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सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) फार्म मशीनरी योजना | किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए मिलेगी 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी

    नई तकनीक इस्तेमाल कर पैसा कमाना चाहते हैं तो केवल 20 % भुगतान कर केंद्र सरकार की सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) फार्म मशीनरी योजना का उठायें फायदा

    Custom Hiring Center Farm Machinery Scheme

    किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए मिलेगी 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी


    यदि आप किसान हैं और मशीनों से खेती कर पैसा कमाना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) फार्म मशीनरी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इस स्कीम तहत सेंटर खोलने पर 60 लाख रुपए तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकते हैं। यानी अपने क्षेत्र के किसानों की जरूरतों को समझते हुए इतनी रकम के कृषि उपकरण खरीद सकते हैं।

    Custom Hiring Center Farm Machinery Scheme

    आपके प्रोजेक्ट में 24 लाख रुपए सरकार लगाएगी। वहीं, पांच-छह किसान को-ऑपरेटिव ग्रुप बनाकर भी आप मशीन बैंक बना सकते हैं। ग्रुप के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए का प्रोजेक्ट मंजूर होगा। इसमें आपको 8 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है। यानी आपको सिर्फ 20% रकम लगानी होगी। देशभर के किसान सीएचसी फार्म मशीनरी मोबाइल एप पर ऑर्डर देकर ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण सस्ती दरों पर किराए से मंगा सकते हैं। केंद्र सरकार खेती को फायदेमंद और किसानों के लिए आसान बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए वह किसानों को खेती में नए कृषि उपकरणों के इस्तेमाल की सलाह और उनकी ट्रेनिंग दे रही है। 


    किसानों को ट्रैक्टर, मशीनरी जैसे महंगे उपकरण नहीं खरीदने होंगे


    किसानों को खेती में मदद करने के लिए सरकार हर – संभव प्रयास कर रही है, ताकि किसान अच्छा पैसा कमाकर बेहतर जीवन यापन कर सकें. खेती अच्छे से हो सके इसके लिए किसानों को मशीनों की आवश्यकता होती है, किन्तु मशीनों की कीमत अधिक होने की वजह से वे ये नहीं खरीद पाते हैं. इसी समस्या के समाधान के लिए मोदी सरकार ने एक योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम ‘कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) फार्म मशीनरी योजना’ है. इसके तहत छोटे किसानों को खेती के लिए मशीन किराये पर दी जाएगी और इसके लिए उन्हें 20 % का भुगतान करना होगा और बाकी का भुगतान सरकार द्वारा किया जायेगा. यह योजना छोटे किसानों को कृषि के बेहतर व्यवसाय के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी. इस योजना की क्या – क्या विशेषताएं होंगी, यह जानकारी आपको नीचे कुछ बिन्दुओं के आधार पर मिल जाएगी।



    सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) फार्म मशीनरी योजना की विशेषताएं (CHC Farm Machinery Yojana Features)

    किसानों को सशक्त बनाना :-

    हमारे देश में किसानों की स्थिति के उत्थान के लिए हमारी सरकार इस योजना को शुरू कर किसानों को सशक्त बनाना चाहती है, ताकि वे भी अन्य लोगों की तरह बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें.


    दी जाने वाली सुविधा :-

    इस योजना को शुरू कर मोदी सरकार किसानों को यह सुविधा दे रही है कि अब किसान आज के समय में खेती के लिए उपयोग होने वाली मशीनें एवं ट्रेक्टर किरायें पर ले सकते हैं.


    व्यवसाय करने में मदद :–

    इस योजना में एक सुविधा यह भी दी जा रही है कि यदि किसी किसान के पास ये मशीनें हैं, तो वह उसे अन्य किसानों को किराये पर देकर व्यवसाय कर सकते हैं. और अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं.


    देश की अर्थव्यवस्था का विकास :-

    इस योजना से किसानों को लाभ तो मिलेगा ही साथ में देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा. और उसका विकास भी होगा.


    उत्पादन में वृद्धि :-

    इस योजना के तहत जब किसानों को किराये पर मशीनें प्राप्त होंगी और वे उसका उपयोग करेंगे, तो इससे उत्पादन में वृद्धि होगी. अधिक उत्पादन होने से किसानों को मुनाफा भी अधिक होगा.


