साथ आवेदन करें।

    • फिर, अपने राज्य के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के साथ 60 दिनों के भीतर मेमोरैंडम और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के साथ फॉर्म आईएनसी -2 दर्ज करें।

    • पंजीकरण हो जाने के बाद, अपनी कंपनी के पैन और टैन के लिए आवेदन करें।

    • यदि कारोबार में बिक्री 20 लाख रुपये से अधिक होने की उम्मीद है तो , जीएसटीआईएन के लिए भी आवेदन करें।



    भारत में पंजीकरण शुरू करने के लिए आवेदन

    1. कम्पनी या ऑर्गनाइज़ेशन का विवरण:

    यहां आपको अपनी कम्पनी के प्रकार (कंपनी, एलएलपी, साझेदारी), उद्योग, क्षेत्र, श्रेणी, निगमन या पंजीकरण संख्या और तिथि, कंपनी,का नाम और पैन विवरण डालना होगा।


    2. अधिकृत प्रतिनिधि विवरण:

    इसमें अधिकृत व्यक्ति के नाम, पदनाम और संपर्क विवरण शामिल होंगे।


    3. निदेशक (S)/साथी (S) विवरण:

    इनमें उनका नाम, लिंग, पता और संपर्क विवरण शामिल हैं।


    अतिरिक्त जानकारी: आपको कुछ अतिरिक्त विवरण प्रदान करने की आवश्यकता है जैसे कि कर्मचारियों की संख्या, उत्पाद / व्यवस्था के विकास का स्तर, बौद्धिक संपदा अधिकार अनुप्रयोगों का विवरण इत्यादि।


    कर लाभ: ये 1 अप्रैल 2016 और 31 मार्च 201 9 के बीच गठित/ गठित होने जा रहे व्यवसायों के लिए उपलब्ध हैं।


    4. स्व-प्रमाणन:

    यहां आपको अपनी कंपनी निगमन प्रमाण पत्र अपलोड करने की आवश्यकता है, जो आपको एमसीए द्वारा जारी किया गया है। यह फ़ाइल जेपीजी, पीएनजी या पीडीएफ प्रारूप में 5 एमबी से कम की हो सकती है ।


    5. अतिरिक्त दस्तावेज/विवरण:

    आप अपने आवेदन का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज/विवरण प्रदान कर सकते हैं जैसे वेबसाइट लिंक, वीडियो, पिच डेक इत्यादि। एक बार आवेदन पूरा होने के बाद, इसकी जांच की जाएगी और फिर भारत पंजीकरण प्रमाणपत्र कम्पनी/ऑर्गनाइज़ेशन को प्रदान कर दिया जायेगा।



    Startup और business में क्या अंतर होता है?

    हम सभी बचपन से बिज़नेस शब्द को तो सुनते हुए आए है। हमें काफी हद तक बिज़नेस के बारे में पता भी है। लेकिन Startup काफी नया शब्द है। Startup और बिज़नेस के अंतर को समझना इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि दोनों का काम एक ही होता है। आपको चिंता लेने की कोई जरूरत नहीं है। चलिए हम Startup और Business के बिच का अंतर आपको एक-एक करके बताते है।



    Business

    Startup



    Business को scale करना मुश्किल होता है।

    Startup आसानी से scale किया जा सकता है।

    Business हमेशा प्रॉफिट में ही होता है।

    कोई Startup फायदा में होता है तो कोई startup हानि में भी होता है।

    बिजनेस को एक व्यक्ति द्वारा चलाया जा सकता है।

    Startup को चलाने के लिए कई व्यक्ति की जरूरत होती है।

    बहुत से बिजनेस को कॉपी किया जा सकता है।

    बहुत ही कम startup को कॉपी किया जा सकता है।

    Business में Investor इन्वेस्ट करने को तैयार नहीं होते है।

    startup में investor इन्वेस्ट करना पसंद करते है।

    बिज़नेस को technology adapt करना मुश्किल होता है।

    Startup की शुरुआत ही टेक्नोलॉजी के दम पर होती है। दूसरे शब्दों में Startup टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है।




    निष्कर्ष (Conclusion)

    किसी स्टार्टअप को इस समय भारत देश में शुरू करना मुश्किल नहीं है। आप मात्र 10 दिन के अंदर अपने बिज़नेस को रजिस्टर करवा सकते है लेकिन बिज़नेस को सफल बनाना काफी मुश्किल है। भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में स्टार्टअप को सफल करना मुश्किल है। अब आप सोच रहे होंगे कि मेरा स्टार्टअप आईडिया काफी दमदार है मैं तो जल्दी से सफल बिज़नेस बना लगा। हम आपको बता दे कि जब आप बिज़नेस को शुरू करेंगे तो आपको बहुत कुछ सीखना है। स्टार्टअप को सफल करने का एक मात्र तरीका है कभी हार न माना, सीखते रहना, बदलाव करते रहना।


    मेरे प्रिय दोस्तों उम्मीद करती हूं कि आपको मेरा आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि स्टार्टअप क्या होता है अथवा उसे शुरू करने के लिए क्या करना पड़ता है आगे भी इसी तरह आपको अपना आर्टिकल के माध्यम से और चीजों के बारे में जानकारी प्रदान करती रहूंगी अगर आपको फिर भी कोई कठिनाई है तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं आप का कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है।


    स्टार्टअप एक ऐसी कोशिश हैं जहाँ आप अपनी जितनी ज्यादा क्रिएटिविटी दिखायेंगे और लोगों को अपनी एवं अपने स्टार्टअप बिज़नस की ओर आकर्षित करेंगे उतना ही अधिक आपको सफलता मिलेगी. इसलिए आप अपने स्टार्टअप की शुरुआत करने में इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें. और इसके अनुसार ही अपने स्टार्टअप बिज़नस को शुरू करें.



    एफएक्यू’स (FAQ’s)

    Q : स्टार्टअप इंडिया क्या है ?

    Ans : स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्टैंड अप इंडिया स्कीम है, जोकि युवाओं को रोजगार के साथ ही उनके नए विचारों और उनके हुनर को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है.


    Q : स्टार्टअप इंडिया स्कीम का उद्देश्य क्या है ?

    Ans : स्टार्टअप इंडिया स्कीम का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि आज के युवाओं के दिमाग में चल रहे क्रिएटिव एवं नये आइडियाज को लोगों के सामने लाया जायें, ताकि देश में नई – नई चीजें इजात हों एवं उनके साथ – साथ देश का भी विकास हो.     


    Q : किस तरह का स्टार्टअप बिज़नस शुरू किया जा सकता है ?

    Ans : आपको बाजार में किस चीज की जरुरत ज्यादा हैं और आप उन जरुरतों को कैसे आसानी से पूरा कर सकते हैं वो भी नए तरीके से, जिससे लोगों का समय भी बचे. इस बारे में सोचते हुए आप अपने स्टार्टअप बिज़नस की शुरूआत कर सकते हैं. 


    Q : कम पैसों के साथ स्टार्टअप की शुरुआत कैसे करें ?

    Ans : यदि आपको अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं मिलते हैं, तो भी आप कम पैसों के साथ अपना स्टार्टअप बिज़नस शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आप छोटे बिज़नस आइडियाज के बारे में सोचें, नए युवाओं के लिए ये भी अच्छा विकल्प है.


    Q : स्टार्टअप शुरू करने के बाद कितनी तक की कमाई की जा सकती है ?

    Ans : स्टार्टअप शुरू करने के बाद यदि वह काफी अधिक लोकप्रिय हो गया तो इससे प्रतिमाह लाखों एवं करोड़ों की कमाई की जा सकती है.

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