    किसानों को पैसा कमाने में मदद :-

    आज के समय में खेती के लिए मशीनों की आवश्यकता होती हैं क्योकि मशीन से उत्पादन बेहतर होता हैं, और इससे किसानों के लिए कमाई करना भी आसान हो जाता है. लेकिन मशीनें महंगी होने की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाते. इस योजना के माध्यम से किसान खेती के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लेंगे, तो वे मशरूम से लेकर खजूर तक की खेती कर सकेंगे, इससे उनकी आय में वृद्धि होगी, और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी सही साबित होगा.


    खेती को फायदेमंद एवं आसान बनाने में सहायक :-

    इस योजना के माध्यम से सरकार आधुनिक तरीकों का उपयोग करके खेती करने के तरीके का विकास करना चाहती है. इससे खेती को फायदेमंद एवं किसानों के लिए आसान बनाया जा सकता है. इससे किसानों एवं खेती दोनों का विकास होगा.


    प्रोजेक्ट :-

    इस योजना में किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार 60 लाख रूपये तक की मशीनें किराये पर ले सकते हैं. जिसमें उन्हें 20 % भुगतान करना होगा और बाकी का 80 % सरकार द्वारा किया जायेगा.


    कॉर्पोरेटिव ग्रुप के रूप में :-

    यदि आप 6 से 8 किसानों के साथ मिलकर एक कॉर्पोरेटिव ग्रुप बनाते हैं तो उस समय आप कम कम से 10 लाख रूपये तक की मशीनें ले सकते हैं, और आपको उसके लिए 8 लाख की सब्सिडी मिल जाएगी.


    मशीन चलाने के लिए ट्रेनिंग :-

    अधिकतर ऐसा होता हैं किसानों को आधुनिक तकनीकों वाली मशीनें चलाने में कुछ समस्या आती हैं. तो आपको बता दें इस योजना को शुरू करते हुए सरकार द्वारा लगभग 50 हजार किसानों को मशीनों का संचालन करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है.


    कस्टम हायरिंग क्रेंद्र एवं फार्म मशीन बैंक :-

    इस योजना को लागू करने के लिए और किसानों को खेती के लिए मशीनें उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा देश में 8 हजार से ऊपर कस्टम हायरिंग केंद्र एवं 6 हजार से ऊपर मशीन बैंक का निर्माण किया गया है. जहाँ से किसान किराये पर मशीनें प्राप्त कर सकते हैं.



    कस्टम हायरिंग योजना (सीएचसी) के तहत किसानों को कितनी मिलती है सब्सिडी

    मध्यप्रदेश में किसानों को 25 लाख रुपए तक के कस्टम हायरिंग केंद्र (सीएचसी) की स्थापना पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपए तक की क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड सब्सिडी दी जाती है। अनुदान/सब्सिडी की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार दिया जाता है। इसके अलावा इस योजना पर लिए गए बैंक ऋण पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जाएगा।



    किसान कस्टम हायरिंग सेंटर से ये कृषि यंत्र किराये पर ले सकते हैं

    कस्टम हायरिंग सेंटर में किसानों को आवश्यकता को देखते हुए सभी प्रकार के कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्र होते हैं। यहां से किसान निर्धारित किराए का भुगतान करके कृषि यंत्र ले जाकर खेतीबाड़ी या बागवानी का काम कर सकते हैं। कस्टम हायरिंग सेंटर में जो कृषि यंत्र उपलब्ध होते हैं उनमें ट्रैक्टर, एमबी/ डिस्क प्याऊ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, सेल्फ प्रोपेल्ड सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, ट्रैक्टर चालित रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर कम बाइंडर, थ्रेसर, पावर स्प्रेयर, नेपसेक स्प्रेयर, पावर वीडर आदि कृषि यंत्र शामिल हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे यंत्र भी कस्टम हायरिंग सेंटर में होते हैं।



    कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना हेतु पात्रता एवं शर्तें

    • कस्टम हायरिंग केंद्र न्यूनतम रुपए 10 लाख तथा अधिकतम रु. 25 लाख तक की लागत में स्थापित किया जा सकेगा।


    • बैंक ऋण के आधार पर केंद्र स्थापित किया जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी।


    • अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जाएगा जो हितग्राही द्वारा बैंक- ऋण की पुर्नअदायगी किए जाने के उपरान्त हितग्राही के खाते में समायोजित होगा।


    • योजना के तहत व्यक्तिगत आवेदकों के साथ-साथ महिला स्व- सहायता समूह / संगठन भी कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु आवेदन कर सकेंगे। समूह / संगठन में जिस श्रेणी के सदस्यों की संख्या अधिक होगी, समूह / संगठन को उसके अनुसार सामान्य, अनुसूचित या जनजाति वर्ग में माना जाएगा।


    • योजनांतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के न्यूनतम 18 वर्ष आयु के व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। आवेदक की उम्र 18 वर्ष से कम एवं 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।


    • व्यक्तिगत आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।


    • पूर्व से ही शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत अथवा अन्य शासकीय योजना से रोजगार हेतु लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।


    • योजना के तहत कृषि, कृषि अभियांत्रिकी एवं उद्यानिकी स्नात्तकों को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है। प्राथमिकता सूची में इन आवेदकों के प्रकरणों पर निर्धारित सीमा जिले हेतु निर्धारित लक्ष्यों के 30 प्रतिशत अधिकतम 3 केंद्रों तक प्राथमिकता दी जाकर विचार किया जाएगा।


    • एक ग्राम एक परिवार तथा एक समूह / संगठन को केवल एक ही कस्टम हायरिंग केंद्र दिए जाने का प्रावधान है। जिन ग्रामों में पूर्व में केंद्र स्थापित हो चुके है वहीं के लिए आवेदन प्रस्तुत न किए जाए। ग्रामों के संबंध में अंतिम निर्णय संबधित कृषि यंत्री कार्यालय द्वारा अभिलेखों के सत्यापन के समय लिया जाएगा।


    • जिस ग्राम में केंद्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मतदाता होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता- पिता के नाम पर भूमि होने पर ही संबंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।


    • क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंडेड सब्सिडी की राशि पर बैंक द्वारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा बैंक की ऋण राशि, जिसमें अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।


    • स्वीकृति ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जाएगी तथा ऋण स्थगन अवधि अधिकतम 6 माह रहेगी।


    • स्वीकृति किए गए ऋण को 4 वर्ष अवधि के पुर्न रूप से लौटाया नहीं जा सकेगा। इस अवधि के पूर्व हितग्राही द्वारा बैंक ऋण पुर्न रूप से चुकाने पर हितग्राही को अनुदान की पात्रता नहीं रहेगी। इस स्थिति में बैंक द्वारा अनुदान की राशि शासन को दी जानी होगी।


    • योजना के तहत क्रय की गई मशीनों / यंत्रों आदि को ऋण प्रदाय किए गए बैंक के अलावा अन्य किसी व्यक्ति / संस्था को हितग्राही द्वारा अवधि तक विक्रय / रेहन (मोरगेज) अथवा हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा। इसका उल्लंघन किए जाने पर शासन नियमानुसार अनुदान राशि माय ब्याज के वापस करना होगी। राशि वापस न किए जाने की दशा में संपूर्ण राशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जा सकेगी।


    • हितग्राही को अनुदान राशि केवल मशीनों / यंत्रों की लागत के आधार पर देय होगी। मशीनों / यंत्रों के रखरखाव शेड निर्माण एवं आवश्यकता अनुसार भूमि की व्यवस्था आवेदक / हितग्राही को स्वयं करनी होगी।



    कृषि के लिए उपयोग करने वाली मशीनें एवं उपकरण (Machineries and Equipments using in Farming)

    किसानों को अक्सर कृषि के लिए जिन मशीनों एवं उपकरणों की आवश्यकता होती हैं, उसमें से कुछ इस प्रकार हैं जिसे आप इस योजना के तहत किराये पर आसानी से ले सकते हैं.


    • ट्रेक्टर,

    • कंबाइन हार्बेस्टर,

    • पैडी राइस ट्रांस्प्लाटर,

    • जीरो टिल सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल,

    • लेजर लैंड लेवलर,

    • रोटावेयर,

    • फ़र्टिलाइज़र ड्रिल,

    • मल्टीक्रॉप थ्रेशर,

    • एक्सियल फ्लो पैडी थ्रेशर आदि.



    कस्टम हायरिंग सेंटर्स के लिए स्थान (Location for Custom Hiring Centers)

    आदर्श रूप में, सीएचसी सेंटर्स देश भर में उस जगह पर स्थित हैं, जहाँ 5 से 7 किलोमीटर के दायरे में बड़ी और छोटी भूमि खेती के लिए स्थित है, और जिनके अंडर में कम से कम 4 से 5 गांव आते हैं. इससे कृषि मशीनरी के परिवहन लागत और परिवहन के समय में कमी आती है. इससे किसानों एवं इन सीएचसी सेंटर्स दोनों के लिए परिवहन के उद्देश्य के लिए आराम हो गया है. हालांकि ये सीएचसी सेंटर्स या फार्म मशीनरी बैंक और हाई – टेक हब को विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित किया गया है जैसे कृषि यंत्रीकरण मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और केन्द्रीय कृषि मंत्रालय एवं किसान कल्याण के तहत डीएसी एंड एफडब्ल्यू की फसल अवशेष प्रबंधन योजना आदि.  



    सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप (CHC Farm Machinery App)

    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसानों को खेती में उपयोग होने वाले मशीनरी एवं उपकरण को किराये पर देने की सुविधा देने के लिए एक ‘सीएचसी फार्म मशीनरी’ मोबाइल एप की शुरुआत की है. यह एप एक मल्टी – लिंगुअल मोबाइल एप है, जोकि उबर एवं ओला कैब मोबाइल एप की तरह कार्य करता है. जिसे 2 तरीके से उपयोग किया जा सकता है.


    यूजर यानि एक किसान के रूप में :-

    एक यूजर यानि एक किसान के रूप में आप ट्रैक्टर्स और अन्य मशीनें ऑर्डर देकर सस्ते दामों में किराये पर ले सकते हैं.


    सर्विस प्रोवाइडर के रूप में :-

    इसके साथ ही यदि किसी किसान के पास अपनी खुद की मशीनें या उपकरण हैं, तो वे किसान इस एप की मदद से उसे अन्य किसानों को किराये पर दे सकते हैं.



    सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप की विशेषताएं एवं लाभ (CHC Farm Machinery App Features and Benefits)


    • यह एप ऐसा एप है जिसमें 12 भाषाएँ उपलब्ध है. यानि की यह देश के सभी क्षेत्रों में शुरू किया जा रहा है इसलिए लोग अपने क्षेत्र के अनुसार भाषा का चयन कर सकते हैं.


    • यह सीएचसी फार्म मशीनरी एप का आकार 5 एमबी है जिसे डाउनलोड करने के लिए 4.0.3 और उसके ऊपर के एंड्राइड वर्शन की आवश्यकता होती है.


    • इस एप के माध्यम से उच्च मूल्य और तकनीकी कृषि उपकरणों तक किसानों की आसान पहुँच होगी.


    • इस एप में सभी प्रकार के इनपुट्स के ओप्टिमम उपयोग की सुविधा होगी. इससे कम समय सीमा में अधिकतम किसान अपनी खेती के लिए अपनी पसंदीदा मशीनरी के लिए ऑर्डर दे पायेंगे.


    • एक मोबाइल एप्प में ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ेंगे तो इससे अधिकतम खेत जोतने का मशीनीकरण होगा और इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.


    • इस मोबाइल एप से किसान अपने क्षेत्र में ही कस्टम हायरिंग सेवा केन्द्रों से जुड़ जायेंगे.


    • इस एप के माध्यम से आप 50 किलोमीटर के दायरे तक में स्थित किसी भी कस्टम हायरिंग सेंटर्स से मशीन के लिए ऑर्डर दे सकते हैं.


    • इस मोबाइल एप के साथ 50,000 तक कस्टम हायरिंग सेंटर्स रजिस्टर्ड हैं, जिसमें लगभग 1 लाख 20 हजार तक मशीने एवं उपकरण उपलब्ध हैं जिसे किसान किराये पर ले सकते हैं



    सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप को डाउनलोड कैसे करें ? (How to Download CHC Farm Machinery App ?)

    किसानों के लिए मशीनरी एवं उपकरण किराये पर लेने के लिए बनाये गए ये सीएचसी सेंटर्स देशभर में खोले गए हैं. जिससे जुड़ने के लिए ‘सीएचसी फार्म मशीनरी एप’ बनाया गया है. इस एप को आप अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड करने के लिए निम्न प्रक्रिया को अपना सकते हैं –


    • सबसे पहले आप अपने मोबाइल में प्ले स्टोर ओपन करें. और उसके बाद सर्च में जाकर ‘कस्टम हायरिंग सेंटर्स (सीएचसी) मशीनरी एप’ डाल कर सर्च करें.


    • इस एप को डाउनलोड करने के लिए आप सीधे इस लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं


    • इसे क्लिक करने के बाद आपकी स्क्रीन पर इस एप को इनस्टॉल करने की बटन शो होगी, जिस पर आप क्लिक करें. फिर यह एप आपके फोन में डाउनलोड हो जायेगा.



    सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप में रजिस्टर कैसे करें ? (How to Register in CHC Farm Machinery App ?)

    एक बार आपका यह सीएचसी मशीनरी एप डाउनलोड हो जाये तो उसके बाद आप यूजर या सर्विस प्रोवाइडर के रूप में एप के तहत खुद को रजिस्टर्ड कर सकते हैं. इस एप में खुद को रजिस्टर्ड करने के लिए आप नीचे दिए हुए आसान से स्टेप्स को फॉलो करें –


    • इस एप को डाउनलोड करने के बाद इसे ओपन करें और फिर इसमें आपको हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, मराठी, तमिल जैसी विभिन्न भाषाओँ में से अपनी भाषा का चयन करना होगा. जिस भाषा में आप इस एप का उपयोग करना चाहते हैं, उसका चयन करें.


    • भाषा का चयन करने के बाद आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन पेज खुल जायेगा. यहाँ आपको ‘यूजर / फार्मर’ एवं ‘सर्विस प्रोवाइडर’, ये 2 विकल्प दिखाई देंगे, जिसमें से आपको एक का चयन करना है. यदि आप मशीन किराये पर लेना चाहते हैं तो आप ‘यूजर / फार्मर’ विकल्प पर क्लिक करें, और यदि आप अपनी मशीने अन्य किसानों को किराये पर देना चाहते हैं तो आप ‘सर्विस प्रोवाइडर’ विकल्प पर क्लिक करें.


    • अब आपकी स्क्रीन पर जो रजिस्ट्रेशन पेज खुला हुआ हैं उसमें आपको अपनी कुछ जानकारी भरनी होगी जोकि वहां आपसे पूछी जाएगी. यह जानकारी आपका नाम, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर आदि इसी तरह की हो सकती है.


    • सारी जानकारी भरने के बाद ‘रजिस्टर’ बटन पर क्लिक करें और इस तरह आप सफलतापूर्वक इस एप में रजिस्टर्ड हो जायेंगे.


    • अब आपकी स्क्रीन पर विभिन्न उपकरण एवं मशीनें शो होने लगेगी, आप उनमें से जो चाहे उस पर क्लिक कर उसे किराये पर लेने के लिए ऑर्डर दे सकते हैं.



    तीन हजार कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का है लक्ष्य, किसानों को होगा लाभ

    वर्तमान समय में खेती और बागवानी के कामों में नए-नए कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, हार्वेस्टर सहित अन्य प्रकार की मशीनें और कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है। आधुनिक कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से खेती ओर बागवानी का कम समय और खर्च में आसानी से निपटाया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार राज्य में तीन हजार कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने जा रही है। इससे किसानों को लाभ होगा। कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसान को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे जिससे उनका खेतीबाड़ी का काम आसान होगा।



    कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर मिलेगा अनुदान (Custom Hiring Centre)

    अभी बीते दिनों लोकसभा में सांसद उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश में नए कस्टम हायरिंग सेंटर, कौशल विकास केंद्र एवं यंत्र दूत की स्थापना को लेकर सवाल किए थे। इसके जबाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश में 3 हजार नए कस्टम हायरिंग केंद्र खोलने जा रही है। जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही राज्य में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी।



    कौशल विकास केंद्रों की होगी स्थापना

    इस सवाल के जवाब में देश के कृषि और कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नए वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश में 3,000 नए कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा राज्य में कौशल विकास केंद्र की स्थापना भी की जाएगी। मौजूदा समय में राज्य भोपाल, जबलपुर, सतना, सागर और ग्वालियर संभागों में कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे है। आगे वित्त वर्ष में उज्जैन, नर्मदापुरम, चंबल और शहडोल संभागों में 4 नए कौशल विकास केंद्र शुरू करने का लक्ष्य है। 600 नए कृषि यंत्र प्रणाली स्थापित किया जाएगा। कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सवाल के जवाब में बताया कि मध्य प्रदेश शासन की यंत्रदूत ग्राम योजना के तहत 600 ग्रामों में यंत्रीकृत कृषि प्रणाली स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत नियोजित तरीके से प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रमों के साथ ही बड़े स्तर पर क्लस्टर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है।



    इस कदम से किसानों की आय बढ़ने की संभावना

    मोबाइल एप के जरिये किसान मंगा सकते हैं खेती के उपकरण 

    किसानों को तीन फायदे होंगे:

    • खेती करना आसान होगा।

    • ट्रैक्टर, मशीनरी जैसे महंगे उपकरण नहीं खरीदने पड़ेंगे।

    • कम दर पर मिलने से खेती से आय भी बढ़ेगी।



    2014-2019 के बीच 10.75 लाख उपकरण दिए गए

    केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी कहते हैं, नई तकनीक वाली मशीनरी के इस्तेमाल से किसान सशक्त बनेंगे। इसके लिए कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन के तहत यह आंकड़ा 2014 से 2019 के बीच किसानों को सस्ती दर पर 10,75,194 मशीनें दी गई हैं।



    देश में 8,466 सीएससी और 6,841 फार्म मशीन बैंक

    खेती की मशीनों-उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए देशभर में 8,466 सीएचसी और 6,841 फार्म मशीन बैंक बनाए गए हैं। यहां से किसान सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ओला-उबर की तरह मोबाइल एप के जरिये खेती के उपकरण किराये पर ले सकते हैं।



    कस्टम हायरिंग सेंटर अनुदान हेतु कहां करें संपर्क

    मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य के किसानों से कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन आवेदन संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.chc.mpdage.org के माध्यम से किए जा सकते हैं। किसान योजना से जुड़ी अन्य जानकारी अपने संभाग या जिले के कृषि यंत्री या कृषि विभाग से ले सकते हैं।  

    अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।




    निष्कर्ष (Conclusion)

    हमारे देश में किसान की स्थिति के उत्थान के लिए हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है. हम सभी जानते ही हैं कि किसानों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनायें लागू की गई है जैसे कि प्रधानमंत्री किसान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि. इसी के चलते किसानों को आधुनिक तकनीक का उपयोग कर खेती करने में सहायता करने के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है, ताकि खेती से जुडी सभी डे टू डे एक्टिविटी आसानी से एवं बिना किसी समस्या के पूरी किया जा सके. किसान अपने पसंदीदा उपकरण एवं मशीन सस्ते दामों में किराये पर ले सकें, जोकि उन्हें अब तक ज़मीनदारों से प्राप्त होती थी.




    एफएक्यू’स (FAQ’s)

    Q : सीएचसी फार्म मशीनरी योजना क्या है ?

    Ans : सीएचसी फार्म मशीनरी योजना किसानों को किराये पर कृषि उपयोगी मशीनें एवं उपकरण सस्ते दामों में प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है.


    Q : सीएचसी का फुल फॉर्म क्या है ?

    Ans : सीएचसी का फुल फॉर्म कस्टम हायरिंग सेंटर है.


    Q : सीएचसी फार्म मशीनरी मोबाइल एप क्या है ?

    Ans : सीएचसी फार्म मशीनरी मोबाइल एप वह एप हैं जिसकी मदद से आप मशीनें किराये पर लेने के लिए ऑर्डर दे सकते हैं. और मशीनें आपके दिए हुए पते पर पहुंचा दी जाएगी. यह एप बिलकुल ओला या ऊबर कैब एप की तरह कार्य करता है.


    Q : सीएचसी फार्म मशीनरी योजना में क्या किसानों को कुछ भुगतान करना होगा ?

    Ans : जी हां, सीएचसी फार्म मशीनरी योजना में किसानों को 20 % का भुगतान करना होगा.


    Q : सीएचसी फार्म मशीनरी योजना में कितनी कमाई की जा सकती है ?

    Ans : इस योजना में यदि किसान मशीने किराये पर लेकर बेहतर उत्पादन करते हैं तो इससे 1 लाख रूपये या उससे की कमाई वे सालाना तौर पर कर सकते हैं. और यदि खुद की मशीन किराये पर देकर कर कमाई करते हैं तो उनकी इससे 50 हजार रूपये तक की अतिरिक्त भी कमाई हो सकती है.


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